वाराणसी: महाराष्ट्र में साधु की हत्या, फिल्मस्टार सुशांत सिंह की संदिग्ध मौत और अब ड्रग्स रैकेट के खिलाफ बोलने वाली कंगना रनौत का ऑफिस गिराने को लेकर महाराष्ट्र सरकार आरोपों से घिरी हुई है. इसी को लेकर दो दिन पहले अयोध्या के संतों ने नाराजगी जाहिर करते हुए शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अयोध्या में न घुसने देने की बात कही थी. इसके बाद राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के विवादित बयान के बाद साधु-संतों में रोष है.
राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के विवादित बयान के बाद संत समाज अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहा है. इन सब के बीच बुधवार को काशी पहुंची किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी इस पूरे प्रकरण पर चंपत राय का समर्थन किया है. उनका कहना है कि रामलला की जन्मभूमि और रामलला के दर पर कोई भी जा सकता है और उसे रोकने का अधिकार किसी को नहीं है.
'राम की चौखट सबके लिए'
किन्नर अखाड़ा के महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अयोध्या में उद्धव को रोके जाने के संतो के बयान के बाद कहा कि मुझे लगता है किसी भी व्यक्ति को जो सत्य सनातन धर्म के हैं, उन्हें मेरे रामलला के दरबार में जाने से कोई नहीं रोक सकता है. जो लोग रोक रहे हैं, रोकने की बात कर रहे हैं, वे गलत कर रहे हैं. महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण का कहना है कि भले ही राजनैतिक मतभेद हो सकते हैं. राजनीति में एक दूसरे से टकराव भी हो सकता है, लेकिन धर्म और धर्म की वेदी के साथ राम की भूमि और राम की चौखट सबके लिए है, जहां किसी को नहीं रोका जाना चाहिए.
'सबके लिए है प्रभु राम का दरबार'
कंगना रनौत और उद्धव ठाकरे के बीच चल रहे टकराव के प्रश्न पर उनका कहना था कि यह राजनैतिक प्रश्न है, वह इसमें नहीं पड़ना चाहती. उन्होंने कहा कि मैं बस यही कहना चाहती हूं कि रामलला के द्वार पर आने से किसी को नहीं रोका जाना चाहिए. महामंडलेश्वर ने कहा कि चाहे उद्धव ठाकरे हो या लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी या मेरे अखाड़े का कोई भी किन्नर या दलित या सवर्ण, प्रभु राम के दरवाजे सबके लिए बराबर हैं और मुझे लगता है कि इस पर किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए.