वाराणसी: बृजेश सिंह ने सैफई में अखिलेश यादव से मुलाकात कर मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी. बृजेश सिंह का काफिला बुधवार को दलबल के साथ सैफई पहुंचा. जहां उन्होंने अखिलेश यादव से मिलकर मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी. गौरतलब है कि यूपी के पूर्व सीएम और केंद्र में रक्षा मंत्री रहे मुलायम सिंह यादव ने 10 अक्टूबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 82 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली.
पूर्वांचल में एक अलग धमक रखने वाले बृजेश सिंह का अचानक से सैफई पहुंचना कई सियासी समीकरणों के लिए मजबूत और महत्वपूर्ण भी माना जा रहा है. इसकी बड़ी वजह यह है कि बृजेश का खुलकर तो नहीं लेकिन भारतीय जनता पार्टी बैक डोर से सपोर्ट करती है. हाल ही में हुए एमएलसी चुनाव में भी बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने जीत दर्ज की और इसके पहले बृजेश सिंह भी एमएलसी रह चुके हैं. इस बार बीजेपी ने अन्नपूर्णा के खिलाफ मजबूत कैंडिडेट को नहीं उतारा और अन्नपूर्णा एकतरफा जीत हासिल कर ले गईं. जिसमें सियासी जानकार बीजेपी का बैक डोर से बृजेश के साथ सपोर्ट मान रहे थे.
माफियावाद से दूरी बनाए रखने की बात करने वाली बीजेपी कभी बृजेश का खुलकर तो नहीं समर्थन कर रही है, लेकिन बृजेश के परिवार से बीजेपी के कई विधायक रह चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी से ही वर्तमान में बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह विधायक हैं और इसके पहले उनके चाचा चुलबुल सिंह भी बीजेपी से ही एमएलसी और विधायक रह चुके हैं. इन सबके बीच बीजेपी से नजदीकियां खुल कर न जाहिर करने वाले बृजेश का आज मुलायम सिंह के गांव पहुंचना और अखिलेश यादव से मुलाकात करना आने वाले समय में कुछ सियासी बदलाव का भी संकेत माना जा सकता है.
हालांकि दुख की इस घड़ी में सभी राजनीतिक दल प्रतिद्वंदिता और विपक्ष की राजनीति से ऊपर उठकर मुलायम के व्यक्तित्व की वजह से उनके परिवार से मिलने पहुंच रहे हैं, लेकिन पूर्वांचल से अचानक बृजेश सिंह का सैफई पहुंचना चर्चा का विषय जरूर बना हुआ है. दरअसल, गाजीपुर मुहम्मदाबाद के उसरी चट्टी में 15 जुलाई 2001 को हुई गैंगवार के आरोपी बृजेश सिंह इसी मामले में 2009 से ही जेल में बंद थे. घटना में मुख्तार अंसारी ने मुकदमा दर्ज कराया था कि यह हमला बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह ने करवाया था. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बृजेश सिंह को जमानत मिलने के बाद 4 अगस्त को वाराणसी की सेंट्रल जेल से रिहा हुआ था और तब से वह जमानत पर ही बाहर है.
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