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विश्वनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को जल्द मिलेगी शुद्ध हवा, विदेशों की तर्ज पर प्लान तैयार - वाराणसी कमिश्नर दीपक अग्रवाल

वाराणसी में स्थित विश्वनाथ धाम की आबोहवा श्मशान से निकलने वाले धुएं और चिता से निकलने वाली राख के कारण खराब हो चुकी है. ऐसे में अब यहां आने वाले भक्तों को शुद्ध हवा मुहैया कराने के लिए विदेश की तर्ज पर प्लान तैयार किया गया है.

काशी विश्वनाथ धाम की हवा होगी शुद्ध.
काशी विश्वनाथ धाम की हवा होगी शुद्ध.
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Published : Jun 20, 2022, 7:41 PM IST

वाराणसी: देवाधि देव महादेव को श्मशान अति प्रिय है. तन पर चिता भस्म लपेटे बाबा भोलेनाथ श्मशान में भूत प्रेत पिशाच के साथ वास करते हैं. लेकिन इसी श्मशान से निकलने वाले धुएं और चिता से निकलने वाली राख हवा में मिलकर बाबा विश्वनाथ के भक्तों के लिए खतरनाक साबित हो रही है. अब विश्वनाथ धाम की हवा को स्वच्छ और स्वस्थ करने के लिए एक प्लान तैयार किया गया है. इससे यहां आने वाले भक्तों के स्वास्थ्य को तो बेहतर होगा ही साथ ही साथ पूरा विश्वनाथ धाम परिसर बिल्कुल एयर पॉलूशन फ्री हो जाएगा. इसके लिए विदेश की तर्ज पर पूरे विश्वनाथ धाम परिसर में ऐसी 12 मशीनें लगाई जाएंगी, जो हवा को बिल्कुल साफ करेंगी. जल्द ही केंद्रित 12 अलग-अलग स्थानों पर इन मशीनों को इंस्टॉल किया जाएगा.

काशी विश्वनाथ धाम की हवा होगी शुद्ध.
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि विश्वनाथ धाम का जो मुख्य रास्ता मणिकर्णिका घाट और जलासेन घाट के बीच से निकाला गया है. यह रास्ता सीधे श्रद्धालुओं को विश्वनाथ मंदिर लेकर आता है . लेकिन मुख्य रास्ते के ठीक बगल में मणिकर्णिका घाट है, जो महाश्मशान के रूप में जाना जाता है. यहां पर प्रतिदिन 100 से ज्यादा शवों का दाह संस्कार होता है. यहां से निकलने वाले धुएं और सस्पेंडेड पार्टिकल लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं.

विश्वनाथ धाम की हवा अभी खतरनाकः कमिश्नर का कहना है कि अलग-अलग संस्थाओं द्वारा विश्वनाथ धाम की हवा का परीक्षण किया गया था. जिसके बाद यह बातें सामने आई कि बगल में महाश्मशान होने की वजह से सस्पेंड पार्टिकल ऑफ मैटर (SMPM) बहुत ज्यादा है. एसपीएम का लेवल ज्यादा होने पर हवा में हानिकारक तत्व मौजूद होते हैं, जो लोगों को सांस लेने में दिक्कत पैदा करते हैं. यह उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक हैं. जिन्हें सांस संबंधी कोई भी बीमारी होती है. बच्चों और बुजुर्गों के लिए तो यह ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं. यही वजह है कि विश्वनाथ धाम में अक्सर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.

मशीनें लगाने के लिए सर्वे कार्य पूराः कमिश्नर का कहना है कि संस्थाओं द्वारा किए गए सर्वे के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क किया गया और पूरे मामले की जानकारी दी गई. जिसके बाद सीएसआर फंड और पीएमओ की मदद से विश्वनाथ धाम की हवा को शुद्ध करने के लिए प्रयास शुरू किए गए. आईआईटी और अन्य टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस के एक्सपर्ट ने यहां पर जांच पड़ताल की और इसके बाद यह चीजें सामने आई कि आयोनाइजेशन की मदद से किसी स्थान की हवा को बेहतर किया जा सकता है. इसके लिए विदेशों की तर्ज पर एयर क्वालिटी को फिल्टर करने की कुछ बड़ी मशीनें लगाई जाती हैं. ऐसी 12 मशीनों की जरूरत विश्वनाथ धाम की हवा को स्वच्छ करने के लिए पड़ रही है. जिसका सर्वे इन मशीनों की डिलीवरी करने वाली कंपनी की तरफ से एक्सपर्ट के द्वारा किया जा चुका है. स्थानों का चयन भी हो गया है. आने वाले समय में विश्वनाथ धाम में ऐसी 12 मशीनें लगेंगी, जो हवा की क्वालिटी को बिल्कुल फिल्टर करने का काम करेंगी.

इसे भी पढ़ें-काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों के लिए स्वास्थ विभाग ने तैयार किया ये मास्टर प्लान


2 किमी क्षेत्र की हवा होगी शुद्धः कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है विश्वनाथ धाम परिसर में हाई डिफिशिएंसी पार्टिकुलेट एयर टेक्निक पर काम करने वाली 12 प्यूरीफायर मशीनों को लगाया जाएगा. इस टेक्निकल टर्म के जरिए 0.3 माइक्रोन से बड़े 99.97 से अधिक कणों को यह मशीनें ऑब्जर्वर कर लेती है और उनको सोखने के बाद हवा खुद-ब-खुद स्वस्थ हो जाएगी. इससे सिर्फ विश्वनाथ धाम ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी. क्योंकि विश्वनाथ धाम के आसपास के एरिया में भी मणिकर्णिका घाट पर जलती चिताओं की वजह से 2.5 और pm10 के साथ कार्बन की मात्रा बहुत ज्यादा होती जा रही है. इस फिल्टर की मदद से विश्वनाथ धाम के साथ ही लगभग 2 किलोमीटर के एरिया की हवा भी साफ सुथरी होगी और लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी. यानी आने वाले समय में धधकती चिताओं से निकलने वाले विषैले कणों से विश्वनाथ धाम के साथ आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को साफ-सुथरी और पक्ष हवा बाबा की कृपा से मिलने जा रही है.

वाराणसी: देवाधि देव महादेव को श्मशान अति प्रिय है. तन पर चिता भस्म लपेटे बाबा भोलेनाथ श्मशान में भूत प्रेत पिशाच के साथ वास करते हैं. लेकिन इसी श्मशान से निकलने वाले धुएं और चिता से निकलने वाली राख हवा में मिलकर बाबा विश्वनाथ के भक्तों के लिए खतरनाक साबित हो रही है. अब विश्वनाथ धाम की हवा को स्वच्छ और स्वस्थ करने के लिए एक प्लान तैयार किया गया है. इससे यहां आने वाले भक्तों के स्वास्थ्य को तो बेहतर होगा ही साथ ही साथ पूरा विश्वनाथ धाम परिसर बिल्कुल एयर पॉलूशन फ्री हो जाएगा. इसके लिए विदेश की तर्ज पर पूरे विश्वनाथ धाम परिसर में ऐसी 12 मशीनें लगाई जाएंगी, जो हवा को बिल्कुल साफ करेंगी. जल्द ही केंद्रित 12 अलग-अलग स्थानों पर इन मशीनों को इंस्टॉल किया जाएगा.

काशी विश्वनाथ धाम की हवा होगी शुद्ध.
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि विश्वनाथ धाम का जो मुख्य रास्ता मणिकर्णिका घाट और जलासेन घाट के बीच से निकाला गया है. यह रास्ता सीधे श्रद्धालुओं को विश्वनाथ मंदिर लेकर आता है . लेकिन मुख्य रास्ते के ठीक बगल में मणिकर्णिका घाट है, जो महाश्मशान के रूप में जाना जाता है. यहां पर प्रतिदिन 100 से ज्यादा शवों का दाह संस्कार होता है. यहां से निकलने वाले धुएं और सस्पेंडेड पार्टिकल लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं.

विश्वनाथ धाम की हवा अभी खतरनाकः कमिश्नर का कहना है कि अलग-अलग संस्थाओं द्वारा विश्वनाथ धाम की हवा का परीक्षण किया गया था. जिसके बाद यह बातें सामने आई कि बगल में महाश्मशान होने की वजह से सस्पेंड पार्टिकल ऑफ मैटर (SMPM) बहुत ज्यादा है. एसपीएम का लेवल ज्यादा होने पर हवा में हानिकारक तत्व मौजूद होते हैं, जो लोगों को सांस लेने में दिक्कत पैदा करते हैं. यह उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक हैं. जिन्हें सांस संबंधी कोई भी बीमारी होती है. बच्चों और बुजुर्गों के लिए तो यह ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं. यही वजह है कि विश्वनाथ धाम में अक्सर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.

मशीनें लगाने के लिए सर्वे कार्य पूराः कमिश्नर का कहना है कि संस्थाओं द्वारा किए गए सर्वे के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क किया गया और पूरे मामले की जानकारी दी गई. जिसके बाद सीएसआर फंड और पीएमओ की मदद से विश्वनाथ धाम की हवा को शुद्ध करने के लिए प्रयास शुरू किए गए. आईआईटी और अन्य टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस के एक्सपर्ट ने यहां पर जांच पड़ताल की और इसके बाद यह चीजें सामने आई कि आयोनाइजेशन की मदद से किसी स्थान की हवा को बेहतर किया जा सकता है. इसके लिए विदेशों की तर्ज पर एयर क्वालिटी को फिल्टर करने की कुछ बड़ी मशीनें लगाई जाती हैं. ऐसी 12 मशीनों की जरूरत विश्वनाथ धाम की हवा को स्वच्छ करने के लिए पड़ रही है. जिसका सर्वे इन मशीनों की डिलीवरी करने वाली कंपनी की तरफ से एक्सपर्ट के द्वारा किया जा चुका है. स्थानों का चयन भी हो गया है. आने वाले समय में विश्वनाथ धाम में ऐसी 12 मशीनें लगेंगी, जो हवा की क्वालिटी को बिल्कुल फिल्टर करने का काम करेंगी.

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2 किमी क्षेत्र की हवा होगी शुद्धः कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है विश्वनाथ धाम परिसर में हाई डिफिशिएंसी पार्टिकुलेट एयर टेक्निक पर काम करने वाली 12 प्यूरीफायर मशीनों को लगाया जाएगा. इस टेक्निकल टर्म के जरिए 0.3 माइक्रोन से बड़े 99.97 से अधिक कणों को यह मशीनें ऑब्जर्वर कर लेती है और उनको सोखने के बाद हवा खुद-ब-खुद स्वस्थ हो जाएगी. इससे सिर्फ विश्वनाथ धाम ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी. क्योंकि विश्वनाथ धाम के आसपास के एरिया में भी मणिकर्णिका घाट पर जलती चिताओं की वजह से 2.5 और pm10 के साथ कार्बन की मात्रा बहुत ज्यादा होती जा रही है. इस फिल्टर की मदद से विश्वनाथ धाम के साथ ही लगभग 2 किलोमीटर के एरिया की हवा भी साफ सुथरी होगी और लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी. यानी आने वाले समय में धधकती चिताओं से निकलने वाले विषैले कणों से विश्वनाथ धाम के साथ आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को साफ-सुथरी और पक्ष हवा बाबा की कृपा से मिलने जा रही है.

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