ETV Bharat / state

पीएम के संसदीय क्षेत्र में बना यूपी का सबसे बड़ा सरकारी स्मार्ट स्कूल, जानें किन सुविधाओं से है लैस - up first big government smart school

यूपी के वाराणसी में मछोदरी इलाके में बना यूपी का सबसे बड़ा सरकारी स्मार्ट स्कूल लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गया है. आधुनिक सुविधाओं से लैस यह सरकारी स्कूल किसी कॉरपोरेट स्कूल से कम नहीं. इसके चलते अब यहां कॉन्वेंट स्कूल के बच्चे भी अपना दाखिला करवा रहे हैं.

मछोदरी स्मार्ट सरकारी स्कूल
मछोदरी स्मार्ट सरकारी स्कूल
author img

By

Published : Sep 13, 2021, 1:07 PM IST

वाराणसी: सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही जहन में एक बदहाल तस्वीर नजर आती है. स्कूल में बिछी गंदी और फटी हुई टाटपट्टी, गंदगी, टॉयलेट का अभाव आदि अव्यवस्थाओं से पटा एक ऐसा कैंपस जहां आम परिवारों के लोग अपने बच्चों को भेजना तक नहीं चाहते.

अब यह तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है. जी हां! नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में बना एक स्कूल प्रधानमंत्री के स्मार्ट स्कूल के सपने को साकार करता नजर आता है. यहां बात हो रही है मछोदरी इलाके में बने मछोदरी प्राइमरी स्कूल की जो वर्तमान में यूपी का सबसे बड़ा सरकारी स्मार्ट स्कूल बन गया है.

प्रोजेक्टर, स्मार्ट क्लास, लिफ्ट, आधुनिक सुविधाओं से लैस यह स्कूल पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के ख्वाब को पूरा करता एक सरकारी स्मार्ट स्कूल है जो कॉन्वेंट स्कूलों से भी बेहतर बनकर उभरा है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी स्मार्ट स्कूल में पढ़ने के लिए बच्चों की होड़ लगी हुई है.

खास बात यह है कि इस स्कूल में पढ़ने के लिए गरीब बच्चों से लेकर कॉन्वेंट में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक लाइन लगाकर खड़े हैं. अभिभावकों का कहना है कि यह स्कूल बच्चों के सर्वांगीण शैक्षणिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा. इस स्कूल में निजी कान्वेंट स्कूलों से भी बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है.

बताते हैं कि यहां कभी नगर निगम का जूनियर हाईस्कूल हुआ करता था. इसे तोड़कर अब यहां हाईस्कूल तक के लिए स्मार्ट स्कूल बनाया गया है. इस स्कूल में दाखिले के लिए होड़ मची हुई है. यही वजह है कि यहां ज्यादा से ज्यादा अभिभावक पहुंच रहे हैं और अपने बच्चों के दाखिले के लिए प्रयास कर रहे हैं.

बच्चों का कहना है कि यहां पर उन्हें अंग्रेजी- हिंदी दोनों ही भाषा की बेहतर शिक्षा मिल रही है. इसके साथ टीचरों के द्वारा छोटे-छोटे कार्यक्रम, खेलों के माध्यम से उन्हें शिक्षित किया जाता है.

स्कूल में पढ़ने आए बच्चों का कहना है कि यहां पर उन्हें स्मार्ट क्लास की सुविधा मिल रही है जबकि कान्वेंट स्कूल में उन्हें इतनी बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं थीं. विद्यार्थियों ने बताया कि इतनी बेहतर सुविधा उन्हें नि:शुल्क दी जा रही है.

विद्यालय के प्रधानाध्यापक भयानक सिंह ने बताया कि इस विद्यालय में 400 के लगभग छात्र हैं. हर कमरे में 60 बच्चों के बैठने की व्यवस्था है. वर्तमान में 200 से ज्यादा बच्चों ने कान्वेंट स्कूल से आकर के इस सरकारी स्कूल में अपना दाखिला कराया है. बताया कि यह बेहद गर्व की बात है कि बच्चों का रुझान सरकारी स्कूलों की ओर बढ़ रहा है और इस स्कूल में दी जाने वाली आधुनिक सुविधाएं, उच्च गुणवत्तापरक शिक्षा बच्चों के भविष्य को और बेहतर बनाएगी.

आधुनिक सुविधाओं से लैस

विद्यालय के प्रधानाध्यापक भयानक सिंह ने बताया कि हमारे विद्यालय में हर तरीके की आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. दिव्यांग बच्चों के लिए लिफ्ट, स्मार्ट क्लास, डिजिटल ब्लैक बोर्ड के साथ साथ नई शिक्षा नीति के तरह पढ़ाई. इसके साथ ही बच्चों के सर्वांगीण विकास पर भी ध्यान दिया जाता है. इसके अलावा इस विद्यालय में सोलर सिस्टम, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और स्मार्ट फायर सिस्टम से लैस रखा गया है. अभी यह स्कूल हाईस्कूल तक चल रहा है. आगे चलकर इस स्कूल में इंटर तक सीबीएससी बोर्ड की व्यवस्था होगी. इसके लिए खेलकूद और लाइब्रेरी की भी व्यवस्था है.

उन्होंने बताया कि यह प्रदेश का एकमात्र ऐसा स्कूल है जो कॉरपोरेट स्कूल को टक्कर दे रहा है. वरना एक समय में यह स्कूल अपने स्थिति के लिए रोना रोता था. काशी का 90 साल पुराना यह स्कूल आज पूरे प्रदेश में लोगों के लिए प्रेरणा बन रहा है. लोग अपने बच्चों का एडमिशन इस विद्यालय में कराना चाह रहे हैं. वरना यहां विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए बुलाना किसी चुनौती से कम नहीं था.

मछोदरी स्मार्ट सरकारी स्कूल

इसे भी पढ़ें-सुविधाओं और कोच के आभाव में टूट रहे खिलाड़ियों के सपने


पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला

बता दें कि 90 साल पुराने वाराणसी के इस सरकारी विद्यालय की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई. उन्हीं के द्वारा विद्यालय का उद्घाटन कर इससे विद्यार्थियों के लिए समर्पित किया गया. इसके तर्ज पर काशी में महमूरगंज कंपोजिट विद्यालय को भी विकसित करने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही प्रदेश के अन्य विद्यालयों के लिए भी ऐसी योजना लाई गई है. जिसके तहत सरकारी विद्यालयों को स्मार्ट किया जाएगा, जिससे बच्चों को एक बेहतर और गुणवत्ता परक शिक्षा मिल सकेगी.

वाराणसी: सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही जहन में एक बदहाल तस्वीर नजर आती है. स्कूल में बिछी गंदी और फटी हुई टाटपट्टी, गंदगी, टॉयलेट का अभाव आदि अव्यवस्थाओं से पटा एक ऐसा कैंपस जहां आम परिवारों के लोग अपने बच्चों को भेजना तक नहीं चाहते.

अब यह तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है. जी हां! नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में बना एक स्कूल प्रधानमंत्री के स्मार्ट स्कूल के सपने को साकार करता नजर आता है. यहां बात हो रही है मछोदरी इलाके में बने मछोदरी प्राइमरी स्कूल की जो वर्तमान में यूपी का सबसे बड़ा सरकारी स्मार्ट स्कूल बन गया है.

प्रोजेक्टर, स्मार्ट क्लास, लिफ्ट, आधुनिक सुविधाओं से लैस यह स्कूल पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के ख्वाब को पूरा करता एक सरकारी स्मार्ट स्कूल है जो कॉन्वेंट स्कूलों से भी बेहतर बनकर उभरा है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी स्मार्ट स्कूल में पढ़ने के लिए बच्चों की होड़ लगी हुई है.

खास बात यह है कि इस स्कूल में पढ़ने के लिए गरीब बच्चों से लेकर कॉन्वेंट में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक लाइन लगाकर खड़े हैं. अभिभावकों का कहना है कि यह स्कूल बच्चों के सर्वांगीण शैक्षणिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा. इस स्कूल में निजी कान्वेंट स्कूलों से भी बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है.

बताते हैं कि यहां कभी नगर निगम का जूनियर हाईस्कूल हुआ करता था. इसे तोड़कर अब यहां हाईस्कूल तक के लिए स्मार्ट स्कूल बनाया गया है. इस स्कूल में दाखिले के लिए होड़ मची हुई है. यही वजह है कि यहां ज्यादा से ज्यादा अभिभावक पहुंच रहे हैं और अपने बच्चों के दाखिले के लिए प्रयास कर रहे हैं.

बच्चों का कहना है कि यहां पर उन्हें अंग्रेजी- हिंदी दोनों ही भाषा की बेहतर शिक्षा मिल रही है. इसके साथ टीचरों के द्वारा छोटे-छोटे कार्यक्रम, खेलों के माध्यम से उन्हें शिक्षित किया जाता है.

स्कूल में पढ़ने आए बच्चों का कहना है कि यहां पर उन्हें स्मार्ट क्लास की सुविधा मिल रही है जबकि कान्वेंट स्कूल में उन्हें इतनी बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं थीं. विद्यार्थियों ने बताया कि इतनी बेहतर सुविधा उन्हें नि:शुल्क दी जा रही है.

विद्यालय के प्रधानाध्यापक भयानक सिंह ने बताया कि इस विद्यालय में 400 के लगभग छात्र हैं. हर कमरे में 60 बच्चों के बैठने की व्यवस्था है. वर्तमान में 200 से ज्यादा बच्चों ने कान्वेंट स्कूल से आकर के इस सरकारी स्कूल में अपना दाखिला कराया है. बताया कि यह बेहद गर्व की बात है कि बच्चों का रुझान सरकारी स्कूलों की ओर बढ़ रहा है और इस स्कूल में दी जाने वाली आधुनिक सुविधाएं, उच्च गुणवत्तापरक शिक्षा बच्चों के भविष्य को और बेहतर बनाएगी.

आधुनिक सुविधाओं से लैस

विद्यालय के प्रधानाध्यापक भयानक सिंह ने बताया कि हमारे विद्यालय में हर तरीके की आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. दिव्यांग बच्चों के लिए लिफ्ट, स्मार्ट क्लास, डिजिटल ब्लैक बोर्ड के साथ साथ नई शिक्षा नीति के तरह पढ़ाई. इसके साथ ही बच्चों के सर्वांगीण विकास पर भी ध्यान दिया जाता है. इसके अलावा इस विद्यालय में सोलर सिस्टम, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और स्मार्ट फायर सिस्टम से लैस रखा गया है. अभी यह स्कूल हाईस्कूल तक चल रहा है. आगे चलकर इस स्कूल में इंटर तक सीबीएससी बोर्ड की व्यवस्था होगी. इसके लिए खेलकूद और लाइब्रेरी की भी व्यवस्था है.

उन्होंने बताया कि यह प्रदेश का एकमात्र ऐसा स्कूल है जो कॉरपोरेट स्कूल को टक्कर दे रहा है. वरना एक समय में यह स्कूल अपने स्थिति के लिए रोना रोता था. काशी का 90 साल पुराना यह स्कूल आज पूरे प्रदेश में लोगों के लिए प्रेरणा बन रहा है. लोग अपने बच्चों का एडमिशन इस विद्यालय में कराना चाह रहे हैं. वरना यहां विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए बुलाना किसी चुनौती से कम नहीं था.

मछोदरी स्मार्ट सरकारी स्कूल

इसे भी पढ़ें-सुविधाओं और कोच के आभाव में टूट रहे खिलाड़ियों के सपने


पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला

बता दें कि 90 साल पुराने वाराणसी के इस सरकारी विद्यालय की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई. उन्हीं के द्वारा विद्यालय का उद्घाटन कर इससे विद्यार्थियों के लिए समर्पित किया गया. इसके तर्ज पर काशी में महमूरगंज कंपोजिट विद्यालय को भी विकसित करने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही प्रदेश के अन्य विद्यालयों के लिए भी ऐसी योजना लाई गई है. जिसके तहत सरकारी विद्यालयों को स्मार्ट किया जाएगा, जिससे बच्चों को एक बेहतर और गुणवत्ता परक शिक्षा मिल सकेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.