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वाराणसी: आज लगेगा खंडग्रास चंद्र ग्रहण, इन बातों का रखें विशेष ध्यान - उत्तराषाढ़ा नक्षत्र

हिंदू धर्म शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व माना जाता है. इस बार 2019 का पहला चंद्र ग्रहण मंगलवार यानी 16 जुलाई की मध्यरात्रि में लगने जा रहा है. लगभग 3 घंटे का यह चंद्रग्रहण पूरे भारतवर्ष में दिखाई देगा.

खंडग्रास चंद्रग्रहण.
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Published : Jul 16, 2019, 2:32 AM IST

Updated : Jul 16, 2019, 5:27 AM IST

वाराणसी: 2019 का पहला चंद्र ग्रहण 16 जुलाई को लगने वाला है. शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल से लगभग 9 घंटा पूर्व ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है. यानी 16 जुलाई की शाम 4 बजकर 30 मिनट से ही ग्रहण के सूतक काल की शुरुआत हो जाएगी. मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे. पूजन पाठ पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाएगा. लेकिन इस दौरान बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जिनके करने से पुण्य होता है और ग्रहण के असर से भगवान को होने वाले कष्ट में भी कमी आती है.

खंडग्रास चंद्रग्रहण के बारे में जानकारी देते डॉक्टर विनय कुमार पांडेय.

पूरी दुनिया में देखा जाएगा यह चंद्रग्रहण-

  • ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर बार ग्रहण किसी विशेष राशि पर लगता है.
  • इसका असर अन्य राशियों पर भी पड़ता है.
  • इस बारे में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉक्टर विनय कुमार पांडेय ने ईटीवी भारत से बातचीत की.
  • डॉ. विनय कुमार पांडेय ने बताया कि 16 जुलाई की मध्यरात्रि यानी रात 1 बजकर 31 मिनट पर ग्रहण का प्रारंभ होगा.
  • ग्रहण में चार अलग-अलग काल होते हैं.
  • इनमें सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू होता है.
  • स्पर्श रात्रि 1 बजकर 31 मिनट पर होगा.
  • ग्रहण का मध्यकाल 3 बजकर 01 मिनट पर जबकि मोक्ष काल 17 जुलाई की भोर में 4 बजकर 30 मिनट पर होगा.

आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहे इस चंद्रग्रहण को खंडग्रास चंद्रग्रहण कहा जा रहा है. इस दौरान चंद्रमा का कुछ हिस्सा ग्रहण से दूर होगा और इसे पूरे भारतवर्ष समेत दुनिया के कई अन्य देशों में भी देखा जाएगा. ग्रहण काल में निकलने वाली चंद्रमा की किरणों की नकारात्मक और हानिकारक किरणें काफी प्रभाव डालती हैं. जिसकी वजह से इस दौरान बहुत से कार्य प्रतिबंधित होते हैं.
-डॉ. विनय कुमार पांडेय, विभागाध्यक्ष, ज्योतिष विभाग

राशि अनुसार ग्रहण का असर-

  • मेष- मान प्रतिष्ठा में कमी
  • वृषभ- मृत्यु तुल्य कष्ट
  • मिथुन- जीवनसाथी को कष्ट
  • कर्क- शुभ फलदाई
  • सिंह- चिंताजनक
  • कन्या- कष्टदायक
  • तुला- लाभ और लक्ष्मी प्राप्ति
  • वृश्चिक- मन बेचैन होगा
  • धनु- अति कष्टप्रद
  • मकर- हानिप्रद
  • कुम्भ- लाभ की स्थिति
  • मीन- शुभ फलदाई

इन बातों का रखें विशेष ध्यान-

  • ग्रहण के दौरान अन्न, जल ग्रहण न करें.
  • ग्रहण के पास काल से पहले स्नान करें और मोक्ष काल के बाद स्नान कर दान करें.
  • जिन राशियों के लिए ग्रहण उत्तम नहीं है, वह इसे कतई ना देखें.
  • ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यदि ग्रहण का फल किसी राशि के लिए खराब हो तो वह तब तक असर नहीं दिखाता जब तक ग्रहण देखा न जाए.
  • अगर किसी वजह से ग्रहण देख लिया तो ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर दान अवश्य करें.
  • ग्रहण जितनी भी देर रहे, उतने समय तक जप और हवन करें.
  • सुंदरकांड का पाठ और हनुमान चालीसा का पाठ भी विशेष फलदाई है.
  • जप या हवन नहीं कर रहे हैं तो भजन कीर्तन करते रहे.
  • गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतें.
  • ग्रहण के दौरान निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
  • गर्भवती महिलाएं अपनी नाभि में गाय के गोबर का लेपन करें जिससे ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का दुष्प्रभाव शिशु तक नहीं पहुंचेगा.

वाराणसी: 2019 का पहला चंद्र ग्रहण 16 जुलाई को लगने वाला है. शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल से लगभग 9 घंटा पूर्व ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है. यानी 16 जुलाई की शाम 4 बजकर 30 मिनट से ही ग्रहण के सूतक काल की शुरुआत हो जाएगी. मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे. पूजन पाठ पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाएगा. लेकिन इस दौरान बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जिनके करने से पुण्य होता है और ग्रहण के असर से भगवान को होने वाले कष्ट में भी कमी आती है.

खंडग्रास चंद्रग्रहण के बारे में जानकारी देते डॉक्टर विनय कुमार पांडेय.

पूरी दुनिया में देखा जाएगा यह चंद्रग्रहण-

  • ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर बार ग्रहण किसी विशेष राशि पर लगता है.
  • इसका असर अन्य राशियों पर भी पड़ता है.
  • इस बारे में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉक्टर विनय कुमार पांडेय ने ईटीवी भारत से बातचीत की.
  • डॉ. विनय कुमार पांडेय ने बताया कि 16 जुलाई की मध्यरात्रि यानी रात 1 बजकर 31 मिनट पर ग्रहण का प्रारंभ होगा.
  • ग्रहण में चार अलग-अलग काल होते हैं.
  • इनमें सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू होता है.
  • स्पर्श रात्रि 1 बजकर 31 मिनट पर होगा.
  • ग्रहण का मध्यकाल 3 बजकर 01 मिनट पर जबकि मोक्ष काल 17 जुलाई की भोर में 4 बजकर 30 मिनट पर होगा.

आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहे इस चंद्रग्रहण को खंडग्रास चंद्रग्रहण कहा जा रहा है. इस दौरान चंद्रमा का कुछ हिस्सा ग्रहण से दूर होगा और इसे पूरे भारतवर्ष समेत दुनिया के कई अन्य देशों में भी देखा जाएगा. ग्रहण काल में निकलने वाली चंद्रमा की किरणों की नकारात्मक और हानिकारक किरणें काफी प्रभाव डालती हैं. जिसकी वजह से इस दौरान बहुत से कार्य प्रतिबंधित होते हैं.
-डॉ. विनय कुमार पांडेय, विभागाध्यक्ष, ज्योतिष विभाग

राशि अनुसार ग्रहण का असर-

  • मेष- मान प्रतिष्ठा में कमी
  • वृषभ- मृत्यु तुल्य कष्ट
  • मिथुन- जीवनसाथी को कष्ट
  • कर्क- शुभ फलदाई
  • सिंह- चिंताजनक
  • कन्या- कष्टदायक
  • तुला- लाभ और लक्ष्मी प्राप्ति
  • वृश्चिक- मन बेचैन होगा
  • धनु- अति कष्टप्रद
  • मकर- हानिप्रद
  • कुम्भ- लाभ की स्थिति
  • मीन- शुभ फलदाई

इन बातों का रखें विशेष ध्यान-

  • ग्रहण के दौरान अन्न, जल ग्रहण न करें.
  • ग्रहण के पास काल से पहले स्नान करें और मोक्ष काल के बाद स्नान कर दान करें.
  • जिन राशियों के लिए ग्रहण उत्तम नहीं है, वह इसे कतई ना देखें.
  • ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यदि ग्रहण का फल किसी राशि के लिए खराब हो तो वह तब तक असर नहीं दिखाता जब तक ग्रहण देखा न जाए.
  • अगर किसी वजह से ग्रहण देख लिया तो ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर दान अवश्य करें.
  • ग्रहण जितनी भी देर रहे, उतने समय तक जप और हवन करें.
  • सुंदरकांड का पाठ और हनुमान चालीसा का पाठ भी विशेष फलदाई है.
  • जप या हवन नहीं कर रहे हैं तो भजन कीर्तन करते रहे.
  • गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतें.
  • ग्रहण के दौरान निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
  • गर्भवती महिलाएं अपनी नाभि में गाय के गोबर का लेपन करें जिससे ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का दुष्प्रभाव शिशु तक नहीं पहुंचेगा.
Intro:वाराणसी: हिंदू धर्म शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व माना जाता है यूं तो ग्राम मंडल में अलग अलग कई ग्रहण लगते हैं लेकिन महत्वपूर्ण होता है सूर्य और चंद्र ग्रहण जिन्हें देखा भी जा सकता है और इस बार 2019 का पहला चंद्र ग्रहण मंगलवार यानी 16 जुलाई की मध्यरात्रि में लगने जा रहा है, लगभग 3 घंटे का यह चंद्रग्रहण पूरे भारतवर्ष में दिखाई देगा शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल से लगभग 9 घंटा पूर्व ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है, यानी 16 जुलाई की शाम 4:30 से ही ग्रहण के सूतक काल की शुरुआत हो जाएगी जिसकी वजह से मंदिरों के कपाट बंद होंगे और पूजन पाठ पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाएगा, लेकिन इस दौरान बहुत सी ऐसी चीजें हैं जिनका करना पुण्य फलदाई होता है और ग्रहण के असर से भगवान को होने वाले कष्ट में भी कमी आती है. इतना ही नहीं ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर बार ग्रहण किसी विशेष राशि पर लगता है जिसका असर अन्य राशियों पर भी पड़ता है क्या है मंगलवार को लगने वाले ग्रहण का प्रभाव और इस दौरान क्या करें और क्या ना करें यह जाने काशी के विद्वानों से.


Body:वीओ-01 इस बारे में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉक्टर विनय कुमार पांडेय ने बताया कि 16 जुलाई की मध्यरात्रि यानी रात 1:31 पर ग्रहण का प्रारंभ होगा, ग्रहण में चार अलग-अलग काल होते हैं. जिनमें सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू होता है जबकि स्पर्श का रात्रि 1:31 पर और ग्रहण का मध्यकाल 3:01 पर और मोक्ष काल 17 जुलाई की भोर में 4:30 पर होगा डॉ विनय का कहना है कि आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहे इस चंद्रग्रहण को खंडग्रास चंद्रग्रहण कहा जा रहा है खंडग्रास का मतलब पूर्ण रूप से नहीं इस दौरान चंद्रमा का कुछ हिस्सा ग्रहण से दूर होगा और इसे पूरे भारतवर्ष समेत दुनिया के कई अन्य देशों में भी देखा जाएगा, क्योंकि ग्रहण काल में निकलने वाली चंद्रमा की किरणों की नकारात्मक और हानिकारक किरणें काफी प्रभाव डालते हैं. जिसकी वजह से इस दौरान बहुत से कार्य प्रतिबंधित होते हैं इतना ही नहीं इस बार ग्रहण राशि के अनुसार धनु पर लग रहा है और चूंकि धनु राशि पर ग्रहण का लगना इस राशि के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक होगा जबकि अन्य राशियों पर भी इसका गहरा असर देखने को मिलेगा.

बाईट- डॉ विनय कुमार पांडेय, विभागाध्यक्ष, ज्योतिष विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय


Conclusion:राशि अनुसार ग्रहण का असर

मेष- मान प्रतिष्ठा में कमी
वृषभ- मृत्यु तुल्य कष्ट
मिथुन- जीवनसाथी को कष्ट
कर्क- शुभ फलदाई
सिंह- चिंताजनक
कन्या- कष्टदायक
तुला- लाभ और लक्ष्मी प्राप्ति
वृश्चिक- मन बेचैन होगा
धनु- अति कष्टप्रद
मकर- हानिप्रद
कुम्भ- लाभ की स्थिति
मीन- शुभ फलदाई

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

- ग्रहण के दौरान अन्न, जल ग्रहण ना करें
- ग्रहण के पास काल से पहले स्नान करें और मोक्ष काल के बाद स्नान कर दान करें
- जिन राशियों के लिए ग्रहण उत्तम नहीं है वह इसे कतई ना देखें
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यदि ग्रह का फल इसी राशि के लिए खराब हो तो वह तब तक असर नहीं दिखाता जब तक ग्रहण देखा ना जाए
- फिर भी किसी वजह से ग्रहण देख लिया तो ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर दान अवश्य करें
- ग्रहण जितने भी देर रहे इतनी देर तक जप और हवन करें सुंदरकांड का पाठ और हनुमान चालीसा का पाठ भी विशेष फलदाई है
- जप या हवन नहीं कर रहे हैं तो भजन कीर्तन करते रहे
- गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतें
ग्रहण के दौरान निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकती हैं
--गर्भवती महिलाएं अपनी नाभि में गाय के गोबर कालेपन करें जिससे ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का दुष्प्रभाव शिशु तक नहीं पहुंचेगा


गोपाल मिश्र

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Last Updated : Jul 16, 2019, 5:27 AM IST
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