वाराणसी: चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण दोनों का व्यापक असर हर जीव पर पड़ता है. ग्रहण की वजह से भगवान की पूजा, अर्चना और आरती के वक्त में भी बदलाव होता है. माना जाता है कि ग्रहण लगने से 9 घंटे पूर्व सूतक काल की शुरुआत हो जाती है.
- 16 जुलाई को खग्रास चंद्रग्रहण लग रहा है.
- ग्रहण रात लगभग 1:30 बजे से लेकर 17 जुलाई की भोर में 4:30 बजे तक रहेगा.
- ग्रहण के कारण काशी में दर्शन, पूजन और भगवान की आरती बंद रहेंगी.
- दशाश्वमेध घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती के वक्त में भी बदलाव किया गया है.
- काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाली भोर की मंगला आरती के वक्त में भी बदलाव के साथ मंदिर के कपाट खुलने के वक्त में भी बदलाव हुआ है.
- ग्रहण के समय वाराणसी समेत देशभर के मंदिरों के कपाट बंद किए जाएंगे.
- दशाश्वमेध घाट पर होने वाली दैनिक गंगा आरती गुरु पूर्णिमा यानी मंगलवार को शाम की जगह दोपहर तीन बजे होगी.
- गंगा आरती के 27 साल के इतिहास में यह तीसरा मौका है जब समय बदल रहा है.
चंद्र ग्रहण के कारण श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाली आरतियों में सिर्फ मंदिर के बंद होने और खुलने का समय बदला गया है. मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक सूतक काल शुरू होने के बाद मंदिर में होने वाली सायं सप्तर्षि आरती और श्रृंगार भोग आरती एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय पर होगी.