वाराणसी: काशी के हर घाट की अपनी अलग पहचान है. यहां के बहुत से घाट संगीत और खान-पान के लिए प्रसिद्ध हैं. वाराणसी के पाण्डेय घाट पर शाम को चाय पीने वालों की भीड़ लगती है, जहां सभी लोग काशी की स्पेशल चाय पीने आते हैं. वाराणसी के लोग यहां पर बनने वाली बिना चायपत्ती की चाय के मुरीद हैं.
40 साल से बिक रही लेमन जिंजर टी
चाय बेचने वाले रिंकू साहनी ने बताया कि उनकी दुकान 40 साल पुरानी है. यहां पर उनकी पीढ़ी से यह काम हो रहा है. उन्होंने बताया कि यहां लेमन टी और बिना चायपत्ती की चाय जिसे प्रसिद्ध भाषा में लेमन जिंजर टी कहा जाता है, इन दोनों की डिमांड ज्यादा है. उन्होंने बताया कि उनकी दुकान से इस चाय की शुरुआत हुई. उन्होंने बताया कि वरुणा से अस्सी घाट के बीच में ऐसी चाय सिर्फ उनके यहां ही बनाई जाती है. इसको लोग बहुत पसंद करते हैं. जो भी विदेशी मेहमान वाराणसी आता है, वह इस चाय को पीने जरूर आता है.
ये है इस चाय की रेसिपी
रिंकू साहनी ने बिना चायपत्ती वाली चाय की रेसिपी भी बताई. उन्होंने कहा कि इसमें अदरक, नींबू, चीनी और गर्म पानी एक निश्चित मात्रा में डाला जाता है, तब ये चाय तैयार होती है. यदि इसमें किसी भी सामान की अधिकता या कमी होगी तो चाय का स्वाद खराब हो जाएगा. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में सेहत के लिए ये बेहद बढ़िया है क्योंकि जो आयुष मंत्रालय ने काढ़ा पीने के लिए बताया है यह भी कुछ-कुछ उसी के जैसा है. इस समय यदि लोग नार्मल चाय की अपेक्षा इस चाय को पियेंगे तो इम्युनिटी बेहतर रहेंगी.
लोगों की पसंदीदा है यह चाय
चाय पीने वाले गौरव गुप्ता ने बताया कि हमेशा से बनारस का यह कल्चर रहा है कि शाम को घाट पर दोस्तों के साथ चाय की चुस्की ली जाए. ऐसे में वह अपने दोस्तों के साथ 2011 में यहां पहली बार चाय पीने आए थे और तब से वह लगातार चाय की इस दुकान पर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि चाय का ऐसा स्वाद और कहीं पर भी नहीं है.