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वाराणसी: बीएचयू में ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन, 7 जुलाई तक चलेगा कार्यक्रम - बीएचयू समाचार

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत मंच कला संकाय द्वारा ऑनलाइन व्याख्यान माला का आयोजन किया गया. यह 7 जुलाई तक चलेगा. इस व्याख्यान माला में अलग-अलग क्षेत्र के कलाकार सम्मिलित होंगे.

बीएचयू में ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन
बीएचयू में ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन
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Published : Jun 29, 2020, 2:10 AM IST

वाराणसी: वैश्विक महामारी में समय का सदुपयोग करते हुए बीएचयू के संगीत मंच कला संकाय द्वारा ऑनलाइन व्याख्यान माला रविवार से प्रारम्भ हुई. इस व्याख्यान माला में 'वैदिक युग के सामान एवं शास्त्र चिंतन का स्वरूप' विषय पर गंभीर चर्चा किया गया. इस आयोजन से शिक्षकों और छात्रों को संगीत क्षेत्र के विद्वानों को सुनने का मौका मिलेगा. उनके अनुभव एवं संगीत के सार को वह जान सकेंगे.

ऑनलाइन व्याख्यान माला 7 जुलाई तक चलेगी. इसमें विभिन्न अलग-अलग क्षेत्रों के कलाकार सम्मिलित होंगे और अपनी अपनी कला के बारीकियों के बारे में छात्र-छात्राओं को परिचित कराएंगे. पद्मश्री प्रो. येल्ला वेंकटेश्वर राव ने दक्षिण भारतीय ताल पद्धति पर सोदाहरण व्यख्यान प्रस्तुत किया. इस अवसर पर देश भर से गुरुजन, कलाकार, शिक्षक, संगीतशास्त्री, चिंतक एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सहभागिता की.

शोध छात्र जितेंद्र सिंह ने बताया वैश्विक महामारी के दौर में इस तरह के कार्यक्रम होने चाहिए. हमारे विश्वविद्यालय में लगातार ऐसे कार्यक्रम हो रहे हैं, जिससे हम सभी छात्र-छात्राओं को काफी मदद मिल रही है.

ऐसे आयोजन से समय के सदुपयोग के साथ-साथ देश के जाने माने कलाकारों को सुनने और उनकी कला को देखने का मौका मिल रहा है. वह हमें अपना इतना महत्वपूर्ण समय दे रहे हैं. इससे हम सब बहुत कुछ सीखेंगे और हमारे जीवन में काफी लाभप्रद होगा.

वाराणसी: वैश्विक महामारी में समय का सदुपयोग करते हुए बीएचयू के संगीत मंच कला संकाय द्वारा ऑनलाइन व्याख्यान माला रविवार से प्रारम्भ हुई. इस व्याख्यान माला में 'वैदिक युग के सामान एवं शास्त्र चिंतन का स्वरूप' विषय पर गंभीर चर्चा किया गया. इस आयोजन से शिक्षकों और छात्रों को संगीत क्षेत्र के विद्वानों को सुनने का मौका मिलेगा. उनके अनुभव एवं संगीत के सार को वह जान सकेंगे.

ऑनलाइन व्याख्यान माला 7 जुलाई तक चलेगी. इसमें विभिन्न अलग-अलग क्षेत्रों के कलाकार सम्मिलित होंगे और अपनी अपनी कला के बारीकियों के बारे में छात्र-छात्राओं को परिचित कराएंगे. पद्मश्री प्रो. येल्ला वेंकटेश्वर राव ने दक्षिण भारतीय ताल पद्धति पर सोदाहरण व्यख्यान प्रस्तुत किया. इस अवसर पर देश भर से गुरुजन, कलाकार, शिक्षक, संगीतशास्त्री, चिंतक एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सहभागिता की.

शोध छात्र जितेंद्र सिंह ने बताया वैश्विक महामारी के दौर में इस तरह के कार्यक्रम होने चाहिए. हमारे विश्वविद्यालय में लगातार ऐसे कार्यक्रम हो रहे हैं, जिससे हम सभी छात्र-छात्राओं को काफी मदद मिल रही है.

ऐसे आयोजन से समय के सदुपयोग के साथ-साथ देश के जाने माने कलाकारों को सुनने और उनकी कला को देखने का मौका मिल रहा है. वह हमें अपना इतना महत्वपूर्ण समय दे रहे हैं. इससे हम सब बहुत कुछ सीखेंगे और हमारे जीवन में काफी लाभप्रद होगा.

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