वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी अपने आप में कई चीजों के लिए जानी जाती हैं. यहां का पान हो, यहां की साड़ियां हों या यहां की गलियां हों हर कुछ अनोखा है, लेकिन बनारस में धार्मिक दृष्टि से कई कुंड और तालाब आज भी मौजूद हैं. नगर निगम के दस्तावेज में बनारस में अभी ऐसे 64 कुंड और तालाब हैं जो पौराणिक के साथ-साथ काफी पुराने भी हैं.
काशी में कुंड और तालाबों के संरक्षण के लिए हृदय योजना के तहत कार्य पहले से चल रहे हैं, लेकिन अब स्मार्ट सिटी परियोजना में इन कुंड तालाबों का न सिर्फ स्वरूप बदलने जा रहा है बल्कि पर्यटकों के लिए इन कुंड और तालाबों में समय बिताने और मौज मस्ती करने के अच्छे इंतजाम भी किए जा रहे हैं.
कुंड और तालाबों का कायाकल्प
वाराणसी नगर निगम ह्रदय योजना और स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत वाराणसी के शहरी क्षेत्र में पड़ने वाले उन कुंड और तालाबों का कायाकल्प करने जा रहा है, जो बदहाल हैं, जहां या तो किसी ने कब्जा कर रखा है या फिर गंदगी से पटे हुए हैं. वाराणसी नगर निगम के नगर आयुक्त गौरांग राठी का कहना है कि वाराणसी में मौजूद 64 कुंड और तालाबों में से लगभग 20 से ज्यादा पौराणिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं. इनमें दुर्गाकुंड पिशाच मोचन कुंड समेत कई अन्य पौराणिक तालाब और कुंड हैं. इसके अलावा शहर में पांडेयपुर तालाब, नदेसर पोखरा समेत ऐसे कुंड और तालाब हैं जो अर्ध निर्मित हैं या जिन पर लोगों ने कब्जा कर रखा था. ऐसे कुंड और तालाबों की साफ-सफाई करने के बाद इनके चारों और बाउंड्री वॉल डेवलप करते हुए इनको पर्यटन दृष्टि से काफी अच्छे तरीके से तैयार किया जा रहा है.
नगर आयुक्त ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना में इन छह कुंड और तालाबों का कायाकल्प होगा. यहां पर वेंडिंग जोन की व्यवस्था होगी, बैठने के लिए अच्छी स्मार्ट बेंच और लाइटें लगाई जाएंगी और आने वाले पर्यटकों को यहां पर लाकर शाम के वक्त उनको एक अच्छा माहौल देने की कोशिश की जाएगी.
तालाब बनेंंगे पर्यटन स्थल
दुर्गाकुंड पिशाच मोचन और अन्य स्थानों पर वेंडर्स स्ट्रीट डिवेलप की जा रही है. दुर्गाकुंड पर यह काम पूरा भी हो गया है और यहां पर 24 से ज्यादा वेंडर को स्मार्ट कार्ड दिए जाएंगे, जिससे पर्यटकों को भी आसानी होगी. फिलहाल वाराणसी में 6 कुंड और तालाबों का कायाकल्प कर यहां पर पर्यटकों को लाने की तैयारी की जा रही है. यानी आने वाले दिनों में वाराणसी के बदहाल कुंड और तालाब पर्यटन स्थल के रूप में डिवेलप किए जाएंगे.