ETV Bharat / state

गणेश चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा, होगी मनोवांछित फल की प्राप्ति

रविवार 31 जनवरी 2021 को गणेश चतुर्थी का व्रत मनाया जा रहा है. काशी के ज्योतिषाचार्य शशि शेखर त्रिवेदी कहते हैं कि इस व्रत को करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. उन्होंने व्रत को करने की विधि और इसके महत्व को विस्तार से बताया.

गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी
author img

By

Published : Jan 31, 2021, 4:47 AM IST

वाराणसी: 31 जनवरी 2021 पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के दिन गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन मां अपने बच्चों के लिए व्रत करती हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य के अनुसार ये व्रत कठिन व्रत की श्रेणी में आता है. उन्होंने बताया कि इस व्रत को पूरे विधि-विधान के साथ करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और इस बार की गणेश चतुर्थी के विशेष महत्व को भी उन्होंने बताया.

जानकारी देते ज्योतिषाचार्य
व्रत का महत्वपं. शशि शेखर त्रिवेदी ने बताया कि गणेश चतुर्थी का व्रत करने से सन्तान की आयु वृद्धि के साथ मानसिक और शारीरिक विकास होता है. उन्होंने बताया कि इस व्रत को कई नामों से जाना जाता है. अलग-अलग स्थानों के लोकाचारों के अनुसार इस व्रत को सकट, तिलकुटा और सन्कस्टी गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है.

कैसे करें व्रत और पूजन

काशी के ज्योतिषाचार्य शशि शेखर त्रिवेदी ने बताया कि गणेश चतुर्थी पर प्रातः स्नान करके महिलाओं को इस व्रत का प्रारंभ करना चाहिए और रात को चन्द्रोदय पर चंद्रार्घ करना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस बार रात 8 बजकर 10 मिनट पर चन्द्रोदय हो रहा है और महिलाओं को चंद्र और गणेश जी को चंद्रार्घ करना चाहिए. गणेश जी को मोदक बहुत पसंद है इसलिए गणेश जी को मोदक के साथ ऋतुफल चढ़ाने से भी अति लाभ मिलता है.

इन मंत्रों के साथ करें पूजा

पं. शशि शेखर ने बताया कि 31 जनवरी की गणेश चतुर्थी को 8 बजकर 19 मिनट पर गणेश वंदना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि गणेश जी को तिल का भोग अवश्य लगाएं.

वाराणसी: 31 जनवरी 2021 पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के दिन गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन मां अपने बच्चों के लिए व्रत करती हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य के अनुसार ये व्रत कठिन व्रत की श्रेणी में आता है. उन्होंने बताया कि इस व्रत को पूरे विधि-विधान के साथ करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और इस बार की गणेश चतुर्थी के विशेष महत्व को भी उन्होंने बताया.

जानकारी देते ज्योतिषाचार्य
व्रत का महत्वपं. शशि शेखर त्रिवेदी ने बताया कि गणेश चतुर्थी का व्रत करने से सन्तान की आयु वृद्धि के साथ मानसिक और शारीरिक विकास होता है. उन्होंने बताया कि इस व्रत को कई नामों से जाना जाता है. अलग-अलग स्थानों के लोकाचारों के अनुसार इस व्रत को सकट, तिलकुटा और सन्कस्टी गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है.

कैसे करें व्रत और पूजन

काशी के ज्योतिषाचार्य शशि शेखर त्रिवेदी ने बताया कि गणेश चतुर्थी पर प्रातः स्नान करके महिलाओं को इस व्रत का प्रारंभ करना चाहिए और रात को चन्द्रोदय पर चंद्रार्घ करना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस बार रात 8 बजकर 10 मिनट पर चन्द्रोदय हो रहा है और महिलाओं को चंद्र और गणेश जी को चंद्रार्घ करना चाहिए. गणेश जी को मोदक बहुत पसंद है इसलिए गणेश जी को मोदक के साथ ऋतुफल चढ़ाने से भी अति लाभ मिलता है.

इन मंत्रों के साथ करें पूजा

पं. शशि शेखर ने बताया कि 31 जनवरी की गणेश चतुर्थी को 8 बजकर 19 मिनट पर गणेश वंदना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि गणेश जी को तिल का भोग अवश्य लगाएं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.