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मौनी अमावस्या पर बन रहा खड़गग्रही योग, एक राशि पर 6 ग्रह देंगे प्रलयंकारी फल - खड़गग्रही योग

देशभर में आज मौनी अमावस्या का पर्व मनाया जा रहा है. लाखों श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. लेकिन इस बार लंबे वक्त के बाद मौनी अमावस्या पर एक ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है जो शुभ फलदाई नहीं है.ज्योतिषियों की मानें तो मौनी अमावस्या को 24 घंटे के लिए मकर राशि पर 6 ग्रहों का संचरण होने जा रहा है. जिसकी वजह से प्राकृतिक आपदाओं के साथ सत्ता का सुख भोग रहे लोगों के लिए आने वाले दिन कष्टकारी होने वाले हैं.

ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी
ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी
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Published : Feb 11, 2021, 10:45 AM IST

वाराणसी: माघ मास की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या का पर्व मनाया जाता है. इस दिन को लेकर बहुत सी मान्यताएं हैं. सनातन धर्म में इस अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है और स्नान के साथ दान विशेष फलदाई होता है. इस दौरान संगम में डुबकी लगाने या फिर किसी सरोवर में भी स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. वैसे तो हर साल अमावस्या की तिथि साधारण ही होती है, लेकिन इस बार लंबे वक्त के बाद मौनी अमावस्या पर एक ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है जो शुभ फलदाई तो नहीं कहा जाएगा. ज्योतिषियों की मानें तो मौनी अमावस्या को 24 घंटे के लिए मकर राशि पर 6 ग्रहों का संचरण होने जा रहा है. जिसकी वजह से प्राकृतिक आपदाओं के साथ सत्ता का सुख भोग रहे लोगों के लिए आने वाले दिन कष्टकारी होने वाले हैं.

ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी

दुलर्भ लेकिन खतरनाक योग
ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि मौनी अमावस्या को एक दुर्लभ संयोग बन रहा है. इस संयोग में स्नान और दान का विशेष महत्व है, जो विशेष पुण्य फलदाई होता है. यदि अमावस्या तिथि की बात की जाए तो 10 फरवरी की रात्रि 12:19 पर यह तिथि लग चुकी है और गुरुवार को पूरा दिन उसका मान रहेगा और स्नान व दान किया जा सकता है, लेकिन इस दिन एक ऐसा संयोग बन रहा है जो बहुत अच्छा नहीं है. मकर राशि में कई ग्रह एक साथ गोचर कर रहे हैं. इनमें चंद्रमा, सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह शामिल हैं. पहले से ही मकर राशि में 5 ग्रहों का संचरण है. इसका जीता जागता उदाहरण उत्तराखंड में जलप्रलय के तौर पर देखने को मिला है. और अब जब कई ग्रह एक साथ आ रहे हैं तो संहिता शास्त्र के मुताबिक प्राकृतिक आपदाओं की अधिकता होने जा रही है. जब किसी राशि में एक या इससे ज्यादा ग्रह होते हैं तब जल प्रलय या रक्त रंजित धरा की स्थिति पैदा होती है या प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही मृत्यु दर बढ़ने के पूरे आसार होते हैं. जिसकी वजह कुछ भी हो सकती है सड़क हादसे, भूकंप या फिर जल प्रलय.

एक से छह माह तक रहेगा असर
ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि यह संयोग बुधवार की रात्रि से लेकर गुरुवार की मध्यरात्रि तक रहेगा. कहने को तो यह संयोग 24 घंटे के लिए ही है, लेकिन इसका असर 1 महीने से 6 महीने तक रह सकता है. इस दौरान प्राकृतिक आपदाओं के अलावा सत्ता का सुख भोग रहे लोगों के ऊपर भी संकट है. जिन राज्यों में हाल ही में चुनाव होने वाले हैं, वहां सत्ता परिवर्तन के भी पूरे चांस हैं. इसके अतिरिक्त एक मुख्यमंत्री का दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री के साथ विवाद होना, एक देश के प्रधानमंत्री का दूसरे देश के प्रधानमंत्री के साथ विवाद होना और विदेशी मुल्कों में सत्ता पर आसीन लोगों को हटाए जाने की स्थिति पैदा होती रहेगी. यानी कुल मिलाकर मौनी अमावस्या पर बन रहे इस अद्भुत खड़गग्रही योग का असर लंबा रहने वाला है.

वाराणसी: माघ मास की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या का पर्व मनाया जाता है. इस दिन को लेकर बहुत सी मान्यताएं हैं. सनातन धर्म में इस अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है और स्नान के साथ दान विशेष फलदाई होता है. इस दौरान संगम में डुबकी लगाने या फिर किसी सरोवर में भी स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. वैसे तो हर साल अमावस्या की तिथि साधारण ही होती है, लेकिन इस बार लंबे वक्त के बाद मौनी अमावस्या पर एक ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है जो शुभ फलदाई तो नहीं कहा जाएगा. ज्योतिषियों की मानें तो मौनी अमावस्या को 24 घंटे के लिए मकर राशि पर 6 ग्रहों का संचरण होने जा रहा है. जिसकी वजह से प्राकृतिक आपदाओं के साथ सत्ता का सुख भोग रहे लोगों के लिए आने वाले दिन कष्टकारी होने वाले हैं.

ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी

दुलर्भ लेकिन खतरनाक योग
ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि मौनी अमावस्या को एक दुर्लभ संयोग बन रहा है. इस संयोग में स्नान और दान का विशेष महत्व है, जो विशेष पुण्य फलदाई होता है. यदि अमावस्या तिथि की बात की जाए तो 10 फरवरी की रात्रि 12:19 पर यह तिथि लग चुकी है और गुरुवार को पूरा दिन उसका मान रहेगा और स्नान व दान किया जा सकता है, लेकिन इस दिन एक ऐसा संयोग बन रहा है जो बहुत अच्छा नहीं है. मकर राशि में कई ग्रह एक साथ गोचर कर रहे हैं. इनमें चंद्रमा, सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह शामिल हैं. पहले से ही मकर राशि में 5 ग्रहों का संचरण है. इसका जीता जागता उदाहरण उत्तराखंड में जलप्रलय के तौर पर देखने को मिला है. और अब जब कई ग्रह एक साथ आ रहे हैं तो संहिता शास्त्र के मुताबिक प्राकृतिक आपदाओं की अधिकता होने जा रही है. जब किसी राशि में एक या इससे ज्यादा ग्रह होते हैं तब जल प्रलय या रक्त रंजित धरा की स्थिति पैदा होती है या प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही मृत्यु दर बढ़ने के पूरे आसार होते हैं. जिसकी वजह कुछ भी हो सकती है सड़क हादसे, भूकंप या फिर जल प्रलय.

एक से छह माह तक रहेगा असर
ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि यह संयोग बुधवार की रात्रि से लेकर गुरुवार की मध्यरात्रि तक रहेगा. कहने को तो यह संयोग 24 घंटे के लिए ही है, लेकिन इसका असर 1 महीने से 6 महीने तक रह सकता है. इस दौरान प्राकृतिक आपदाओं के अलावा सत्ता का सुख भोग रहे लोगों के ऊपर भी संकट है. जिन राज्यों में हाल ही में चुनाव होने वाले हैं, वहां सत्ता परिवर्तन के भी पूरे चांस हैं. इसके अतिरिक्त एक मुख्यमंत्री का दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री के साथ विवाद होना, एक देश के प्रधानमंत्री का दूसरे देश के प्रधानमंत्री के साथ विवाद होना और विदेशी मुल्कों में सत्ता पर आसीन लोगों को हटाए जाने की स्थिति पैदा होती रहेगी. यानी कुल मिलाकर मौनी अमावस्या पर बन रहे इस अद्भुत खड़गग्रही योग का असर लंबा रहने वाला है.

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