वाराणसी: होली का त्यौहार नजदीक आते ही काशी में होली कीहुड़दंग शुरू हो गयाहै, लेकिनहोली की मस्ती मेंकवियों की कविताएं, छंद और दोहे नहों तो शायद होली का रंगफीका लगता है. इस फीके रंग को गाढ़ा करने के लिए काशी में अलग-अलग जगहों पर कवियों और शायरों का जमघट लगने लगा है.
होली के रंग में रंगे काशी में कहीं भांग पीसी जा रही है तो कहीं ठंडाईबन रही है.इन सब के बीच 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कवियों और शायरों के तरकशसेतीर भी खूब निकल रहे हैं. सारे कवि छंद के सहारे नेताओं को निशाने पर ले रहे हैं. कवियों कीऐसी कविताएं और ऐसे छंद व्यंग के रूप में सामने आ रहे हैं, जिसे शायद कोई नेता सुन ले तो वह बुरा मान जाए, लेकिन कवियों का कहना है कि भाई यहां बुरा मानने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कहा भी जाता है 'बुरा नमानो होली है'.
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशीहमेशा से ही हर मामले में समृद्ध रहीहै. यहां के कवि, शायरऔर इतिहासकार देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भीनामकमा चुके हैं. यही वजह है कि इन परंपराओं का निर्वहन करते हुए आज भी होली से पहले शहर के अलग-अलग इलाकों में कवियों औरशायरों का जमावड़ा मौज-मस्ती के लिए होता है. ऐसा ही एक कवियों का समूह वाराणसी के टाउन हाल मैदान में जुटा,जहां कवियों ने जमकर मस्ती की.
2019 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कवियों ने पीएम मोदी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, मायावती और ममता बनर्जी पर जमकर कटाक्ष किया. कवियों नेराजनीतिक कविताओं के साथ नेताओं को जमकर खरी-खोटी सुनाई.यही नहीं पीएममोदी के अच्छे दिन पर भी कविताओं के माध्यम से जमकर प्रहार किया. इस दौरान कुछ कवि देश भक्ति के रंग में भी डूबे नजर आए. पुलवामा हमले केबाद हुई एयर स्ट्राइक से गदगद होकर कवियों नेपाकिस्तान को भी अपनी कविताओं के माध्यम से मुंहतोड़ जवाब दिया.