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वाराणसी: होली पर कवियों के हुड़दंग ने जमाया रंग, निशाने पर रहे मोदी-राहुल

वाराणसी में होली की हुड़दंग अपने शबाब पर है. इसी शबाब में काशी के कवि भी डूबे नजर आ रहे हैं. काशी के विभिन्न इलाकों में कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें लोकसभा चुनाव को लेकर राजनेताओं पर कवियों द्वारा खूब कटाक्ष किया जा रहा है.

ईटीवी भारत से अपनी कविता साझा करते कवि.
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Published : Mar 17, 2019, 11:35 AM IST

वाराणसी: होली का त्यौहार नजदीक आते ही काशी में होली कीहुड़दंग शुरू हो गयाहै, लेकिनहोली की मस्ती मेंकवियों की कविताएं, छंद और दोहे नहों तो शायद होली का रंगफीका लगता है. इस फीके रंग को गाढ़ा करने के लिए काशी में अलग-अलग जगहों पर कवियों और शायरों का जमघट लगने लगा है.

होली के रंग में रंगे काशी में कहीं भांग पीसी जा रही है तो कहीं ठंडाईबन रही है.इन सब के बीच 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कवियों और शायरों के तरकशसेतीर भी खूब निकल रहे हैं. सारे कवि छंद के सहारे नेताओं को निशाने पर ले रहे हैं. कवियों कीऐसी कविताएं और ऐसे छंद व्यंग के रूप में सामने आ रहे हैं, जिसे शायद कोई नेता सुन ले तो वह बुरा मान जाए, लेकिन कवियों का कहना है कि भाई यहां बुरा मानने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कहा भी जाता है 'बुरा नमानो होली है'.

ईटीवी भारत से अपनी कविता साझा करते कवि.


बाबा विश्वनाथ की नगरी काशीहमेशा से ही हर मामले में समृद्ध रहीहै. यहां के कवि, शायरऔर इतिहासकार देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भीनामकमा चुके हैं. यही वजह है कि इन परंपराओं का निर्वहन करते हुए आज भी होली से पहले शहर के अलग-अलग इलाकों में कवियों औरशायरों का जमावड़ा मौज-मस्ती के लिए होता है. ऐसा ही एक कवियों का समूह वाराणसी के टाउन हाल मैदान में जुटा,जहां कवियों ने जमकर मस्ती की.

2019 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कवियों ने पीएम मोदी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, मायावती और ममता बनर्जी पर जमकर कटाक्ष किया. कवियों नेराजनीतिक कविताओं के साथ नेताओं को जमकर खरी-खोटी सुनाई.यही नहीं पीएममोदी के अच्छे दिन पर भी कविताओं के माध्यम से जमकर प्रहार किया. इस दौरान कुछ कवि देश भक्ति के रंग में भी डूबे नजर आए. पुलवामा हमले केबाद हुई एयर स्ट्राइक से गदगद होकर कवियों नेपाकिस्तान को भी अपनी कविताओं के माध्यम से मुंहतोड़ जवाब दिया.

वाराणसी: होली का त्यौहार नजदीक आते ही काशी में होली कीहुड़दंग शुरू हो गयाहै, लेकिनहोली की मस्ती मेंकवियों की कविताएं, छंद और दोहे नहों तो शायद होली का रंगफीका लगता है. इस फीके रंग को गाढ़ा करने के लिए काशी में अलग-अलग जगहों पर कवियों और शायरों का जमघट लगने लगा है.

होली के रंग में रंगे काशी में कहीं भांग पीसी जा रही है तो कहीं ठंडाईबन रही है.इन सब के बीच 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कवियों और शायरों के तरकशसेतीर भी खूब निकल रहे हैं. सारे कवि छंद के सहारे नेताओं को निशाने पर ले रहे हैं. कवियों कीऐसी कविताएं और ऐसे छंद व्यंग के रूप में सामने आ रहे हैं, जिसे शायद कोई नेता सुन ले तो वह बुरा मान जाए, लेकिन कवियों का कहना है कि भाई यहां बुरा मानने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कहा भी जाता है 'बुरा नमानो होली है'.

ईटीवी भारत से अपनी कविता साझा करते कवि.


बाबा विश्वनाथ की नगरी काशीहमेशा से ही हर मामले में समृद्ध रहीहै. यहां के कवि, शायरऔर इतिहासकार देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भीनामकमा चुके हैं. यही वजह है कि इन परंपराओं का निर्वहन करते हुए आज भी होली से पहले शहर के अलग-अलग इलाकों में कवियों औरशायरों का जमावड़ा मौज-मस्ती के लिए होता है. ऐसा ही एक कवियों का समूह वाराणसी के टाउन हाल मैदान में जुटा,जहां कवियों ने जमकर मस्ती की.

2019 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कवियों ने पीएम मोदी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, मायावती और ममता बनर्जी पर जमकर कटाक्ष किया. कवियों नेराजनीतिक कविताओं के साथ नेताओं को जमकर खरी-खोटी सुनाई.यही नहीं पीएममोदी के अच्छे दिन पर भी कविताओं के माध्यम से जमकर प्रहार किया. इस दौरान कुछ कवि देश भक्ति के रंग में भी डूबे नजर आए. पुलवामा हमले केबाद हुई एयर स्ट्राइक से गदगद होकर कवियों नेपाकिस्तान को भी अपनी कविताओं के माध्यम से मुंहतोड़ जवाब दिया.

Intro:एंकर-वाराणसी: होली का त्यौहार नजदीक है और इसके साथ ही हर जगह शुरू हो गया है होली का हुड़दंग लेकिन अगर होली पर मस्ती मजे के साथ कवियों की कविताएं और छंद दोहे ना हो तो शायद होली का रंग कुछ फीका लगता है और ऐसे ही रंग में रंगा नजर आ रहा है मस्त मौला शहर बनारस यहां पर अलग अलग अडियो पर कवि और शायरों का जमघट लगने लगा है कहीं भांग पी सी जा रही है तो कहीं ठंडा ही बन रही है और इन सब के बीच 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ऐसी ऐसी कविताएं और ऐसे ऐसे छंद व्यंग के रूप में सामने आ रहे हैं जिसे शायद कोई नेता सुन ले तो वह बुरा मान जाए लेकिन भाई यहां बुरा मानने की जरूरत नहीं है क्योंकि कहा भी जाता है बुरा ना मानो होली है.


Body:वीओ-01 बनारस हमेशा से ही हर मामले में समृद्ध रहा है और यहां के कवि इतिहासकार शायर देश ही नहीं बल्कि दुनिया में नाम कमा चुके हैं यही वजह है कि इन परंपराओं का निर्वहन करते हुए आज भी होली से पहले शहर के अलग-अलग इलाकों में कभी शायरों का जमावड़ा मस्ती औरवमजे के लिए होता है. ऐसा ही एक कवियों का समूह वाराणसी के टाउन हाल मैदान में जुटा जहां कवियों ने जमकर मस्ती की और 2019 लोकसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए ना राहुल को छोड़ा ना मोदी को अखिलेश और मायावती के साथ ममता दीदी पर भी जमकर कटाक्ष किए.


Conclusion:वीओ-02 इस बार की होली मैं कवियों की तरफ से जहां एक तरफ राजनैतिक कविताओं के साथ नेताओं को खरी खोटी सुनाई जा रही है तो वही वर्तमान सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दिन पर भी कविताओं के माध्यम से जमकर प्रहार हो रहा है देश भक्ति के रंग में भी कभी डूबे नजर आ रहे हैं और पुलवामा घटना के बाद हुई एयर स्ट्राइक से गदगद होकर पाकिस्तान को भी अपनी कविताओं के माध्यम से मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं कुल मिलाकर कहा जाए तो होली से पहले बनारस पूरी तरह से मौज मस्ती के साथ व्यंग हास्य और वीर रस में डूबा सा नजर आ रहा है.

गोपाल मिश्र
9839809074
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