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चंद्र ग्रहण के कारण दोपहर में हुई काशी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती - Last lunar eclipse of 2023

वाराणसी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती (World famous Ganga Aarti of Varanasi) के समय में चंद्र ग्रहण(autumn full moon lunar eclipse) के कारण बदलाव किया गया. ऐसा पिछले 32 सालों में चौथी बार हुआ है.

World famous Ganga Aarti of Varanasi
World famous Ganga Aarti of Varanasi
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 28, 2023, 7:06 PM IST

दोपहर में हुई काशी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में शनिवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला. संध्याकालीन होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का 32 वर्षों में चौथी बार समय परिवर्तन हुआ है. गंगा आरती 2:30 पर ही प्रारंभ हो गई और 3:30 तक संपन्न हुई. साल के आखिरी चंद्र ग्रहण को देखते हुए विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का समय बदला गया. सूतक लगने से पहले ही मां भागीरथी की सप्त ऋषि आरती को संपन्न किया गया. इस आरती में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.

गौरतलब है कि चंद्रग्रहण की वजह से चौथी बार गंगा आरती की वर्षों पुरानी परंपरा के समय में बदलाब हुआ है. इससे पहले 16 जुलाई 2019 में भी आरती के समय में परिवर्तन किया गया था.27 जुलाई 2018 को ग्रहण के कारण दोपहर में मां गंगा की आरती हुई थी. इसी तरह से 2017 में 8 अगस्त को दिन में आरती संपन्न की गई थी. गंगा सेवा निधि वाराणसी के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा के अनुसार सूतक काल के कारण शनिवार दोपहर में मां गंगा की आरती हुई. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण से पूर्व देवालयों के कपाट बंद होने की परंपरा है.

सुशांत मिश्रा ने बताया कि आरती से पहले मां भगवती से ग्रहण का दुष्प्रभाव आम जनमानस पर न पड़े, इसके लिए प्रार्थना की गई. इसके साथ ही दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध दैनिक गंगा आरती के समय को गंगा सेवा निधि ने परिवर्तित कर दोपहर में कर दिया गया. इस दौरान गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव हनुमान यादव समेत देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं व पर्यटक मां गंगा की आरती में शामिल हुए.


यह भी पढ़ें: चंद्र ग्रहण 2023 के कारण अयोध्या में नहीं मनेगी शरद पूर्णिमा, जानिए ग्रहण में क्या करें, क्या न करें

यह भी पढे़ं: शरद पूर्णिमा रहेगी फीकी, ठाकुरजी को नहीं लगेगा खीर प्रसाद का भोग, राशियों पर भी पड़ेगा ये प्रभाव

दोपहर में हुई काशी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में शनिवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला. संध्याकालीन होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का 32 वर्षों में चौथी बार समय परिवर्तन हुआ है. गंगा आरती 2:30 पर ही प्रारंभ हो गई और 3:30 तक संपन्न हुई. साल के आखिरी चंद्र ग्रहण को देखते हुए विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का समय बदला गया. सूतक लगने से पहले ही मां भागीरथी की सप्त ऋषि आरती को संपन्न किया गया. इस आरती में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.

गौरतलब है कि चंद्रग्रहण की वजह से चौथी बार गंगा आरती की वर्षों पुरानी परंपरा के समय में बदलाब हुआ है. इससे पहले 16 जुलाई 2019 में भी आरती के समय में परिवर्तन किया गया था.27 जुलाई 2018 को ग्रहण के कारण दोपहर में मां गंगा की आरती हुई थी. इसी तरह से 2017 में 8 अगस्त को दिन में आरती संपन्न की गई थी. गंगा सेवा निधि वाराणसी के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा के अनुसार सूतक काल के कारण शनिवार दोपहर में मां गंगा की आरती हुई. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण से पूर्व देवालयों के कपाट बंद होने की परंपरा है.

सुशांत मिश्रा ने बताया कि आरती से पहले मां भगवती से ग्रहण का दुष्प्रभाव आम जनमानस पर न पड़े, इसके लिए प्रार्थना की गई. इसके साथ ही दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध दैनिक गंगा आरती के समय को गंगा सेवा निधि ने परिवर्तित कर दोपहर में कर दिया गया. इस दौरान गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव हनुमान यादव समेत देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं व पर्यटक मां गंगा की आरती में शामिल हुए.


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