वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में शनिवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला. संध्याकालीन होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का 32 वर्षों में चौथी बार समय परिवर्तन हुआ है. गंगा आरती 2:30 पर ही प्रारंभ हो गई और 3:30 तक संपन्न हुई. साल के आखिरी चंद्र ग्रहण को देखते हुए विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का समय बदला गया. सूतक लगने से पहले ही मां भागीरथी की सप्त ऋषि आरती को संपन्न किया गया. इस आरती में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.
गौरतलब है कि चंद्रग्रहण की वजह से चौथी बार गंगा आरती की वर्षों पुरानी परंपरा के समय में बदलाब हुआ है. इससे पहले 16 जुलाई 2019 में भी आरती के समय में परिवर्तन किया गया था.27 जुलाई 2018 को ग्रहण के कारण दोपहर में मां गंगा की आरती हुई थी. इसी तरह से 2017 में 8 अगस्त को दिन में आरती संपन्न की गई थी. गंगा सेवा निधि वाराणसी के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा के अनुसार सूतक काल के कारण शनिवार दोपहर में मां गंगा की आरती हुई. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण से पूर्व देवालयों के कपाट बंद होने की परंपरा है.
सुशांत मिश्रा ने बताया कि आरती से पहले मां भगवती से ग्रहण का दुष्प्रभाव आम जनमानस पर न पड़े, इसके लिए प्रार्थना की गई. इसके साथ ही दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध दैनिक गंगा आरती के समय को गंगा सेवा निधि ने परिवर्तित कर दोपहर में कर दिया गया. इस दौरान गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव हनुमान यादव समेत देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं व पर्यटक मां गंगा की आरती में शामिल हुए.
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