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वाराणसी: सजकर तैयार हुआ बाबा का दरबार, भक्तों के लिए बिछी रेड कार्पेट

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ का दरबार श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार हो गया है. मंदिर के सीईओ गौरांग राठी ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

kashi vishwanath temple ceo
काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ ने व्यवस्थाओं का लिया जायजा.
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Published : Jul 6, 2020, 4:28 AM IST

वाराणसी: बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दरबार शिव भक्तों के लिए सज-धज कर तैयार हो गया है. श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग कराकर उसमें रेड कारपेट बिछाया गया है. मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से तीन अलग-अलग मार्ग तैयार किए गए हैं. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री गौरांग राठी ने श्रद्धालुओं की व्यवस्था का जायजा लिया और अधिकारियों को उसे सही करने के निर्देश दिए.

kashi vishwanath temple ceo
व्यवस्थाओं का जायजा लेते मंदिर के सीईओ.

मुख्य कार्यपालक अधिकारी गौरांग राठी ने बताया कि मैदागिन की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर 4 के पांचों पांडव प्रवेश द्वार से प्रवेश दिया जाएग. यहां से श्रद्धालु रानी भवानी उत्तरी होते हुए गर्भगृह के पूर्वी द्वार पर दर्शन कर दूसरे मार्ग से बाहर आएंगे. वहीं दूसरा मार्ग गेट नंबर 4 छत्ता द्वार होगा, जिसमें श्रद्धालु बद्रीनाथ प्रवेश द्वार से प्रवेश करते हुए गर्भगृह के उत्तरी दरवाजे पर दर्शन करते हुए पुनः उसी दरवाजे से बाहर श्रृंगार गौरी की तरफ से वापस आएंगे.

तीसरा मार्ग बांस फाटक से आने वाले श्रद्धालु ढुंढिराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए अभी मुक्तेश्वर द्वार से प्रवेश करेंगे और गर्भगृह के दक्षिणी दरवाजे पर बाबा का दर्शन कर हनुमान मंदिर द्वार से होते हुए नंदू फारिया गली से बाहर निकल जाएंगे. तीनों मार्ग में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसलिए मंदिर प्रशासन द्वारा सभी प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग करने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सभी श्रद्धालुओं को मास्क का प्रयोग अवश्य करना होगा. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा.

मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल, पेन, घड़ी, पेन ड्राइव आदि को लेकर मंदिर में न आएं. इससे दर्शन में परेशानी होगी. दूसरा मंदिर परिसर में किसी विग्रह, दीवार, या रेलिंग को स्पर्श करने से बचें. इससे संक्रमण से बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर को हर 6 घंटे पर सैनिटाइज किया जाएगा. आपात स्थिति के लिए चिकित्सक और एनडीआरएफ की टीम भी तैनात रहेगी.

ये भी पढ़ें: BHU के वनस्पति विभाग का दावा, इस जंगली पौधे से बन सकती है कोरोना की दवा

मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि पेयजल से लेकर खोया पाया केंद्र, पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया गया है. श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से शौचालय भी बनवाया गया है. इसके साथ ही इसके लिए जगह-जगह सूचना पट्ट भी लगेगा, ताकि श्रद्धालु आसानी से शौचालय तक पहुंच सकें.

वाराणसी: बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दरबार शिव भक्तों के लिए सज-धज कर तैयार हो गया है. श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग कराकर उसमें रेड कारपेट बिछाया गया है. मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से तीन अलग-अलग मार्ग तैयार किए गए हैं. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री गौरांग राठी ने श्रद्धालुओं की व्यवस्था का जायजा लिया और अधिकारियों को उसे सही करने के निर्देश दिए.

kashi vishwanath temple ceo
व्यवस्थाओं का जायजा लेते मंदिर के सीईओ.

मुख्य कार्यपालक अधिकारी गौरांग राठी ने बताया कि मैदागिन की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर 4 के पांचों पांडव प्रवेश द्वार से प्रवेश दिया जाएग. यहां से श्रद्धालु रानी भवानी उत्तरी होते हुए गर्भगृह के पूर्वी द्वार पर दर्शन कर दूसरे मार्ग से बाहर आएंगे. वहीं दूसरा मार्ग गेट नंबर 4 छत्ता द्वार होगा, जिसमें श्रद्धालु बद्रीनाथ प्रवेश द्वार से प्रवेश करते हुए गर्भगृह के उत्तरी दरवाजे पर दर्शन करते हुए पुनः उसी दरवाजे से बाहर श्रृंगार गौरी की तरफ से वापस आएंगे.

तीसरा मार्ग बांस फाटक से आने वाले श्रद्धालु ढुंढिराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए अभी मुक्तेश्वर द्वार से प्रवेश करेंगे और गर्भगृह के दक्षिणी दरवाजे पर बाबा का दर्शन कर हनुमान मंदिर द्वार से होते हुए नंदू फारिया गली से बाहर निकल जाएंगे. तीनों मार्ग में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसलिए मंदिर प्रशासन द्वारा सभी प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग करने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सभी श्रद्धालुओं को मास्क का प्रयोग अवश्य करना होगा. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा.

मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल, पेन, घड़ी, पेन ड्राइव आदि को लेकर मंदिर में न आएं. इससे दर्शन में परेशानी होगी. दूसरा मंदिर परिसर में किसी विग्रह, दीवार, या रेलिंग को स्पर्श करने से बचें. इससे संक्रमण से बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर को हर 6 घंटे पर सैनिटाइज किया जाएगा. आपात स्थिति के लिए चिकित्सक और एनडीआरएफ की टीम भी तैनात रहेगी.

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मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि पेयजल से लेकर खोया पाया केंद्र, पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया गया है. श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से शौचालय भी बनवाया गया है. इसके साथ ही इसके लिए जगह-जगह सूचना पट्ट भी लगेगा, ताकि श्रद्धालु आसानी से शौचालय तक पहुंच सकें.

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