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चंद्रशेखर आजाद जयंती को भूला काशी विद्यापीठ प्रशासन, छात्रों ने याद दिलाकर मनाई जयंती

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाना भूल गया. इसके बाद छात्रों ने विद्यापीठ प्रशासन को याद दिलाकर चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाई.

काशी विद्यापीठ के छात्रों ने मनाई चंद्रशेखर आजाद जयंती.
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Published : Jul 23, 2019, 10:04 PM IST

Updated : Jul 23, 2019, 10:45 PM IST

वाराणसी: आज पूरे देश में आजादी के दीवाने चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाई जा रही है. वहीं काशी विद्यापीठ प्रशासन चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाना भूल गया, लेकिन छात्रों ने छात्रसंघ भवन परिसर के मुख्य गेट का ताला खुलवाकर चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाई.

काशी विद्यापीठ के छात्रों ने मनाई चंद्रशेखर आजाद जयंती.

क्या है पूरा मामला-

  • महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रसंघ भवन परिसर में चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा लगी हुई है.
  • छात्रसंघ भवन परिसर के मुख्य गेट पर ताला बंद रहता है.
  • आज चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर पर भी प्रशासन ने ताला बंद ही रखा.
  • छात्रों ने जाकर विश्वविद्यालय प्रशासन को जयंती के बारे में बताया और ताला खुलवाया.
  • इसके बाद छात्रों ने चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाई.

विद्यापीठ प्रशासन से ये गलती हुई है. मैं इस पर कुलपति से बात करूंगा कि आगे से जिस भी महापुरुष की प्रतिमा विश्वविद्यालय में लगी हो उनकी जयंती मनाई जाए. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से चंद्रशेखर आजाद का अटूट नाता रहा है. मैं छात्रों का आभारी हूं कि उन्होंने सही समय पर याद दिलाया और चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाई.
प्रो. चतुर्भुज नाथ तिवारी, चीफ प्रॉक्टर

वाराणसी: आज पूरे देश में आजादी के दीवाने चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाई जा रही है. वहीं काशी विद्यापीठ प्रशासन चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाना भूल गया, लेकिन छात्रों ने छात्रसंघ भवन परिसर के मुख्य गेट का ताला खुलवाकर चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाई.

काशी विद्यापीठ के छात्रों ने मनाई चंद्रशेखर आजाद जयंती.

क्या है पूरा मामला-

  • महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रसंघ भवन परिसर में चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा लगी हुई है.
  • छात्रसंघ भवन परिसर के मुख्य गेट पर ताला बंद रहता है.
  • आज चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर पर भी प्रशासन ने ताला बंद ही रखा.
  • छात्रों ने जाकर विश्वविद्यालय प्रशासन को जयंती के बारे में बताया और ताला खुलवाया.
  • इसके बाद छात्रों ने चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाई.

विद्यापीठ प्रशासन से ये गलती हुई है. मैं इस पर कुलपति से बात करूंगा कि आगे से जिस भी महापुरुष की प्रतिमा विश्वविद्यालय में लगी हो उनकी जयंती मनाई जाए. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से चंद्रशेखर आजाद का अटूट नाता रहा है. मैं छात्रों का आभारी हूं कि उन्होंने सही समय पर याद दिलाया और चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाई.
प्रो. चतुर्भुज नाथ तिवारी, चीफ प्रॉक्टर

Intro:वाराणसी। आज पूरे देश में आजादी के दीवाने चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाई जा रही है। धर्म और शिक्षा की नगरी काशी से भी चंद्रशेखर आजाद का अटूट नाता रहा है अगर बात की जाए यहां के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की चंद्रशेखर आजाद यहां छात्र के रूप में भी रहे लेकिन या बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि किस महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में चंद्रशेखर आजाद क्रांतिकारी के रूप में उभरे वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन आजाद की जयंती को भूल बैठे तो विश्वविद्यालय के छात्र चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय प्रशासन के ताले उन्हें आजाद आजाद कराते हुए जयंती मनाई।


Body:VO1:- दरअसल महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रसंघ भवन परिसर में चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा लगी हुई है लेकिन छात्र संघ भवन परिसर के मुख्य गेट पर ताला बंद रहता है लेकिन आज चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन को यह याद नहीं रहा और आज सुबह से ही ताला बंद था। जब दोपहर में छात्रों ने चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर पर देखा कि विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें याद नहीं कर रहा है तो छात्रों ने विद्यालय प्रशासन से कहता ताला खुलवाया और खुद साफ सफाई करते हुए चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर साफा बांधा उन्हें तिलक लगाया और चंद्रशेखर आजाद अमर रहे का नारा लगाते हुए एक दूसरे को मिठाई खिलाया। छात्रों द्वारा जयंती के चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाते समय वहां पहुंचे विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर चतुर्भुज नाथ तिवारी ने बताया कि विश्वविद्यालय से या त्रुटि हुई है कि उन्हें सुबह से याद नहीं था कि आज चंद्रशेखर आजाद की जयंती है हम इस बात को विश्वविद्यालय के कुलपति से भी कहेंगे कि आगे से जिस भी महापुरुष की जयंती और जिस भी महापुरुष का जुड़ाव और उनकी प्रतिमा विश्वविद्यालय में लगी है उनकी जयंती मनाया जाए। चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से चंद्रशेखर आजाद का अटूट नाता रहा है वह यहां के छात्र रहे इसके अलावा यहां से क्रांतिकारी जीवन में उनका प्रवेश हुआ यहां पर उन्हें छात्रों का भी भरपूर साथ मिला यही वजह है कि आज भी चंद्रशेखर आजाद के बलिदान को छात्र याद करते हैं और हम छात्रों की आभारी है कि इन्होंने सही समय पर याद दिलाया परिसर के मुख्य गेट का ताला खोलकर चंद्रशेखर आजाद की जयंती मना रहे हैं।


बाइट:- प्रो चतुर्भुज नाथ तिवारी, चीफ प्रॉक्टर,महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ


Conclusion:VO2:- चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन द्वारा हुई यह चूक से बड़ा सवाल यह उठता है कि जब शिक्षा के मंदिर की अपने देश के महापुरुषों को भूलते जाएंगे तो आने वाले समय में भला छात्र अपने देश में महापुरुषों के दिए हुए बलिदान को कैसे याद रखेंगे।
Last Updated : Jul 23, 2019, 10:45 PM IST
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