वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में सोमवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन होगा. इसमें देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी. उनके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यापाल आनंदीबेन पटेल इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. सबसे बड़ी बात ये है कि ऐसा पहली बार होगा कि किसी राज्य विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति छात्र-छात्राओं को मेडल देंगी.
देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सोमवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में मौजूद रहेंगी. वह विश्वविद्यालय के 45वें दीक्षांत समारोह का हिस्सा बनने जा रही हैं. वाराणसी में उनकी अगवानी प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे. उनके काशी आगमन को लेकर अभेद्य सुरक्षा तैयार की गई है. त्रिस्तरीय कड़े सुरक्षा घेरे के बीच उनका कार्यक्रम संचालित किया जाएगा. राष्ट्रपति की सुरक्षा में 700 पुलिसकर्मी, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी, पीएसी और केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान तैनात रहेंगे. राजपत्रित अधिकारियों, थानेदारों और पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगाया गया है.
जबरदस्त सुरक्षा के बीच आ रहीं राष्ट्रपतिः वाराणसी के दूसरे दौरे पर आ रहीं राष्ट्रपति की सुरक्षा में कोई भी चूक नहीं होने दी जाएगी. इसको लेकर वाराणसी कमिश्नर मुथा अशोक जैन पहले से तैयारी कर चुके हैं. उनका कहना है कि राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था में बाहर से आठ पुलिस अधीक्षक, सात अपर पुलिस अधीक्षक और 15 डिप्टी एसपी आएंगे. इसके साथ ही वाराणसी के बाहर के जिले से 10 इंस्पेक्टर, 105 सब इंस्पेक्टर, 485 हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल, पांच कंपनी पीएसी के जवानों को राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा. सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उनके साथ रहने वाले हैं. ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को त्रिस्तरीय बनाते हुए काफी सख्ती बरती जाएगी. यातायात व्यवस्था को लेकर भी तैयारी पूरी कर ली गई है.
टॉप 16 मेधावियों को गोल्ड मेडल पहनाएंगी राष्ट्रपतिः राष्ट्रपति बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचेंगी. वहां से सीधे वह महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में पहुंचेंगी. राष्ट्रपति केवल टॉप 16 मेधावियों को गोल्ड मेडल पहनाएंगी. बाकी के मेधावियों को कुलपति के द्वारा मेडल दिया जाएगा. ऐसा पहली बार होगा कि किसी मुख्य अतिथि के सामने कुलपति छात्रों को मेडल देंगे. ऐसा राष्ट्रपति के समयाभाव के कारण किया जा रहा है. छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय में कुलपति के आने को लेकर काफी उत्साहित हैं.
इस बार छात्राओं ने गोल्ड मेडल पर जमाया है कब्जाः विश्वविद्यालय में आयोजित हो रहे दीक्षांत समारोह में 65 मेधावियों को गोल्ड मेडल दिए जाएंगे. इन 65 मेधावियों में 51 छात्राएं शामिल हैं. बाकी 14 छात्र हैं. काशी विद्यापीठ से इस बार इतनी छात्राओं ने अपने-अपने विषयों में टॉप किया है. LLB की छात्रा संजना उपाध्याय को कृष्ण देव स्मृति, MA हिंदी की छात्रा कुमारी नैना और छात्र अभिषेक मौर्या को डॉ. शंभूनाथ सिंह स्मृति, MA संस्कृत की छात्रा ट्विंकल पाठक को जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, PG में हाईएस्ट मार्क्स लाने के लिए मनीषा मौर्या डॉ. विभूति नारायण सिंह स्मृति गोल्ड मेडल दिया जाएगा.
इन मेधावियों को भी मिल रहा मेडलः BA संस्कृत से सबसे ज्यादा नंबर प्राप्त करने वाली शिखा को प्रो. अमरनाथ पांडेय स्मृति, MA इतिहास के छात्र प्रीतम प्रसाद को राम जनम सिंह स्मृति, एमए पत्रकारिता एवं जनसंचार से आयुषी तिवारी को अतुल माहेश्वरी, MFA में धीरज कुमार नीरज को डॉ. शरद बंसल गोल्ड मेडल दिया जाएगा. स्नातक में टॉप करने पर सगुन सिंह को डॉ. भगवानदास स्मृति, MSW से अंजली चौरसिया को प्रो. सीपी गोयल स्मृति, MBA से सुनंदा यति को सीता राम जिंदल फाउंडेशन, MA अर्थशास्त्र से संसृता सिंह को प्रो. दूधनाथ चतुर्वेदी स्मृति, MCA से विनय तिवारी को सीता राम जिंदल फाउंडेशन, आउटस्टैंडिंग स्पोर्ट्समैन में सिद्धांत सेठ और उत्कृष्ट महिला खिलाड़ी में अंजली पटेल को गोल्ड मेडल दिया जाएगा.
काशी विद्यापीठ का इतिहासः महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को काशी विद्यापीठ के नाम से जाना जाता था. 11 जुलाई 1995 में इसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित करते हुए उनका नाम जोड़ दिया गया था. काशी विद्यापीठ की स्थापना असहयोग आंदोलन के समय 10 फरवरी 1921 को बाबू शिव प्रसाद गुप्त ने की थी. इसकी आधारशिला महात्मा गांधी ने रखी थी. फिर जुलाई 1963 में इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने मानद विश्वविद्यालय घोषित किया था. इसके बाद 15 जनवरी 1975 के बाद से इसे चार्टर्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया. आज इसी विश्वविद्यालय में एक और इतिहास रचा जा रहा है कि यहां पर पहली बार देश की राष्ट्रपति दीक्षांत समारोह में आ रही हैं.
भारत के दिग्गज रहे हैं यहां के पूर्व छात्रः महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का इतिहास बहुत पुराना है. यहां से कई दिग्गज पढ़ाई करके निकले हैं. भारतीय स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र, कर्नाटक के पूर्व सीएम रामकृष्ण हेगड़े, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिभुवन नारायण सिंह और कमलापति त्रिपाठी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री और भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री बीवी केसकर यहां के पूर्व छात्र रहे हैं. ऐसे में यहां के छात्रों को राष्ट्रपति के हाथों से मेडल दिया जाना अपने आप में एक बड़ा कदम होगा.
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