वाराणसीः धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में हर्ष और उल्लास के साथ आज हरि तालिका तीज व्रत मनाया जा रहा है. दिन चढ़ने के साथ ही महिलाओं ने सोलह सिंगार करके बनारस-मिर्जापुर के लोकगीत गाए. बनारस को परंपराओं का शहर कहा जाता है. यही वजह है कि सभी त्योहारों पर बनारस का रंग अलग ही देखने को मिलता है. आज यहां कजरी, तीज के विभिन्न प्रकार के गीतों को लोक कलाकार सुचरिता गुप्ता ने सबके सामने प्रस्तुत किया.
गुरुधाम स्थित केशव जलाने के आवास पर विशेष प्रकार का बेला फूल से सिंगार किया गया. जिसमें देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री और उनकी पत्नी भी सम्मिलित हुए. बनारस घराने की लोक गायिका सुचरिता गुप्ता मिर्जापुर की कजरी गाकर समां बांध दिया. पारा-पारी झूले झुलनवा.... उसके बाद प्रसिद्ध लोकगीत '....पिया मेहंदी लिया द मोती झील से....' गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया.
बता दें कि भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज (Hartalika Teej) मनाया जा रहा है. इस दिन भगवान शिव और माता गौरी की विशेष पूजा की जाती है. यह त्योहार देश के कई राज्यों में मनाया जाना है. हरतालिका तीज सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. इसे तीजा के नाम से भी जाना जाता है.
इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य और अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और माता गौरी से सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद मांगती हैं. हरतालिका तीज व्रत को कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सुहागिनों को सदासुहाग रहने और कुंवारी लड़कियों को अच्छे वर की प्राप्ति होती है.
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