वाराणसी : धर्म और संस्कृत की नगरी वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पुरानी परंपराओं का निर्वाह करते हुए कजरी महोत्सव का आयोजन किया गया. भोजपुरी अध्ययन केंद्र द्वारा इस महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें बनारस सहित देश के विभिन्न कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी.
कजरी ने मन मोहा
- आयोजन का मकसद था "कजरी हमारी धरोहर है" इस विरासत को संभालने वाला महान होता है.
- जागरूक भावी पीढ़ी सहज अभिभावक की बदौलत इसके अस्तित्व को बचाया जा सकता है.
- कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी, दर्शकों ने भी तालियों से अभिवादन के साथ उनका प्रोत्साहन किया.
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कजरी मिर्जापुर जौनपुर बनारस की एक लोक गायिका हैं. वह कहती हैं जब वह अपने पति से दूर रहती हैं तो यह गीत गाती हैं, लेकिन वर्तमान काल में यह बदल गया है. इन वर्षों में इस कार्यक्रम को कर इस पुराने विधा को जीवित रखा जा रहा है.
यह कजरी महोत्सव का आयोजन हम लोग प्रतिवर्ष करते हैं कि आने वाली पीढ़ी भी हमारी संस्कृति और विरासत को जाने. इसके साथ ही हम होली महोत्सव भी करते हैं. बीएचयू स्थित भोजपुरी अध्ययन केंद्र इन दोनों कार्यक्रम का आयोजन करता है, जिसमें सरिता गुप्ता सुप्रसिद्ध उप शास्त्री गायक ने अपनी प्रस्तुति दी.
-श्री प्रकाश शुक्ल, समन्वयक भोजपुरी अध्ययन केंद्र