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बीएचयू में कजरी महोत्सव का आयोजन, कलाकारों ने दी मनमोहक प्रस्तुति

उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित बीएचयू में कजरी महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें बनारस सहित देश के विभिन्न कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी.

बीएचयू में कजरी महोत्सव का आयोजन.
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Published : Aug 17, 2019, 11:02 PM IST

वाराणसी : धर्म और संस्कृत की नगरी वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पुरानी परंपराओं का निर्वाह करते हुए कजरी महोत्सव का आयोजन किया गया. भोजपुरी अध्ययन केंद्र द्वारा इस महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें बनारस सहित देश के विभिन्न कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी.

बीएचयू में कजरी महोत्सव का आयोजन.

कजरी ने मन मोहा

  • आयोजन का मकसद था "कजरी हमारी धरोहर है" इस विरासत को संभालने वाला महान होता है.
  • जागरूक भावी पीढ़ी सहज अभिभावक की बदौलत इसके अस्तित्व को बचाया जा सकता है.
  • कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी, दर्शकों ने भी तालियों से अभिवादन के साथ उनका प्रोत्साहन किया.

पढें- वाराणसी: बाढ़ ने छीनी बनारसी मिठास, ठप हुआ पान का कारोबार

कजरी मिर्जापुर जौनपुर बनारस की एक लोक गायिका हैं. वह कहती हैं जब वह अपने पति से दूर रहती हैं तो यह गीत गाती हैं, लेकिन वर्तमान काल में यह बदल गया है. इन वर्षों में इस कार्यक्रम को कर इस पुराने विधा को जीवित रखा जा रहा है.


यह कजरी महोत्सव का आयोजन हम लोग प्रतिवर्ष करते हैं कि आने वाली पीढ़ी भी हमारी संस्कृति और विरासत को जाने. इसके साथ ही हम होली महोत्सव भी करते हैं. बीएचयू स्थित भोजपुरी अध्ययन केंद्र इन दोनों कार्यक्रम का आयोजन करता है, जिसमें सरिता गुप्ता सुप्रसिद्ध उप शास्त्री गायक ने अपनी प्रस्तुति दी.
-श्री प्रकाश शुक्ल, समन्वयक भोजपुरी अध्ययन केंद्र

वाराणसी : धर्म और संस्कृत की नगरी वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पुरानी परंपराओं का निर्वाह करते हुए कजरी महोत्सव का आयोजन किया गया. भोजपुरी अध्ययन केंद्र द्वारा इस महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें बनारस सहित देश के विभिन्न कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी.

बीएचयू में कजरी महोत्सव का आयोजन.

कजरी ने मन मोहा

  • आयोजन का मकसद था "कजरी हमारी धरोहर है" इस विरासत को संभालने वाला महान होता है.
  • जागरूक भावी पीढ़ी सहज अभिभावक की बदौलत इसके अस्तित्व को बचाया जा सकता है.
  • कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी, दर्शकों ने भी तालियों से अभिवादन के साथ उनका प्रोत्साहन किया.

पढें- वाराणसी: बाढ़ ने छीनी बनारसी मिठास, ठप हुआ पान का कारोबार

कजरी मिर्जापुर जौनपुर बनारस की एक लोक गायिका हैं. वह कहती हैं जब वह अपने पति से दूर रहती हैं तो यह गीत गाती हैं, लेकिन वर्तमान काल में यह बदल गया है. इन वर्षों में इस कार्यक्रम को कर इस पुराने विधा को जीवित रखा जा रहा है.


यह कजरी महोत्सव का आयोजन हम लोग प्रतिवर्ष करते हैं कि आने वाली पीढ़ी भी हमारी संस्कृति और विरासत को जाने. इसके साथ ही हम होली महोत्सव भी करते हैं. बीएचयू स्थित भोजपुरी अध्ययन केंद्र इन दोनों कार्यक्रम का आयोजन करता है, जिसमें सरिता गुप्ता सुप्रसिद्ध उप शास्त्री गायक ने अपनी प्रस्तुति दी.
-श्री प्रकाश शुक्ल, समन्वयक भोजपुरी अध्ययन केंद्र

Intro:धर्म एवं संस्कृत की राजधानी वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पुरानी परंपराओं का निर्वाह करते हुए कजरी महोत्सव का आयोजन किया गया भोजपुरी अध्ययन केंद्र द्वारा इस महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें बनारस सहित देश के विभिन्न कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति किया।


आशुतोष उपध्याय

9005099684


Body:इस आयोजन का मात्र एक मकसद था कजरी हमारी धरोहर है इस विरासत को संभालने वाला महान होता है या कार्य जागरूक भावी पीढ़ी सहज अभिभावक की बदौलत ही पूरी की जा सकती है इसीलिए इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में जैसे ही कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति प्रस्तुत की दर्शकों ने भी तालियों के अभिवादन के साथ उनका प्रोत्साहन किया।

कजरी मिर्जापुर जौनपुर बनारस की एक लोक गायिका है जैसा कि आज कजरी का पर्व है तो ऐसे में महिला हैं। जब अपने पति से दूर रहती है तो यह गीत गाती हैं लेकिन वर्तमान काल में यह बदल गया है और इन वर्षों में इस प्रोग्राम को कर कर इस पुराने विधा को जीवित रखा जारहा है।




Conclusion:भोजपुरी अध्ययन केंद्र के समन्वयक श्री प्रकाश शुक्ल ने बताया कि यह कजरी महोत्सव का आयोजन हम लोग प्रतिवर्ष करते हैं कि आने वाली पीढ़ी भी हमारी संस्कृति और विरासत को जाने इसके साथ ही हम होली महोत्सव भी करते हैं बीएचयू स्थित भोजपुरी अध्ययन केंद्र इन दोनों कार्यक्रम का आयोजन करता है जिसमें आज सरिता गुप्ता सुप्रसिद्ध उप शास्त्री गायक ने अपनी प्रस्तुति किया।
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