वाराणसी: काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में आने वाले फैसले को न्यायालय ने गुरुवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था. कागजी कार्रवाई पूरी न होने के कारण फैसले को सुरक्षित रखते हुए आज दोपहर बाद कोर्ट सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल निगरानी याचिका की पोषणीयता पर फैसला सुना सकता है.
इससे पहले मंगलवार को सुनवाई के दौरान प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से वादमित्र अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) के निर्णय के खिलाफ निगरानी याचिका दायर की थी और आपत्ति जताते हुए इसका विरोध किया था. इस दौरान उनकी तरफ से दलील दी गई कि सिविल जज का निर्णय अंतरिम आदेश है. इस आदेश के खिलाफ निगरानी याचिका दाखिल नहीं की जा सकती.
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की निगरानी याचिका
मंगलवार को हुई बहस में दोनों पक्षों ने अपनी बातें रखी थीं. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता तौहिद खान की ओर से दलील दी गई थी कि सिविल जज का आदेश फाइनल आदेश है. फाइनल आदेश के खिलाफ निगरानी याचिका पोषणीय है और ग्राहय करने योग्य (एडमिट) है. ऐसे में मेरी तरफ से दाखिल निगरानी याचिका को स्वीकार किया जाए.
वहीं, संपूर्ण पत्रावलियों के अवलोकन और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सिविल रिविजन के एडमिशन पर फैसला सुरक्षित रखा था और माना जा रहा था कि यह फैसला बुधवार को सुनाया जाएगा, लेकिन कोर्ट ने गुरुवार यानी 22 अक्टूबर तक फैसला सुरक्षित रख लिया है.
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