ETV Bharat / state

सड़क पर क्यों हुई बाबा विश्वनाथ की सप्तऋषि आरती, जानिए क्या है विवाद की वजह

काशी विश्वनाथ मंदिर का विवाद क्यों खड़ा हुआ, इन सभी मामलों की पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत की टीम बाबा विश्वनाथ मंदिर के कैलाश महादेव मंदिर परिसर में पहुंची. जहां ये जानने का प्रयास किया गया, कि आखिर इस विवाद की वजह क्या है.

सड़क पर हुई बाबा विश्वनाथ की सप्तऋषि आरती
सड़क पर हुई बाबा विश्वनाथ की सप्तऋषि आरती
author img

By

Published : May 8, 2020, 7:05 PM IST

Updated : May 9, 2020, 1:41 PM IST

वाराणसी: धर्म नगरी काशी में गुरूवार शाम में एक विवाद खड़ा हो गया. दरअसल, सप्तऋषि आरती जिस महंत परिवार के जिम्मे है, उन्हें गुरूवार शाम मंदिर में प्रवेश से रोक दिया गया. जिसके बाद महंत परिवार के सभी लोग और सप्तऋषि आरती करने वाले अर्चक गेट नंबर-4 के सड़क पर बैठकर आरती करने लगे. इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया से लेकर हर जगह, विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के खिलाफ लोग नाराजगी जाहिर करने लगे. लेकिन इन सबके बीच यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि आखिर यह विवाद पैदा क्यों हुआ. इन सभी मामलों की पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत विश्वनाथ मंदिर के कैलाश महादेव मंदिर परिसर में पहुंचा.

सड़क पर हुई बाबा विश्वनाथ की सप्तऋषि आरती.

काशी विश्वनाथ मंदिर के गुंबद को तोड़े जाने की खबरें कुछ अखबारों में प्रकाशित किए जाने के बाद, महंत परिवार को मंदिर प्रशासन ने मंदिर में प्रवेश से रोक दिया था. मंदिर प्रशासन का साफ तौर पर कहना है कि महंत परिवार भ्रामक खबरें फैलाकर मंदिर का दुष्प्रचार कर रहा है. इसलिए लिखित तौर पर माफी मांगे जाने के बाद ही अब उनके मंदिर में प्रवेश किए जाने के फैसले पर विचार होगा. तब तक सप्तऋषि आरती मंदिर के पुजारी करते रहेंगे.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, इस पूरे विवाद के पीछे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत परिवार का वह मकान है, जो विश्वनाथ मंदिर परिसर के ठीक सामने मौजूद था. इस मकान की रजिस्ट्री जून 2019 में हुई. तीन मकानों की अलग-अलग रजिस्ट्री के बाद छह करोड़ 20 लाख रुपए का भुगतान मंदिर प्रशासन की तरफ से महंत परिवार को किया गया. इन तीन मकानों की रजिस्ट्री के बाद नवंबर महीने में 65 लाख रुपये की पुनर्वास के नाम पर अलग धनराशि दी गई.

मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह का कहना है कि मंदिर की तरफ से मकान की रजिस्ट्री के बाद भी उनके घर में मौजूद कैलाश महादेव मंदिर परिसर के पास एक कमरे को खाली कराए जाने का विवाद था. महंत परिवार इस कमरे को खाली नहीं कर रहा था, जबकि मकान की रजिस्ट्री की जा चुकी थी. इसी कमरे को जब तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई, तब महंत परिवार के लोगों द्वारा यह अफवाह फैला दिया गया कि मंदिर प्रशासन ने कैलाश महादेव मंदिर के शिखर को तोड़ दिया. जबकि इसकी पड़ताल खुद कमिश्नर आईजी समेत तमाम आला अधिकारियों ने की और मंदिर जरा भी क्षतिग्रस्त नहीं मिला.

ईटीवी भारत की टीम ने किया मंदिर का अवलोकन

मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ईटीवी भारत की टीम को भी लेकर अंदर पहुंचे और रेड जोन में स्थित कैलाश महादेव मंदिर का अवलोकन करवाया. पूरे मंदिर की वीडियो रिकॉर्डिंग के दौरान यह तथ्य सामने आया कि मंदिर फिलहाल कहीं से नहीं टूटा है, लेकिन यह भी साफ हुआ कि मंदिर मकान के बीच में पूरी तरह से दबा दिया गया था, जिसे मकान की रजिस्ट्री के बाद और कमरे को तोड़े जाने के बाद इसे सामने लाने का मंदिर प्रशासन ने प्रयास किया. इसके सामने आने के बाद यह पूरा नया विवाद पैदा हुआ और सप्तऋषि आरती में प्रवेश करने से महंत परिवार और अन्य अर्चकों को रोक दिया गया. जिसके बाद सड़क पर ही महंत परिवार के लोगों ने आरती करके एक नया विवाद खड़ा कर दिया.

मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह का कहना है कि सिर्फ एक कमरे को न छोड़ने की जिद और मंदिर को बदनाम कर, लाभ कमाने की चाह रखने वाले महंत परिवार के लोगों से लिखित रूप से माफी मांगने को कहा गया. वहीं जब तक लिखित माफी नहीं मिलेगी जाएगी तब तक किसी को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा और सप्तऋषि आरती मंदिर के पुजारी ही करवाते रहेंगे.

वाराणसी: धर्म नगरी काशी में गुरूवार शाम में एक विवाद खड़ा हो गया. दरअसल, सप्तऋषि आरती जिस महंत परिवार के जिम्मे है, उन्हें गुरूवार शाम मंदिर में प्रवेश से रोक दिया गया. जिसके बाद महंत परिवार के सभी लोग और सप्तऋषि आरती करने वाले अर्चक गेट नंबर-4 के सड़क पर बैठकर आरती करने लगे. इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया से लेकर हर जगह, विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के खिलाफ लोग नाराजगी जाहिर करने लगे. लेकिन इन सबके बीच यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि आखिर यह विवाद पैदा क्यों हुआ. इन सभी मामलों की पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत विश्वनाथ मंदिर के कैलाश महादेव मंदिर परिसर में पहुंचा.

सड़क पर हुई बाबा विश्वनाथ की सप्तऋषि आरती.

काशी विश्वनाथ मंदिर के गुंबद को तोड़े जाने की खबरें कुछ अखबारों में प्रकाशित किए जाने के बाद, महंत परिवार को मंदिर प्रशासन ने मंदिर में प्रवेश से रोक दिया था. मंदिर प्रशासन का साफ तौर पर कहना है कि महंत परिवार भ्रामक खबरें फैलाकर मंदिर का दुष्प्रचार कर रहा है. इसलिए लिखित तौर पर माफी मांगे जाने के बाद ही अब उनके मंदिर में प्रवेश किए जाने के फैसले पर विचार होगा. तब तक सप्तऋषि आरती मंदिर के पुजारी करते रहेंगे.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, इस पूरे विवाद के पीछे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत परिवार का वह मकान है, जो विश्वनाथ मंदिर परिसर के ठीक सामने मौजूद था. इस मकान की रजिस्ट्री जून 2019 में हुई. तीन मकानों की अलग-अलग रजिस्ट्री के बाद छह करोड़ 20 लाख रुपए का भुगतान मंदिर प्रशासन की तरफ से महंत परिवार को किया गया. इन तीन मकानों की रजिस्ट्री के बाद नवंबर महीने में 65 लाख रुपये की पुनर्वास के नाम पर अलग धनराशि दी गई.

मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह का कहना है कि मंदिर की तरफ से मकान की रजिस्ट्री के बाद भी उनके घर में मौजूद कैलाश महादेव मंदिर परिसर के पास एक कमरे को खाली कराए जाने का विवाद था. महंत परिवार इस कमरे को खाली नहीं कर रहा था, जबकि मकान की रजिस्ट्री की जा चुकी थी. इसी कमरे को जब तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई, तब महंत परिवार के लोगों द्वारा यह अफवाह फैला दिया गया कि मंदिर प्रशासन ने कैलाश महादेव मंदिर के शिखर को तोड़ दिया. जबकि इसकी पड़ताल खुद कमिश्नर आईजी समेत तमाम आला अधिकारियों ने की और मंदिर जरा भी क्षतिग्रस्त नहीं मिला.

ईटीवी भारत की टीम ने किया मंदिर का अवलोकन

मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ईटीवी भारत की टीम को भी लेकर अंदर पहुंचे और रेड जोन में स्थित कैलाश महादेव मंदिर का अवलोकन करवाया. पूरे मंदिर की वीडियो रिकॉर्डिंग के दौरान यह तथ्य सामने आया कि मंदिर फिलहाल कहीं से नहीं टूटा है, लेकिन यह भी साफ हुआ कि मंदिर मकान के बीच में पूरी तरह से दबा दिया गया था, जिसे मकान की रजिस्ट्री के बाद और कमरे को तोड़े जाने के बाद इसे सामने लाने का मंदिर प्रशासन ने प्रयास किया. इसके सामने आने के बाद यह पूरा नया विवाद पैदा हुआ और सप्तऋषि आरती में प्रवेश करने से महंत परिवार और अन्य अर्चकों को रोक दिया गया. जिसके बाद सड़क पर ही महंत परिवार के लोगों ने आरती करके एक नया विवाद खड़ा कर दिया.

मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह का कहना है कि सिर्फ एक कमरे को न छोड़ने की जिद और मंदिर को बदनाम कर, लाभ कमाने की चाह रखने वाले महंत परिवार के लोगों से लिखित रूप से माफी मांगने को कहा गया. वहीं जब तक लिखित माफी नहीं मिलेगी जाएगी तब तक किसी को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा और सप्तऋषि आरती मंदिर के पुजारी ही करवाते रहेंगे.

Last Updated : May 9, 2020, 1:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.