वाराणसी : वैश्विक आपदा में हर कोई अपना योगदान देकर लोगों की जिंदगी बचाने की कोशिश में जुटा है. ऐसा ही काम वाराणसी के एक उद्योगपति ने किया है. नामी उद्योगपति आर के चौधरी ने जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की भारी कमी को दूर करने के लिए 20 अप्रैल को एक ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्णय लिया. इसके बाद 10 दिन के अंदर उन्होंने न सिर्फ औरंगाबाद की कंपनी से टाइअप करके प्लांट का मैटेरियल मंगवाया, बल्कि यह प्लांट अब जिला अस्पताल में इंस्टॉल भी हो चुका है. शुक्रवार रात से इसकी सप्लाई भी शुरू हो चुकी है. बनारस में ऑक्सीजन की भारी किल्लत के बीच जिला अस्पताल में सीधे कोविड पेशेंट के बेड तक बिना किसी सिलेंडर के ऑक्सीजन सप्लाई की जा सकेगी.
120 बेड को मिलेगी ऑक्सीजन
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने 650 एलपीएम (लीटर पर मिनट) का पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में प्लांट लगवाया है. इस प्लांट के उत्पादन से करीब 120 बेड तक सीधे ऑक्सीजन मिलेगा. ये प्लांट करीब 9 दिनों में बन कर तैयार हो गया. ये प्लांट शुक्रवार देर शाम से मरीजों को ऑक्सीजन रूपी संजीवनी का उत्पादन करने लगा है. वाराणसी के जिला अस्पताल में शुक्रवार से 120 बेडों पर ऑक्सीजन मिलना शुरू हो गया. जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का लगाया जाना न सिर्फ बनारस बल्कि पूर्वांचल से बड़ी तादाद में आने वाले मरीजों के लिए भी बड़ी राहत की बात है. जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा ने बताया कि दीनदयाल अस्पताल में 203 बेड हैं. इस ऑक्सीजन प्लांट के शुरू होने से 120 बेडों पर ऑक्सीजन मिलने लगेगा, जिससे सिलिंडर को दूसरे जनपद में भेज कर भरवाने की समस्या से निजात मिलेगी.
प्लांट के लिए दी बड़ी धनराशि
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और शहर के प्रमुख उद्यमी आर के चौधरी ने इस प्लांट के लिए बड़ी राशि डोनेट की है. उनका कहना है कि ये समय आपदा का है. हमने अपने कर्तव्य को निभाया है, जिससे हर जरूतरतमंद लोगों का समुचित इलाज हो सके. आर के चौधरी ने बताया कि योगी सरकार और उनके अधिकारियों ने बड़े ही तत्परता से सभी औपचारिकता को पूरा करते हुए रिकॉर्ड समय में इस प्लांट को औरंगाबाद से मंगवाया और इंस्टाल करवाया है.
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वातावरण से ऑक्सीजन लेकर बचाएगा जीवन
प्लांट को इंस्टॉल कर रहे इंजीनियर प्रदीप ने बताया कि आईएसओ (ISO) का ये प्लांट वातावरण से ऑक्सीजन लेकर उसे प्रोसेस करके मरीजों को ऑक्सीजन लेने लायक बनाता है. औरंगाबाद से आये इस प्लांट में भारतीय, यूएस व जर्मनी के पार्ट्स लगे हैं. इंजीनियर ने बताया कि प्लांट पूरी तरह इंस्टॉल हो चुका है. फ्लशिंग का काम चल रहा जो कुछ घंटे तक चलेगा. इसके बाद यह प्लांट पूरी तरह से ऑक्सीजन लेने के लिए तैयार हो जाएगा.