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कुश्ती संघ के निलंबन पर IOA ने बनाई जांच कमेटी, संजय सिंह बोले- बिना मेरी अनुमति के कैसे बनी कमेटी - Indian Sports Ministry

भारतीय ओलंपिक संघ (Indian Olympic Association) द्वारा निलंबित कुश्ती संघ की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. वहीं, निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह (Sanjay Singh) ने विरोध करते हुए कहा कि कुश्ती संघ की पूरी बॉडी लोकतांत्रित तरीके से चुनी गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 28, 2023, 4:12 PM IST

संजय सिंह का बयान

वाराणसी: भारतीय ओलंपिक संघ ने बुधवार को निलंबित की गई WFI की पूरी जांच के लिए तीन सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन किया है. कमेटी का अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा को बनाया गया है. इसके अलावा सदस्य में सौम्या और मंजूषा कुंवर भी शामिल हैं. मंत्रालय ने 24 दिसंबर को वर्ल्ड रेसलिंग फेडरेशन के नवनिर्वाचित सदस्य संजय सिंह समेत उनकी पूरी कमेटी को ही निलंबित कर दिया था. इसके पीछे वजह बताई गई थी कि नवनिर्वाचित संस्था ने नियमों का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-19 राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन कर दिया. जल्दबाजी में लिया गया निर्णय नियमों के खिलाफ था.

इस बारे में WFI के नवनिर्वाचित और निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि वह एडहॉक कमेटी का विरोध करते हैं. वह कमेटी को पूरी तरह से अस्वीकार करते हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए उनकी परमिशन लेना अति आवश्यक है. क्योंकि, डब्ल्यूएफआई एक ऑटोनॉमस बॉडी है. इसके लिए वह सरकार से बात करेंगे और अगर बात नहीं बनेगी तो वह कानूनी राय लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने कहा कि वह लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव जीते हैं, पूरी बॉडी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई है. जहां चुनाव में कुल कल 47 मत पड़े, जिसमें उन्हें 40 मत और विपक्षी को 7 मत मिले.


WFI के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि तकनीकी तौर पर यह चीज गलत है, नियम के मुताबिक यह स्पष्ट है कि वे ऑटोनॉमस बॉडी होने की वजह से अपने फैसले अध्यक्ष के तौर पर ले सकते हैं. यह नियम है कि बिना उनकी अनुमति के किसी कमेटी का गठन नहीं किया जा सकता. पिछली बार बृजभूषण शरण सिंह जब अध्यक्ष थे और कमेटी जांच के लिए बनी थी तो उन्होंने लिखित तौर पर चीजें दी थी, जिसके बाद ही जांच आगे बढ़ी थी. इस बार बिना उनसे पूछे यह कमेटी कैसे बन गई, जबकि वह निर्वाचित अध्यक्ष हैं उन्हें निलंबित किया गया है. उनकी अनुमति के बिना यह कार्य किया गया, जो सही नहीं है.

बता दें की 21 दिसंबर को दिल्ली में हुए डब्ल्यूएफआई के चुनाव के दौरान संजय सिंह अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी. सांसद बृजभूषण शरण सिंह की लॉबी को मजबूत करने के बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बृजभूषण शरण भी मौजूद थे. इस दौरान संजय ने अंडर-15 और अंडर-20 के नेशनल चैंपियनशिप के गोंडा में आयोजन करने की घोषण कर दी, जिसके बाद 24 दिसंबर को खेल मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लेते हुए पूरी कमेटी को निलंबित कर दिया था. अब इस मामले में एक जांच कमेटी बनाई गई है, इस कमेटी का संजय सिंह विरोध कर रहे हैं.

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संजय सिंह का बयान

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इस बारे में WFI के नवनिर्वाचित और निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि वह एडहॉक कमेटी का विरोध करते हैं. वह कमेटी को पूरी तरह से अस्वीकार करते हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए उनकी परमिशन लेना अति आवश्यक है. क्योंकि, डब्ल्यूएफआई एक ऑटोनॉमस बॉडी है. इसके लिए वह सरकार से बात करेंगे और अगर बात नहीं बनेगी तो वह कानूनी राय लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने कहा कि वह लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव जीते हैं, पूरी बॉडी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई है. जहां चुनाव में कुल कल 47 मत पड़े, जिसमें उन्हें 40 मत और विपक्षी को 7 मत मिले.


WFI के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि तकनीकी तौर पर यह चीज गलत है, नियम के मुताबिक यह स्पष्ट है कि वे ऑटोनॉमस बॉडी होने की वजह से अपने फैसले अध्यक्ष के तौर पर ले सकते हैं. यह नियम है कि बिना उनकी अनुमति के किसी कमेटी का गठन नहीं किया जा सकता. पिछली बार बृजभूषण शरण सिंह जब अध्यक्ष थे और कमेटी जांच के लिए बनी थी तो उन्होंने लिखित तौर पर चीजें दी थी, जिसके बाद ही जांच आगे बढ़ी थी. इस बार बिना उनसे पूछे यह कमेटी कैसे बन गई, जबकि वह निर्वाचित अध्यक्ष हैं उन्हें निलंबित किया गया है. उनकी अनुमति के बिना यह कार्य किया गया, जो सही नहीं है.

बता दें की 21 दिसंबर को दिल्ली में हुए डब्ल्यूएफआई के चुनाव के दौरान संजय सिंह अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी. सांसद बृजभूषण शरण सिंह की लॉबी को मजबूत करने के बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बृजभूषण शरण भी मौजूद थे. इस दौरान संजय ने अंडर-15 और अंडर-20 के नेशनल चैंपियनशिप के गोंडा में आयोजन करने की घोषण कर दी, जिसके बाद 24 दिसंबर को खेल मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लेते हुए पूरी कमेटी को निलंबित कर दिया था. अब इस मामले में एक जांच कमेटी बनाई गई है, इस कमेटी का संजय सिंह विरोध कर रहे हैं.

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