वाराणसी: मेक इन इंडिया के तहत युवाओं को स्टार्टअप से जोड़ने के लिए सरकार तमाम योजनाओं का संचालन कर रही है. अलग-अलग प्लेटफार्म उपलब्ध करा रही है. इसी क्रम में देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में बकायदा इनक्यूबेशन सेंटर भी खोले जा रहे हैं. जो युवाओं के नए आइडिया को एक प्लेटफार्म देने का काम कर रहा है. ऐसे में बात यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्षेत्र वाराणसी की करें, तो यहां के राज्यस्तरीय विश्वविद्यालय में इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना होने जा रही है. जो पूर्वांचल के युवाओं को न सिर्फ एक बेहतर स्थान उपलब्ध कराएगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
इनक्यूबेशन सेंटर वह स्थान होता है, जहां पर स्टार्टअप को लेकर के सभी प्रकार की सुविधाएं व सहयोग प्रदान किया जाता है. जिससे विद्यार्थी व युवाओं के आइडिया को सही मार्गदर्शन मिलता है. इसके साथ ही उनको आवश्यकतानुसार आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराई जाती है. वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में इनक्यूबेशन सेंटर की शुरुआत होने जा रही है, जो पूरे पूर्वांचल के लोगों को एक बड़ा लाभ देगा.
इन्क्यूबेशन सेंटर युवाओं को बनाएगा आत्मनिर्भर: विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडे बताती हैं कि इस साल विश्वविद्यालय में केंद्र की शुरुआत हो जाएगी. यहां पर युवा अपने नए आईडिया और स्टार्टअप को लेकर आएंगे. जहां पर यह संस्थान उनके आइडिया को विकसित करने में उनकी मदद करेगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान में युवाओं के पास काफी अच्छे आइडिया तो हैं लेकिन फंड व सही प्लेटफार्म न मिलने के कारण वह आगे नहीं बढ़ पाते हैं. ऐसे में इधर-उधर भटकते हैं और कई बार उन्हें आर्थिक नुकसान भी होता है. लेकिन, अब विश्वविद्यालय के जरिए एक छत के नीचे उन्हें तमाम सुविधाएं मिलेंगी.
फंड के लिए कपनियों से साइन होगा एमओयू: उन्होंने बताया कि इस सेंटर की स्थापना के लिए विश्वविद्यालय ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर कार्य शुरू कर दिया है. सबसे पहले रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होगी और उसके बाद आगे का कार्य किया जाएगा. यही नहीं युवाओं की मदद के लिए अलग-अलग कंपनियों के साथ एमओयू भी साइन किया जाएगा, जहां पर युवाओं के आइडियाज को कंपनियां एक नई दिशा देंगी.
बाजार भी कराया जाएगा उपलब्ध: उन्होंने बताया कि एमओयू के जरिए विद्यार्थियों के स्टार्टअप को विकसित करने के साथ उन्हें एक बेहतर बाजार मुहैया कराया जाएगा. इसमें कृषि, आईटी, आर्ट, फ़ूड व अन्य अलग-अलग क्षेत्रों में युवाओं को स्टार्टअप की जगह मिलेगी. इससे ना सिर्फ युवा आत्मनिर्भर बनेंगे बल्कि लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा.
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