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BHU में हाईटेक आई बैंक शुरू, मरीजों को मिलेगी राहत

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय स्थित क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में बीएचयू आई बैंक का उद्घाटन हुआ है. इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी.

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BHU का आई बैंक
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Published : Jun 23, 2022, 6:00 PM IST

वाराणसी: पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान स्थित क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में अत्याधिक सुविधाओं से युक्त आई बैंक की शुरुआत की गई है. इसका उद्घाटन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वीके शुक्ला ने किया. उन्होंने कहा कि बीएचयू में आई बैंक खुलने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी. लोग यहां पर नेत्रदान कर सकेंगे. साथ ही यहां दान की गई नेत्र की जांच भी हो सकेगी.

बीएचयू का आई बैंक.

प्रोफेसर वी के शुक्ला ने बताया कि बीएचयू विज्ञान संस्थान 20 करोड़ आबादी को अपनी सुविधा प्रदान करता है, जिसमें 7 प्रदेश और एक देश नेपाल है. नेपाल तक के मरीज यहां पर आते हैं. इस एरिया के लिए कार्निया बैंक की बहुत ही आवश्यकता थी, क्योंकि हमारे देश में एक लाख से ज्यादा लोग कार्निया से पीड़ित हैं. ऐसे में मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी. प्रो. शुक्ला ने कहा कि हैदराबाद एलबीएस सेंटर को धन्यवाद देना चाहूंगा. इनके सहयोग से यह सुविधा प्राप्त हो सकी है.

यह भी पढ़ें- परिषदीय विद्यालयों में फाइबर टू होम योजना के तहत मिलेगी इंटरनेट सेवा

हैदराबाद एलवी प्रसाद नेत्र संस्थान के प्रोफेसर प्रशांत गर्ग ने बताया भारत में कार्निया से रिलेटेड अन्धता बहुत बड़ी प्रॉब्लम है. अंधत्व का निराकरण कार्निया के द्वारा दूर कर सकते हैं. इसलिए आई बैंक की काफी जरूरत है. इसके माध्यम से हम अच्छे से लोगों का उपचार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कॉर्निया टिशु डोनेटर के द्वारा मिल भी जाए तो उसका प्रॉपर ट्रीटमेंट तय करेगा कि यह कार्निया या सूटेबल है या नहीं.


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वाराणसी: पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान स्थित क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में अत्याधिक सुविधाओं से युक्त आई बैंक की शुरुआत की गई है. इसका उद्घाटन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वीके शुक्ला ने किया. उन्होंने कहा कि बीएचयू में आई बैंक खुलने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी. लोग यहां पर नेत्रदान कर सकेंगे. साथ ही यहां दान की गई नेत्र की जांच भी हो सकेगी.

बीएचयू का आई बैंक.

प्रोफेसर वी के शुक्ला ने बताया कि बीएचयू विज्ञान संस्थान 20 करोड़ आबादी को अपनी सुविधा प्रदान करता है, जिसमें 7 प्रदेश और एक देश नेपाल है. नेपाल तक के मरीज यहां पर आते हैं. इस एरिया के लिए कार्निया बैंक की बहुत ही आवश्यकता थी, क्योंकि हमारे देश में एक लाख से ज्यादा लोग कार्निया से पीड़ित हैं. ऐसे में मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी. प्रो. शुक्ला ने कहा कि हैदराबाद एलबीएस सेंटर को धन्यवाद देना चाहूंगा. इनके सहयोग से यह सुविधा प्राप्त हो सकी है.

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हैदराबाद एलवी प्रसाद नेत्र संस्थान के प्रोफेसर प्रशांत गर्ग ने बताया भारत में कार्निया से रिलेटेड अन्धता बहुत बड़ी प्रॉब्लम है. अंधत्व का निराकरण कार्निया के द्वारा दूर कर सकते हैं. इसलिए आई बैंक की काफी जरूरत है. इसके माध्यम से हम अच्छे से लोगों का उपचार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कॉर्निया टिशु डोनेटर के द्वारा मिल भी जाए तो उसका प्रॉपर ट्रीटमेंट तय करेगा कि यह कार्निया या सूटेबल है या नहीं.


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