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ज्ञानवापी विवादः शिवलिंग पूजन की मांग पर अनशनरत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की सेहत गिरी, ये नाराजगी जताई - Gyanvapi Shringar Gauri controversy

ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजन की मांग को लेकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अन्न-जल त्यागकर बीते 24 घंटे से अनशन पर बैठे हैं. उनकी सेहत लगातार गिरती जा रही है. उन्होंने प्रशासन की कार्यशैली को लेकर गहरी नाराजगी जताई है.

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
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Published : Jun 5, 2022, 5:36 PM IST

वाराणसीः ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अन्न-जल त्यागकर बीते 24 घंटे से अनशन पर बैठे हैं. उनकी सेहत में लगातार गिरावट जारी है. इससे उनके शिष्य चिंतित हैं. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की मांग है कि या तो उन्हें शिवलिंग के पूजन की अनुमति दी जाए या फिर किसी अन्य के द्वारा शिवलिंग का पूजन कराया जाए. उधर, रविवार को उनके शिष्यों ने 1008 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया. हनुमानजी से स्वामीजी के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए कामना की गई. उधर, केदार घाट स्थित श्री विद्या मठ को पुलिस छावनी बना दिया गया है, इसे लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गहरी नाराजगी जताई है.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि लोकशाही लोकतंत्र में सबसे महत्वपूर्ण होनी चाहिए. लोक इच्छा है कि हम पूजा करें. लोक इच्छा का सम्मान होना चाहिए. उन्होंने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि पुलिस बल आश्रम के काफी भीतर आ गया. हमको रोका गया. जहां नमाज होती है वहां पर हमको रोकते तो ठीक लगता. बिना अनुमति के पुलिस वाले मठ के अंदर घुस आए. लोगों को मठ के अंदर नहीं आने दिया. न ही मठ के बाहर किसी को जाने दिया.

उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में प्राण की स्वतंत्रता का अधिकार है. वह शिवलिंग प्राण प्रतिष्ठित है. शिवलिंग को भोजन और जल के साथ सेवा मिलनी चाहिए. यह संवैधानिक अधिकार है. उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ करने पर शिष्यों की सराहना भी की.

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वाराणसीः ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अन्न-जल त्यागकर बीते 24 घंटे से अनशन पर बैठे हैं. उनकी सेहत में लगातार गिरावट जारी है. इससे उनके शिष्य चिंतित हैं. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की मांग है कि या तो उन्हें शिवलिंग के पूजन की अनुमति दी जाए या फिर किसी अन्य के द्वारा शिवलिंग का पूजन कराया जाए. उधर, रविवार को उनके शिष्यों ने 1008 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया. हनुमानजी से स्वामीजी के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए कामना की गई. उधर, केदार घाट स्थित श्री विद्या मठ को पुलिस छावनी बना दिया गया है, इसे लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गहरी नाराजगी जताई है.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि लोकशाही लोकतंत्र में सबसे महत्वपूर्ण होनी चाहिए. लोक इच्छा है कि हम पूजा करें. लोक इच्छा का सम्मान होना चाहिए. उन्होंने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि पुलिस बल आश्रम के काफी भीतर आ गया. हमको रोका गया. जहां नमाज होती है वहां पर हमको रोकते तो ठीक लगता. बिना अनुमति के पुलिस वाले मठ के अंदर घुस आए. लोगों को मठ के अंदर नहीं आने दिया. न ही मठ के बाहर किसी को जाने दिया.

उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में प्राण की स्वतंत्रता का अधिकार है. वह शिवलिंग प्राण प्रतिष्ठित है. शिवलिंग को भोजन और जल के साथ सेवा मिलनी चाहिए. यह संवैधानिक अधिकार है. उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ करने पर शिष्यों की सराहना भी की.

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