वाराणसी: आमतौर पर सनातन धर्म में त्यौहार जब शुरू होते हैं तो उनकी झड़ी लग जाती है और कार्तिक के महीने में तो त्यौहार ही त्यौहार होते हैं और मुख्य त्यौहार उन पंच पर्व को माना जाता है जो धनतेरस से लेकर भैया दूज तक संपन्न होते हैं. इस बार 22 अक्टूबर से इस पंच पर्व की शुरुआत हो रही है और सबसे पहले 22 अक्टूबर को जो त्यौहार पड़ेगा उसे धनतेरस के रूप में जाना जाता है. शनिवार 22 अक्टूबर को धनतेरस और धन्वंतरि जयंती का पर्व मनाया जाएगा. यह पर्व सनातन धर्म में सुख समृद्धि और सौभाग्य के रूप में मनाया जाता है. आप भी जानिए इस धनतेरस पर्व पर क्या करें क्या न करें और किन चीजों को लाने से माता लक्ष्मी आप पर कृपा करेंगी.
इस बारे में काशी के ज्योतिषाचार्य और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि दीपावली पांच दिवसीय पर्व के रूप में मनाया जाता है. पहले दिन धनतेरस का त्यौहार आता है, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी, तीसरे दिन दीपावली और चौथे दिन गोवर्धन पूजा के बाद पांचवें दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है. अलग-अलग दिन अलग-अलग त्यौहारों का विशेष महत्व होता है. उन्हें मनाने का तरीका भी होता है.
आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि 22 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि दिन में 4:33 के बाद लगेगी और इसका मान प्रदोष काल में होता है और शनि यमराज के भाई माने जाते हैं. इसलिए प्रदोष काल में शनि प्रदोष व्रत के साथ त्रयोदशी दोनों का संयोग एक साथ पड़ने की वजह से यह अद्भुत संयोग देखने को मिल रहा है. इस दौरान कई तरह के योग भी देखने को मिलेंगे, जिनमें सर्वार्थ सिद्धि योग, यई जय योग, त्रिपुष्कर योग मिल रहे हैं. 1:30 दिन में 4:33 तक त्रिपुष्कर योग रहेगा. ऐसा योग 66 वर्ष बाद बन रहा है. आचार्य देवकी कृष्ण शास्त्री ने बताया कि त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर की शाम 5:26 बजे तक रहेगी. लेकिन, धर्मशास्त्र में त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल में मान्य होती है और प्रदोष काल 22 अक्टूबर को ही मिल रहा है. इसकी वजह से काशी के सभी पंचांग 22 अक्टूबर को ही धनतेरस का पर्व मनाने की अनुमति दे रहे हैं.
आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि स्कंदपुराण में वर्णित है कि कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे। यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनश्यति। अर्थात कार्तिक मास में कृष्णपक्ष की त्रयोदशी के दिन शाम को घर के बाहर यमदेव के लिए दीप रखने से अपमृत्यु का निवारण होता है. धनत्रयोदशी सूर्यपुत्र यम का दीपदान करने से अकाल मृत्यु से छुटकारा मिलता है. साथ में आज ही के दिन धन्वंतरि जयंती एवं कामेश्वरी जयंती भी मनाई जाती है. पूरे वर्ष में एकमात्र यही वह दिन है जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा सिर्फ दीपदान करके होती है.
आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री का कहना है कि 22 अक्तूबर को धनत्रयोदशी के दिन यम को दीपदान प्रदोषकाल में करना चाहिए. प्रदोषकाल का समय 4:35 से 5:26 बजे तक है. इस समय मीन लग्न में दीपदान करने से मन स्थिर और क्लेष दूर होंगे. वहीं, मेष लग्न में शाम 5:26 बजे से 7:03 बजे तक दीपदान करने से व्यय का समाधान होता है व आय में बढ़ोतरी होगी.
ज्योतिषाचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री के अनुसार यम को दीपदान के लिए आटे का एक बड़ा दीपक तैयार करें. इसके उपरांत स्वच्छ रूई लेकर दो लंबी बत्तियां बना लें. उन्हें दीपक में एक दूसरे पर आड़ी इस प्रकार रखें कि दीपक के बाहर बत्तियों के चार मुंह दिखाई दें. अब उसे तिल के तेल से भर दें और साथ ही उसमें कुछ काले तिल भी डाल दें. प्रदोषकाल में दीपक का, रोली, अक्षत एवं पुष्प से पूजन करें. घर के मुख्य दरवाजे के बाहर थोड़ी सी खील अथवा गेहूं से ढेरी बनाकर उसके ऊपर दीपक को रखना है. दीपक जलाकर रख लें और दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए चार मुंह के दीपक को खील आदि की ढेरी के ऊपर रख दें. इसके उपरांत यमदेवाय: नम: कहते हुए दक्षिण दिशा में नमस्कार करें. धनतेरस के दिन झाड़ू, पीतल के बर्तन, गोमती चक्र एवं धनिया खरीदना अत्यंत शुभ माना गया है.
राशि के मुताबिक जानिए धनतेरस पर क्या करना होगा लाभदायक
मेष: मेष राशि वाले जातकों कोसोने-चांदी के आभूषण खरीदने चाहिए, इसके साथ ही आपके लिए प्रोपर्टी में निवेश करना भी आपके लिए शुभ रहेगा.
वृषभ राशि: धनतेरस के मौके पर इस राशि के जातक चांदी या हीरे का आभूषण ले सकते हैं, वाहन खरीदने का मन बना रहे हैं तो धनतेरस का दिन आपके लिए बहुत ही शुभ रहेगा.
मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातक यदि लाभ पाना चाहते हैं तो सोने-चांदी की वस्तु अथवा इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की खरीदारी करें.
कर्क राशि: कर्क राशि के जातक इस धनतेरस पर चांदी के गहनों की खरीदारी कर सकते हैं, आपके लिए शेयर बाजार में निवेश करना भी लाभप्रद रहेगा.
सिंह राशि: सूर्य के स्वामित्व वाली सिंह राशि के लिए सोना अथवा चांदी की वस्तुओं की खरीदारी शुभ रह सकती है.
कन्या राशि: इस धनतेरस पर शुभता पाने के लिए आप इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की खरीदारी कर सकते हैं, सोने-चांदी की वस्तुओं की खरीदारी से भी लाभ होगा.
तुला राशि: तुला राशि के लोगों को चांदी के आभूषण अथवा कोई अन्य चीज खरीदने से लाभ मिल सकता है. शेयर मार्किट में निवेश से भी फायदा मिल सकता है.
वृश्चिक राशि: इस राशि के लोगों को प्रोपर्टी में निवेश करने से अच्छा मुनाफा मिल सकता है, सोने-चांदी की खरीदारी भी फलदायी रह सकती है.
धनु राशि: धनु राशि के लोगों को सोने के आभूषण खरीदने से फायदा हो सकता है, जमीन खरीदने का मन बना रहे हैं तो धनतेरस की तिथि आपके लिए शुभ रहेगी.
मकर राशि: मकर राशि के जातकों को चांदी के आभूषण अथवा इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स धनतेरस के दिन खरीदना चाहिए.
कुंभ राशि: इस राशि के लोग चांदी के आभूषण की खरीदारी कर सकते हैं, शेयर बाजार में निवेश करके भी आप लाभ कमा सकते हैं.
मीन राशि: आपके लिए सोने अथवा चांदी के आभूषण इस धनतेरस पर खरीदने चाहिए.
खरीदारी का सबसे बढ़िया मुहूर्त
खरीदारी करने के लिए शाम को 4:33 से लेकर के 5 बज के 6 मिनट तक खरीदना बेहतर रहेगा. इसमें मीन लग्न है और मीन का स्वामी गुरु स्वराशी हैं, जिसके कारण से जीवन में उन्नति होगी.
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