ETV Bharat / state

BHU ने खोज निकाला सबसे बड़े सवाल का जवाब, ऐसे तैयार होगा हाइड्रोजन

आईआईटी बीएचयू(IIT BHU) के वैज्ञानिकों ने हाइड्रोजन तैयार करने के लिए एक जेनरेटर का निर्माण किया है. यह जेनेरेटर हाइड्रोजन बनाएगा साथ ही स्टोरेज की समस्या को भी दूर करेगा. ऐसे में आईआईटी बीएचयू के वैज्ञानिकों का ये अविष्कार भविष्य में एक बड़ा विकल्प बन सकता है.

etv bharat
हाइड्रोजन जेनरेटर
author img

By

Published : Oct 26, 2022, 6:40 PM IST

वाराणसीः दुनिया पेट्रोल और डीजल के स्टोरेज की समस्या से निजात पाने का जवाब ढूंढ रही है. वहीं, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के आईआईटी के वैज्ञानिकों ने इस जवाब को खोज लिया है. हाइड्रोजन को पेट्रोल और डीजल का विकल्प माना जा रहा है, जिसका उत्पादन बड़ी मात्रा में करना और फिर उसका स्टोरेज करना काफी कठिन है. इसके लिए बीएचयू के वैज्ञानिकों ने एक डिवाइस का निर्माण किया है, जो हाइड्रोजन बनाएगी और स्टोरेज की समस्या भी दूर करेगी.

etv bharat
हाइड्रोजन जेनरेटर

दरअसल, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के आईआईटी से केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रजनीश उपाध्याय और उनकी टीम ने करीब चार साल इस पर शोध का काम किया है. इनकी टीम ने एक डिवाइस तैयार किया है जिसका नाम 'हाइड्रोजन जेनरेटर' रखा गया है. यह डिवाइस मिथेनॉल और पानी के मिश्रण (mixture of methanol and water) से हाइड्रोजन बनती है. इसका इस्तेमाल डीजल से चलने वाले जेनरेटर की जगह पर किया जा सकता है. ईवी चार्जिंग में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है.

etv bharat
हाइड्रोजन जेनरेटर

हाइड्रोजन में नेक्स्ट जेनरेशन फ्यूल बनने की क्षमता
प्रोफेसर रजनीश उपाध्याय ने बताया कि 'हम इस डिवाइस को बनाने में पिछले 4 साल से लगे हुए हैं. पीएम मोदी ने हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों पर जोर दिया है. इसके बाद हमने अपना प्रयास और तेज कर दिया है. जब हम ग्रीन एनर्जी की बात कर रहे हैं तो ये बहुत अच्छा सोर्स हो सकता है. हाइड्रोजन में नेक्स्ट जेनरेशन फ्यूल बनने की क्षमता है. ऐसे में हाइड्रोजन स्टोरेज सबसे बड़ी समस्या थी. हमने इसके स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन की समस्या को कैसे सुलझाया जाए उस पर काम किया है.'

etv bharat
हाइड्रोजन जेनरेटर

ऑन साइट और ऑन डिमांड किया जा सकेगा काम
उन्होंने बताया कि 'हमने जो डिवाइस तैयार की है उससे ऑन साइट और ऑन डिमांड हाइड्रोजन तैयार की जा सकती है. इसे पॉवर जेनरेशन के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है. मिथेनॉल और पानी के मिश्रण से हम हाइड्रोजन तैयार कर रहे हैं. इसका प्रयोग हम पावर जेनरेट करने के लिए करते हैं. यह फ्यूल का काम करता है. डीजल की तुलना में मिथेनॉल काफी सस्ता है. इसे हम डीजल से चलने वाले जेनरेटर का रिप्लेसमेंट मानते हैं. मिथेनॉल 20 से 24 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल 80 से 90 रुपये प्रति लीटर चल रहा है.'

etv bharat
हाइड्रोजन जेनरेटर

प्रदूषण स्तर कम होने के साथ कम हो जाएगा खर्च
प्रोफेसर उपाध्याय ने बताया कि हाइड्रोजन जेनरेटर की मदद से हाइड्रोजन का तेजी से उत्पादन संभव है. 50 मिलीलीटर मिथेनॉल और पानी के मिश्रण से एक मिनट में 60 लीटर हाइड्रोजन का उत्पादन होगा. जरूरत के हिसाब से इसकी उत्पादन क्षमता कम या ज्यादा की जा सकती है. इस ईंधन के इस्तेमाल से प्रदूषण स्तर 60 से 70 फीसदी कम हो जाएगा. वहीं, वाहनों पर आने वाला खर्च भी कम हो जाएगा.

डीजल की तुलना में कम आएगा खर्च
उन्होंने बताया कि हाइड्रोजन की एनर्जी डीजल से बहुत अधिक होती है. मिथेनॉल को अगर हम हाइड्रोजन बनाएं और उसे फ्यूल के लिए प्रयोग करें, तो डीजल की तुलना में ज्यादा एनर्जी मिलेगी. 500 से 600 मिथेनॉल का प्रयोग प्रति किलो वॉट प्रति घंटा के हिसाब से होता है. उतना ही पावर अगर लगता है अगर हम मिथेनॉल बनाएं और मिथेनॉल से अगर हाइड्रोजन बनाएं फिर हाइड्रोजन से एक किलोवाट बिजली बनाएं.

पेट्रोल पंप पर लगा सकते हैं हाइड्रोजन मेकिंग डिवाइस
प्रोफेसर रजनीश उपाध्याय ने बताया कि 'यह तकनीकि और सस्ती हो सकती है. हम बायो मिथेनॉल की बात कर रहे हैं. इसका प्रोडक्शन अगर हम बल्क लेवल पर करें, तो इसकी लागत लगभग आधा की जा सकती है. अगर सड़क पर हाइड्रोजन कार चलेगी तो पहला सवाल ये होगा कि हाइड्रोजन कहां से लाया जाए. हम अपनी डिवाइस को पेट्रोल पंप पर लगा सकते हैं. वहां पर हाइड्रोजन का उत्पादन कर सकते हैं.'

मोबाइल टावर स्टेशन पर लगाएंगे हाइड्रोजन जनरेटर
उन्होंने बताया कि मोबाइल टावर स्टेशन हमारा अगला टारगेट है, जो सबसे डीजल से चल रहे हैं. बदलाव तो छोटे लगेंगे, लेकिन इनका प्रभाव बहुत बड़ा होगा. अगर 2 लाख डीजल जेनरेटर को 2 लाख हाइड्रोजन जेनरेटर से बदला जाए तो बहुत बड़ा बदलाव हो सकता है. ईवी चार्जिंग में बहुत बड़ा बदलाव किया जा सकता है. हम ग्रीन एनर्जी से ईवी (इलेक्ट्रिक गाड़ियां) को चार्ज कर सकते हैं. हम प्रयास कर रहे हैं कि इसी डिवाइस को कार या ट्रॉली के अंदर लगा सकें और हाइड्रोजन से उसको चलाएं.

पढ़ेंः आईआईटी मद्रास, बीएचयू के बीच 'काशी तमिल संगमम' के लिए साझेदारी

वाराणसीः दुनिया पेट्रोल और डीजल के स्टोरेज की समस्या से निजात पाने का जवाब ढूंढ रही है. वहीं, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के आईआईटी के वैज्ञानिकों ने इस जवाब को खोज लिया है. हाइड्रोजन को पेट्रोल और डीजल का विकल्प माना जा रहा है, जिसका उत्पादन बड़ी मात्रा में करना और फिर उसका स्टोरेज करना काफी कठिन है. इसके लिए बीएचयू के वैज्ञानिकों ने एक डिवाइस का निर्माण किया है, जो हाइड्रोजन बनाएगी और स्टोरेज की समस्या भी दूर करेगी.

etv bharat
हाइड्रोजन जेनरेटर

दरअसल, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के आईआईटी से केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रजनीश उपाध्याय और उनकी टीम ने करीब चार साल इस पर शोध का काम किया है. इनकी टीम ने एक डिवाइस तैयार किया है जिसका नाम 'हाइड्रोजन जेनरेटर' रखा गया है. यह डिवाइस मिथेनॉल और पानी के मिश्रण (mixture of methanol and water) से हाइड्रोजन बनती है. इसका इस्तेमाल डीजल से चलने वाले जेनरेटर की जगह पर किया जा सकता है. ईवी चार्जिंग में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है.

etv bharat
हाइड्रोजन जेनरेटर

हाइड्रोजन में नेक्स्ट जेनरेशन फ्यूल बनने की क्षमता
प्रोफेसर रजनीश उपाध्याय ने बताया कि 'हम इस डिवाइस को बनाने में पिछले 4 साल से लगे हुए हैं. पीएम मोदी ने हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों पर जोर दिया है. इसके बाद हमने अपना प्रयास और तेज कर दिया है. जब हम ग्रीन एनर्जी की बात कर रहे हैं तो ये बहुत अच्छा सोर्स हो सकता है. हाइड्रोजन में नेक्स्ट जेनरेशन फ्यूल बनने की क्षमता है. ऐसे में हाइड्रोजन स्टोरेज सबसे बड़ी समस्या थी. हमने इसके स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन की समस्या को कैसे सुलझाया जाए उस पर काम किया है.'

etv bharat
हाइड्रोजन जेनरेटर

ऑन साइट और ऑन डिमांड किया जा सकेगा काम
उन्होंने बताया कि 'हमने जो डिवाइस तैयार की है उससे ऑन साइट और ऑन डिमांड हाइड्रोजन तैयार की जा सकती है. इसे पॉवर जेनरेशन के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है. मिथेनॉल और पानी के मिश्रण से हम हाइड्रोजन तैयार कर रहे हैं. इसका प्रयोग हम पावर जेनरेट करने के लिए करते हैं. यह फ्यूल का काम करता है. डीजल की तुलना में मिथेनॉल काफी सस्ता है. इसे हम डीजल से चलने वाले जेनरेटर का रिप्लेसमेंट मानते हैं. मिथेनॉल 20 से 24 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल 80 से 90 रुपये प्रति लीटर चल रहा है.'

etv bharat
हाइड्रोजन जेनरेटर

प्रदूषण स्तर कम होने के साथ कम हो जाएगा खर्च
प्रोफेसर उपाध्याय ने बताया कि हाइड्रोजन जेनरेटर की मदद से हाइड्रोजन का तेजी से उत्पादन संभव है. 50 मिलीलीटर मिथेनॉल और पानी के मिश्रण से एक मिनट में 60 लीटर हाइड्रोजन का उत्पादन होगा. जरूरत के हिसाब से इसकी उत्पादन क्षमता कम या ज्यादा की जा सकती है. इस ईंधन के इस्तेमाल से प्रदूषण स्तर 60 से 70 फीसदी कम हो जाएगा. वहीं, वाहनों पर आने वाला खर्च भी कम हो जाएगा.

डीजल की तुलना में कम आएगा खर्च
उन्होंने बताया कि हाइड्रोजन की एनर्जी डीजल से बहुत अधिक होती है. मिथेनॉल को अगर हम हाइड्रोजन बनाएं और उसे फ्यूल के लिए प्रयोग करें, तो डीजल की तुलना में ज्यादा एनर्जी मिलेगी. 500 से 600 मिथेनॉल का प्रयोग प्रति किलो वॉट प्रति घंटा के हिसाब से होता है. उतना ही पावर अगर लगता है अगर हम मिथेनॉल बनाएं और मिथेनॉल से अगर हाइड्रोजन बनाएं फिर हाइड्रोजन से एक किलोवाट बिजली बनाएं.

पेट्रोल पंप पर लगा सकते हैं हाइड्रोजन मेकिंग डिवाइस
प्रोफेसर रजनीश उपाध्याय ने बताया कि 'यह तकनीकि और सस्ती हो सकती है. हम बायो मिथेनॉल की बात कर रहे हैं. इसका प्रोडक्शन अगर हम बल्क लेवल पर करें, तो इसकी लागत लगभग आधा की जा सकती है. अगर सड़क पर हाइड्रोजन कार चलेगी तो पहला सवाल ये होगा कि हाइड्रोजन कहां से लाया जाए. हम अपनी डिवाइस को पेट्रोल पंप पर लगा सकते हैं. वहां पर हाइड्रोजन का उत्पादन कर सकते हैं.'

मोबाइल टावर स्टेशन पर लगाएंगे हाइड्रोजन जनरेटर
उन्होंने बताया कि मोबाइल टावर स्टेशन हमारा अगला टारगेट है, जो सबसे डीजल से चल रहे हैं. बदलाव तो छोटे लगेंगे, लेकिन इनका प्रभाव बहुत बड़ा होगा. अगर 2 लाख डीजल जेनरेटर को 2 लाख हाइड्रोजन जेनरेटर से बदला जाए तो बहुत बड़ा बदलाव हो सकता है. ईवी चार्जिंग में बहुत बड़ा बदलाव किया जा सकता है. हम ग्रीन एनर्जी से ईवी (इलेक्ट्रिक गाड़ियां) को चार्ज कर सकते हैं. हम प्रयास कर रहे हैं कि इसी डिवाइस को कार या ट्रॉली के अंदर लगा सकें और हाइड्रोजन से उसको चलाएं.

पढ़ेंः आईआईटी मद्रास, बीएचयू के बीच 'काशी तमिल संगमम' के लिए साझेदारी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.