वाराणसीः जिले के आईआईटी बीएचयू के बायोकेमिकल डिपार्टमेंट ने एक ऐसा आविष्कार किया है जो आने वाले दिनों में किसानों को लाभ देगा. डिपार्टमेंट द्वारा बनाई गई यह सेग्रिगेटेड मशीन एक दूसरे अनाजों को अलग करने के साथ-साथ अनाजों से कंकड़ को भी पूरी तरह अलग करने का काम करेगा.
आने वाले दिनों में किसानों को लाभ
फसल की कटाई करने के बाद उसमें से कंकरिया पत्थर हटाने के लिए किसानों को घंटे व दिनों तक कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी. इस मेहनत को कम करने के लिए किसान सेग्रिगेटेड मशीन भी खरीदते हैं, लेकिन मशीन काफी महंगी होती है, लेकिन आईआईटी बीएचयू के बायो इंजीनियरिंग स्कूल में बनी यह मशीन अब किसानों की परेशानी दूर कर देगी. दरअसल, यह मशीन एक दूसरे अनाजों को अलग करेगी. साथ ही अनाजों से कंकड़ को भी पूरी तरह अलग कर देगी.
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मात्र दो हजार में तैयार की गई मशीन
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विशाल मिश्रा ने बताया कि लाखों में मिलने वाले सेग्रिगेटेड मशीन को आईआईटी बीएचयू की शोध छात्रा प्रियंका ने मात्र दो हजार में तैयार किया है. इसे तैयार करने के लिए कबाड़ में बिकने वाले लोहे के रॉड का प्रयोग किया गया है. साथ ही यह मशीन बिजली की कम खपत से चलती है.
अनाज में से कंकड़ और पत्थर को अलग करना
मशीन का मुख्य प्रयोग अनाज में से कंकड़ और पत्थर को अलग करना है. छोटी सी यह मशीन किसानों को बहुत ही लाभ देगी. साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर ने बताया कि कंपनी से बात हो गई है. जल्द ही मॉडल बनाकर किसानों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा.