वाराणसी : खुद को फिट रखने और डायबिटीज की समस्या से दूर रहने के लिए लोग शुगर फ्री टेबलेट और अन्य शुगर फ्री उत्पादों का प्रयोग करते हैं, लेकिन ये सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं. इससे शरीर में कई तरह ही बीमारियां हो सकती हैं. ये उत्पाद लोगों को डायबिटीज से दूर नहीं करते, बल्कि खतरा और बढ़ा देते हैं. डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दावा किया है कि जो भी लोग शुगर फ्री उत्पादों या दवाओं का प्रयोग करते हैं, उनमें 30 फीसदी से ज्यादा को डायबिटीज होने का खतरा होता है. ऐसे में शुगर फ्री टेबलेट या सामानों का प्रयोग करने वालों को तुरंत इसका प्रयोग बंद कर देना चाहिए. डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के बाद डॉक्टर भी लोगों को सचेत करने में जुटे हैं.
शुगर फ्री टेबलेट स्वास्थ्य के लिए नहीं हैं सुरक्षित : राजकीय आर्युवेद महाविद्यालय के डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि जैसे-जैसे हमारी सोसाइटी में डायबिटीज के रोगियों की संख्या बढ़ी है, लोग मोटे हो रहे हैं. उन लोगों ने मीठी चीजों जैसे कि चीनी की जगह शुगर फ्री टेबलेट्स को लेना शुरू कर दिया है. ऐसे में लोगों को यह अभी तक पता नहीं है कि ये जो टेबलेट्स शुगर फ्री के नाम पर मार्केट में बिकती हैं वे स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हैं या नहीं हैं. इसे लेकर WHO ने कहा है कि अगर आप आर्टिफिशियल स्वीटनर का प्रयोग अधिक करते हैं तो यह आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
![शुगर फ्री टेबलेट के कई नुकसान हैं.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/25-06-2023/18841965_emage-2.jpg)
फिजिकल और मेंटल हेल्थ को पहुंचाता है नुकसान : डॉ. गुप्ता ने बताया कि वे सभी जो इन टैबलेट्स का प्रयोग करते हैं उन्हें सावधान रहने की जरूरत है. जल्द से जल्द इन टेबलेट्स का प्रयोग बंद कर देना चाहिए. जितने भी शुगर फ्री टेबलेट्स बाजार में मिलते हैं, इनमें मुख्यत: अस्पार्टेम, नियोटेम, सेकरीन और सुकैलोस जैसे केमिकल्स का प्रयोग किया जाता है. ये केमिकल्स फिजिकल और मेंटल दोनों तरह से हेल्थ के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक होते हैं. अधिकांश लोग वजन घटाने के लिए या शुगर कम करने के लिए इसका प्रयोग करते हैं.
बढ़ाता है 30 फीसदी अधिक डायबिटीज का खतरा : डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि हाल ही में रिसर्च में यह पता चला है कि जिस शुगर को कंट्रोल करने के लिए आप इसका प्रयोग करते हैं उसके विपरीत इसमें डायबिटीज होने का 30 फीसदी अधिक रिस्क मिला है. यानी कि यह टेबलेट इस बीमारी को नियंत्रित नहीं करता बल्कि बढ़ा देता है. इसके साथ ही साथ कार्डियोमस्कुलर सिस्टम की बीमारियां देखने को मिली हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि मीठा खाने का मन है और कम मीठा खाने का मन है तो इसके लिए क्या प्रयोग करें. ऐसे में नेचुरल रिसोर्स जैसे फ्रूट्स का प्रयोग कर सकते हैं.
नेचुरल मीठे का कर सकते हैं सेवन : अगर आप शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं और मीठा भी खाना पसंद करते हैं तो फलों का सेवन आपको बाहरी केमिकल्स से बचाने में मदद करेगा. फलों में नैचुरल शुगर होता है. इनमें भरपूर मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है. फाइबर से ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल रहता है. इसके साथ ही फलों में विटामिन्स और मिनरल्स की मात्रा भी पाई जाती है. आप सेब, पपीता, जामुन, कीवी, नारंगी जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं. यह ध्यान रखना होगा कि ऐसे फल खाएं जिनमें मीठा अधिक न हो.
ओट्स की खीर और मसालों का प्रयोग : ओट्स में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. ओट्स खाने से ब्लड शुगर का स्तर भी कंट्रोल रहता है. ओट्स को दूध को उबालकर सूखा मेवा डालकर खा सकते हैं. इसमें शक्कर या आर्टिफिशियल शुगर न मिलाएं. इसके साथ ही दालचीनी, जायफल, और वेनिला जैसे मसालों का प्रयोग कर सकते हैं. इनके उपयोग से आपके खाने की चीजों में चीनी या अन्य सप्लीमेंट नहीं मिलाने पड़ेंगे और आप मीठे का स्वाद भी ले सकेंगे. आप अलसी के बीज या बेरीज से तैयार की गई स्मूदी भी पी सकते हैं.
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