वाराणसी : ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को बुर्का भेजा है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि सनातन धर्म पर टिप्पणी करके स्वामी प्रसाद देश को बांट रहे हैं. उनकी इन बयानों से आहत होकर उन्हें बुर्का सेट गिफ्ट कर रहे हैं. महापरिषद संयोजक राजा आनंद ज्योति सिंह ने बताया कि भाजपा से स्वामी प्रसाद का जुड़ना और अलग होना, दोनों स्वार्थवश हुआ, न कि जनता के हित के लिए.
स्वामी के बयानों पर जताई आपत्ति: ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के संयोजक राजा आनंद ज्योति सिंह ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा सरकार में मंत्री रहते हुए जय श्री राम के नारे लगाते थे. अब रामचरितमानस, भगवान राम और हिंदू समाज को गाली दे रहे हैं. हिन्दू समाज ने शुरुआती बयानों को राजनैतिक मानकर नजरअंदाज किया. लेकिन स्वामी प्रसाद की लगातार जहर उगलने की आदत के कारण हिंदू समाज अब अपमान का अनुभव कर रहा है. हिन्दू समाज विरोधी बयानों के कारण स्वामी प्रसाद को महापरिषद बुर्का भेज रही है.
यूपी सरकार से कार्रवाई की मांग : महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर स्वामी प्रसाद अब भी नहीं चेते तो उनका पुतला दहन किया जाएगा. साथ ही यूपी सरकार से स्वामी प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. इस दौरान मुख्य रूप से प्रतीक सराफ, पतंजलि पांडेय, जुलुम सिंह, अजीत जायसवाल, अंशुमान रघुवंशी मौजूद रहे.
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