वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में होली को लेकर के बीएचयू प्रशासन ने फरमान जारी किया है. इस फरमान के तहत परिसर में होली खेलने पर पाबंदी लगाई गई है. इसकी सूचना विश्वविद्यालय ने नोटिस जारी करके दी है, जिसके बाद विद्यार्थियों ने इस पर आपत्ति जताई है.
बता दें कि, 8 मार्च को होली है और रंगभरी एकादशी के बाद से विश्वविद्यालय में विद्यार्थी होली खेलना शुरू कर देते हैं. छात्रों की टोलियां हॉस्टल और परिसर के अलग-अलग क्षेत्रों में होली पर धमाल करती है. इस बार विद्यार्थी बीएचयू कैंपस में त्योहार को नहीं मना पाएंगे, क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने होली मनाने पर पाबंदी लगाई है. इसके साथ ही निर्देश न मानने वालों पर प्रशासनिक कार्यवाही करने का भी आदेश दिया है. जिसको लेकर के विद्यार्थी काफी आहत है.
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि परिसर के वातावरण को बेहतर एवं अनुशासित बनाए रखने के लिए यह निर्देश जारी किया गया है. विश्वविद्यालय परिसर के समस्त शिक्षक कर्मचारी एवं विद्यार्थियों को सूचित किया गया है कि परिसर में सार्वजनिक स्थल पर एकत्रित होकर के होली खेलने, हुड़दंग करने, संगीत बजाने पर प्रतिबंध होगा. ऐसा करने वालों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी. सभी निदेशक, संकाय प्रमुख और प्रशासनिक संरक्षकों को भी ये सूचित किया गया है कि वह अपने स्तर पर विद्यार्थियों को स्थिति से अवगत कराएं .
विश्वविद्यालय प्रशासन के इस आदेश पर विद्यार्थियों ने आपत्ति जताई है. पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट में शोध करने वाले पतंजलि का कहना है कि कैंपस में रहने वाले ऐसे कई विद्यार्थी हैं, जो घर नहीं जा सकते. ऐसे में वह विश्वविद्यालय में ही रह कर के इस त्योहार को मनाते हैं. होली आपसी प्रेम बंधुत्व भाईचारे का पर्व है और हम सभी लोग एक दूसरे को रंग लगाकर के नए साल की खुशियां मनाते हैं. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह तुगलकी फरमान जारी हमारे त्योहार मनाने पर भी पाबंदी लगा दी है.
वाराणसी में BHU प्रशासन का फ़रमान, कैंपस में छात्र नहीं खेलेंगे होली - BHU यूनिवर्सिटी में होली
होली का खुमार रंग एकादशी के बाद से ही सिर चढ़कर बोलता है, मगर वाराणसी की BHU यूनिवर्सिटी में इस बार स्टूडेंट होली नहीं खेल सकेंगे. BHU प्रशासन ने इस बार कैंपस में होली नहीं खेलने का आदेश जारी किया है (holi banned in BHU).
वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में होली को लेकर के बीएचयू प्रशासन ने फरमान जारी किया है. इस फरमान के तहत परिसर में होली खेलने पर पाबंदी लगाई गई है. इसकी सूचना विश्वविद्यालय ने नोटिस जारी करके दी है, जिसके बाद विद्यार्थियों ने इस पर आपत्ति जताई है.
बता दें कि, 8 मार्च को होली है और रंगभरी एकादशी के बाद से विश्वविद्यालय में विद्यार्थी होली खेलना शुरू कर देते हैं. छात्रों की टोलियां हॉस्टल और परिसर के अलग-अलग क्षेत्रों में होली पर धमाल करती है. इस बार विद्यार्थी बीएचयू कैंपस में त्योहार को नहीं मना पाएंगे, क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने होली मनाने पर पाबंदी लगाई है. इसके साथ ही निर्देश न मानने वालों पर प्रशासनिक कार्यवाही करने का भी आदेश दिया है. जिसको लेकर के विद्यार्थी काफी आहत है.
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि परिसर के वातावरण को बेहतर एवं अनुशासित बनाए रखने के लिए यह निर्देश जारी किया गया है. विश्वविद्यालय परिसर के समस्त शिक्षक कर्मचारी एवं विद्यार्थियों को सूचित किया गया है कि परिसर में सार्वजनिक स्थल पर एकत्रित होकर के होली खेलने, हुड़दंग करने, संगीत बजाने पर प्रतिबंध होगा. ऐसा करने वालों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी. सभी निदेशक, संकाय प्रमुख और प्रशासनिक संरक्षकों को भी ये सूचित किया गया है कि वह अपने स्तर पर विद्यार्थियों को स्थिति से अवगत कराएं .
विश्वविद्यालय प्रशासन के इस आदेश पर विद्यार्थियों ने आपत्ति जताई है. पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट में शोध करने वाले पतंजलि का कहना है कि कैंपस में रहने वाले ऐसे कई विद्यार्थी हैं, जो घर नहीं जा सकते. ऐसे में वह विश्वविद्यालय में ही रह कर के इस त्योहार को मनाते हैं. होली आपसी प्रेम बंधुत्व भाईचारे का पर्व है और हम सभी लोग एक दूसरे को रंग लगाकर के नए साल की खुशियां मनाते हैं. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह तुगलकी फरमान जारी हमारे त्योहार मनाने पर भी पाबंदी लगा दी है.