वाराणसी: पूरे देश में होली की धूम है. बनारस में होली बड़े हर्ष और उल्लास के साथ खेली जाती है. 2 दिन होली होने से पूरा बनारस होली के रंग में नजर आ रहा है. देसी विदेशी सब मिलकर एक दूसरे को रंग लगाते नजर आए. बनारस के 84 घाटों की शीतला मैया नजारा देखने को नजर आया. पांडे घाट पर विदेशी सैलानियों ने भी जमकर होली खेला. भोजपुरी और फिल्मी गानों पर भी जमकर विदेशी थिरके. हैप्पी होली और हर हर महादेव का उद्घोष भी किया.
बनारस में होली का एक अलग ही रंग देखने को मिलता है. रंगभरी एकादशी से लेकर होली का महापर्व शुरू हो जाता है. उसी दिन हरिश्चंद्र घाट महा श्मशान में चिता भस्म की होली खेली जाती है. तो परंपरा का निर्वहन करते हुए दूसरे दिन मणिकर्णिका घाट पर लोग चिता भस्म की होली खेलते हैं. बनारस में 8 मार्च को होली खेली जाएगी. घाटों के विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजन किए जाते हैं.
वही पारंपरिक होली गीत गाकर लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं. सुनील उपाध्याय ने बताया कि बनारस ऐतिहासिक शहर है. शुरू से यह परंपरा रही है कि जो भी यहां आता है यहां के रंग में रंग जाता है. बनारस की होली तो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. विदेशी सैलानियों ने भी जमकर एक दूसरे के साथ होली खेली. हैप्पी होली और हर हर महादेव का उद्घोष किया.