लखनऊ: ओलंपिक में हॉकी खिलाड़ियों ने कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया. इसमें प्रत्येक खिलाड़ी ने अपना भरपूर योगदान दिया और विश्व में देश का नाम रोशन किया. ओलंपिक के इस मेडल में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी का भरपूर दम देखने को मिला. हॉकी में विश्व पटल पर भारत का नाम रोशन करने वाली हॉकी टीम के खिलाडियों का यूपी की राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी बाजपेई इकाना स्टेडियम में सम्मान किया गया.
वाराणसी के रहने वाले ललित उपाध्याय ने हॉकी में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को ओलंपिक में कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई. इस बीच जीत के हीरो हॉकी खिलाड़ी ललित उपाध्याय से 'ईटीवी भारत' ने एक्सक्लूसिव बातचीत की.
सवाल: आप उत्तर प्रदेश से ही आते हैं. विश्व में आपने हॉकी का नाम रोशन किया है, कैसा लग रहा है?
जवाब: हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हॉकी में हमारे देश और प्रदेश का नाम रोशन हुआ है. क्योंकि ओलंपिक में पदक जीतना बहुत बड़ी बात होती है. इसके पीछे काफी लंबी यात्रा होती है. मैं बहुत ही शुक्रगुजार रहूंगा अपनी स्टेट गवर्नमेंट का. जिसने ओलंपिक में जाने से पहले हमारे जितने भी खिलाड़ी थे. उन सभी को प्रोत्साहित किया था. साथ-साथ हमारे यूपी के खेल विभाग ने भी प्रोत्साहन दिया. . सबसे बड़ी बात है कि 40 साल बाद मेडल तो हॉकी में आया ही आया और 40 साल बाद ही यूपी में भी कोई मेडल आया है.ओलंपिक में खास तौर पर. तो इससे ज्यादा सौभाग्य की बात नहीं हो सकती है.
सवाल: इस बार हमने कांस्य जीता है, गोल्ड में परिवर्तित होते हुए इसे कब देखेंगे?
जवाब: जाहिर सी बात है. यह तो शुरुआत हुई है. हम उम्मीद करेंगे कि आने वाले ओलंपिक में मेडल का कलर जरूर चेंज होगा. भारत को मैं धन्यवाद कहना चाहूंगा. इस बार भारत ने हॉकी को इतना प्यार दिया है, सपोर्ट किया है. लोगों ने हॉकी के इतने मैचेज देखे हैं. सच में यह स्पीचलेस है. सब को तहे दिल से शुक्रिया और जल्दी उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना है.
सवाल: पीएम मोदी ने जिस तरह के खिलाड़ियों का हौसला अफजाई किया, उसका कितना असर पड़ा?
जवाब: यह तो पहली बार ऐसा हुआ है कि प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से सीधे बात की. पीएम मोदी ने हारने के बाद भी हमारा मनोबल बढ़ाया. उनके शब्द ही काफी थे. हमें भी उम्मीद थी कि हम अपनी भारत की जनता को निराश नहीं करेंगे. डेफिनेटली हम मेडल जीत के लाएंगे. प्रधानमंत्री का संबोधन हमारे लिए घाव में औषधि की तरह था. उन्होंने जिस तरह से हम लोग को प्रोत्साहित किया था. वह स्पीचलेस है. उसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.
सवाल: हर देश में खिलाड़ी होते हैं लेकिन अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति पर क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: बस मैं उनके लिए दुआ ही कर सकता हूं. उनके साथ जो हो अच्छा हो. ये विषम समय चल रहा है. भगवान इसमें उनकी मदद करे.
इसे भी पढ़ें- Olympic Games Tokyo 2020 : स्वागत है मेरे लाल...और छलक उठी मां-बेटे की आंखें