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वाराणसी: बीएचयू में हिंदी पखवाड़े का हुआ समापन, विजेताओं को किया गया पुरस्कृत - हिंदी दिवस 2019

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 1 सितंबर से लेकर 14 सितंबर तक हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया गया. इस पखवाड़े में हिंदी भाषा पर और अधिक गौर देने पर जोर दिया गया.

पुरस्कार किये गए वितरित.
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Published : Sep 15, 2019, 4:38 AM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 1 सितंबर से लेकर 14 सितंबर तक हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. शनिवार 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेता को पुरस्कृत किया गया और हिंदी के उत्थान के लिए परिचर्चा की गई.

पखवाड़े के आयोजन के बारे में जानकारी देते कुल गुरु बीके शुक्ला.

ज्यादा से ज्यादा हिंदी भाषा का करें प्रयोग-

  • बीएचयू के सेंट्रल ऑफिस में हिंदी पखवाड़े में सम्मिलित लोगों को सम्मानित किया गया.
  • संगोष्ठी में विद्वानों, प्रोफेसर, कर्मचारी और छात्रों से ज्यादा से ज्यादा हिंदी भाषा का प्रयोग करने का आग्रह किया गया.
  • पंडित मदन मोहन मालवीय ने हिंदी और हिंदुस्तान के उत्थान के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी.
  • कार्यक्रम में कुल 32 व्यक्तियों और 7 विभागों को राजभाषा पुरस्कार दिया गया.
  • इस अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के इतिहास ग्रंथ प्रथम खंड का भी विमोचन किया गया.

    इसे भी पढ़ें- जौनपुर में सरकारी जमीन पर भू-माफिया का कब्जा, रोक के बावजूद निर्माण कार्य जारी

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रोग्राम आयोजित कर लोगों को मोटिवेट किया गया. हिंदी भाषा पूरे विश्व में अ (अज्ञानता) से शुरू होकर ज्ञ (ज्ञानता) तक पहुंचाती है. हमारे देश की अनेकता को एकता में पिरोती है. यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है. हमें इसकी महत्वता को समझना चाहिए. संकल्प लें राजभाषा में ही अपना काम करेंगे और ज्यादा से ज्यादा राजभाषा में बात करेंगे और राजभाषा को आगे बढ़ाएंगे.
-बीके शुक्ला, कुल गुरु, बीएचयू

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 1 सितंबर से लेकर 14 सितंबर तक हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. शनिवार 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेता को पुरस्कृत किया गया और हिंदी के उत्थान के लिए परिचर्चा की गई.

पखवाड़े के आयोजन के बारे में जानकारी देते कुल गुरु बीके शुक्ला.

ज्यादा से ज्यादा हिंदी भाषा का करें प्रयोग-

  • बीएचयू के सेंट्रल ऑफिस में हिंदी पखवाड़े में सम्मिलित लोगों को सम्मानित किया गया.
  • संगोष्ठी में विद्वानों, प्रोफेसर, कर्मचारी और छात्रों से ज्यादा से ज्यादा हिंदी भाषा का प्रयोग करने का आग्रह किया गया.
  • पंडित मदन मोहन मालवीय ने हिंदी और हिंदुस्तान के उत्थान के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी.
  • कार्यक्रम में कुल 32 व्यक्तियों और 7 विभागों को राजभाषा पुरस्कार दिया गया.
  • इस अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के इतिहास ग्रंथ प्रथम खंड का भी विमोचन किया गया.

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रोग्राम आयोजित कर लोगों को मोटिवेट किया गया. हिंदी भाषा पूरे विश्व में अ (अज्ञानता) से शुरू होकर ज्ञ (ज्ञानता) तक पहुंचाती है. हमारे देश की अनेकता को एकता में पिरोती है. यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है. हमें इसकी महत्वता को समझना चाहिए. संकल्प लें राजभाषा में ही अपना काम करेंगे और ज्यादा से ज्यादा राजभाषा में बात करेंगे और राजभाषा को आगे बढ़ाएंगे.
-बीके शुक्ला, कुल गुरु, बीएचयू

Intro:काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 1 सितंबर से लेकर 14 सितंबर तक हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया आज 14 सितंबर हिंदी दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय और तृतीय विजेता पुरस्कृत किया गया और हिंदी के उत्थान किस तरह काम किया जाए इस पर परिचर्चा हुआ।


Body:बीएचयू के सेंट्रल ऑफिस में हिंदी पखवाड़े में सम्मिलित लोगों को सम्मानित किया गया जिसमें कुलगुरु बीके शुक्ला के राजस्थान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में विद्वानों प्रोफेसर कर्मचारी और छात्रों से यह आग्रह किया गया कि ज्यादा से ज्यादा हिंदी भाषा का प्रयोग करें क्योंकि बीएचयू के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय का स्थापना की हिंदी और हिंदुस्तान के उत्थान के लिए किया था। 32 व्यक्तियों और 7 विभागों को राजभाषा पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के इतिहास ग्रंथ प्रथम खंड का भी विमोचन किया गया।


Conclusion:बीके शुक्ला ने बताया हमारे यहां बहुत ही अच्छा प्रोग्राम आयोजित किया गया लोगों को मोटिवेट किया गया राज्य भाषा में काम करें जैसा कि मैंने अपने वक्तव्य में कहा हिंदी भाषा है पूरे विश्व में अ ( अज्ञानता) से शुरू होकर ज्ञ ( ज्ञानता ) तक पहुंचाता है और हमारे देश के अनेकता को एकता में पिरोती है। यह बहुत गर्व की बात है हमें इसकी महत्वता को और समझना चाहिए संकल्प लें राज्य भाषा में ही अपना काम करेंगे और ज्यादा से ज्यादा राजभाषा में बात करेंगे और राजभाषा को आगे बढ़ाएंगे।

बाईट :-- बीके शुक्ला, कुल गुरु, काशी हिंदू विश्वविद्यालय
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