वाराणसी: फर्जीवाड़ा कर 35 साल पहले दोनाली बंदूक का लाइसेंस लेने के मामले में आरोपी पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ मंगलवार को विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम की अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता द्वारा बहस की गई. वहीं, अदालत ने शेष बहस के लिए अगली तारीख 19 जनवरी नियत की है. बचाव पक्ष की तरफ से मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने बहस की.
बता दें कि इससे पूर्व पिछली सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से बहस पूरी कर ली गई थी. इसके बाद अदालत ने बचाव पक्ष की बहस के लिए अगली तारीख 16 जनवरी यानी आज नियत की थी. वहीं, अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से सीबीसीआईडी के अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ल व एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने बहस की थी. वहीं, पिछली सुनवाई के दौरान अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से सीबीसीआईडी के अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ल व एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने बहस में कहा कि तत्कालीन आर्म्स बाबू और मुख्तार अंसारी की साजिश से असलहा लाइसेंस लेने में धोखाधड़ी की गई. इसमें आर्म्स बाबू की मौत हो चुकी है. सिर्फ मुख़्तार इस मामले में आरोपी हैं. इसके साथ ही 10 गवाहों के बयान दर्ज हुए थे.
बता दें कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप है कि 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था. डीएम और एसपी के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया गया था. इस फर्जीवाड़ा का उजागर होने पर सीबीसीआईडी द्वारा 4 दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद एवं अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. वहीं, जांचोपरांत तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 1997 में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित कर दिए गए. वहीं, मुकदमे की सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मौत हो जाने के कारण उनके विरुद्ध वाद 18 अगस्त 2021 को समाप्त कर दिया गया.
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