वाराणसी: जिले में बारिश का सीजन खत्म होने के बाद अब डेंगू के मरीज अस्पताल पहुंचने लगे हैं. सरकारी अस्पतालों में तो अब तक इक्का-दुक्का केस ही पहुंचे हैं, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की संख्या ठीक-ठाक है.
सर सुंदरलाल अस्पताल में भी मरीज डेंगू की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं, जिसके बाद अब स्वास्थ्य महकमा इस गंभीर बीमारी से दो-दो हाथ करने के लिए तैयारियां मुकम्मल होने की बात करने लगा है.
डेंगू को लेकर तैयारियां मुकम्मल
- डेंगू को लेकर वास्तविक स्थिति क्या है इसकी पड़ताल करने के लिए हम मंडलीय अस्पताल पहुंचे.
- शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल में डेंगू का फिलहाल एक मरीज एडमिट है.
- इस गंभीर बीमारी की शिकायतों पर स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से तैयार होने की बात कर रहा है.
- इसके साथ ही सफाई व्यवस्था मुकम्मल होने का दावा भी स्वास्थ्य महकमा कर रहा है.
अस्पताल परिसर में ही भरा पानी
स्वास्थ्य महकमे के इन दावों की पोल मंडली अस्पताल परिसर में ही खुल रही है. बार-बार रुके हुए पानी को साफ करने की बात प्रशासनिक अधिकारी और खुद मंत्री से लेकर अन्य जनप्रतिनिधि पब्लिक से करते हैं, लेकिन मंडलीय अस्पताल परिसर में कई जगह पर पानी रुका है. जिस डेंगू से बचाव की तैयारी स्वास्थ्य महकमा कर रहा है.
वहीं खुद अपने कैंपस में ही पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं कर पा रहा है, जिसके बाद ऐसी स्थिति में यहां आने वाले पेशेंट किस हाल में यहां रहेंगे यह भी सवाल बड़ा है. फिलहाल दावे स्वास्थ्य महकमे के बड़े-बड़े हैं, लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि बड़ी संख्या के आधार पर किस तरह से उनको प्रॉपर ट्रीटमेंट और सही इलाज मिलता है.
इसे भी पढ़ें- जौनपुर में डेंगू की दस्तक, फिर भी डेंगू वार्ड पर लटका है ताला
डेंगू से निबटने के लिए हम पूरी तरह से तैयार है, जो कि डेंगू का इलाज सिर्फ दवाओं से संभव नहीं है. इसलिए दवाओं के अलावा प्लेटलेट्स की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश प्राइवेट अस्पतालों के साथ ही ब्लड बैंक्स को दिए जा चुके हैं, इसके अलावा मंडलीय अस्पताल में 10 बेड का एक स्पेशल डेंगू वार्ड भी बनाया जा चुका है. इसके अलावा जिस वार्ड में डेंगू पेशेंट को रखा जा रहा है. वहां से कूलर भी हटाया जा चुका है, क्योंकि कूलर के रुके हुए पानी में डेंगू के लारवा बनने के चांस ज्यादा होते हैं.
-डॉ. बीएन श्रीवास्तव, सीएमएस, मंडलीय अस्पताल