वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग को लेकर की गई बयानबाजी और उसके आसपास गंदगी फैलाए जाने के मामले में सीनियर एडवोकेट हरिशंकर पांडेय की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, एआईएमआईएम के अध्यक्ष व सांसद असदुद्दीन ओवैसी सहित मस्जिद कमेटी व अन्य लोगों के खिलाफ दी गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों की बातें सुनीं. इसके बाद अब कोर्ट ने आपत्तियां दाखिल करने के लिए वक्त देते हुए अगली सुनवाई के लिए 4 सितंबर की तारीख निर्धारित की है.
ज्ञानवापी सर्वे के दौरान वजूस्थल के पास मिले कथित शिवलिंग के इर्द गिर्द थूकने, गंदगी फैलाने, सपा प्रमुख अखिलेश यादव व सांसद असुद्दीन ओवैसी द्वारा आपत्तिजनक बयानबाजी और मुश्लिमों द्वारा नारेबाजी के मामले में दाखिल निगरानी याचिका में विपक्षी पक्षकार के जरिए अधिवक्ता कोर्ट में हाजिर हुए. अदालत ने सभी को आपत्ति दाखिल करने के लिए समय दिया है.
अदालत में यह निगरानी याचिका रामेश्वर निवासी अधिवक्ता हरिशंकर पाण्डेय ने दाखिल की थी. इसमें अखिलेश यादव, ओवैसी बंधु और शहर काजी व मौलवी सहित कई अन्य पर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की थी. वहीं, दूसरी ओर श्रृंगार गौरी मामले में परिसर में मिले धार्मिक चिह्नों और अवशेष को सुरक्षित व संरक्षित करने को लेकर वादिनी राखी सिंह की तरफ से दिए गए आवेदन पर गुरुवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई होनी है. इसके अलावा पूर्णाम्बा और शरदम्बा देवी की ओर से पूजा-पाठ, दर्शन के लिए दाखिल वाद की सुनवाई श्रृंगार गौरी मूल वाद के साथ किए जाने के आवेदन पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत से जिला जज ने पत्रावली तलब की है. इस पर 22 अगस्त को सुनवाई होनी है.
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