वाराणसी: आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए चलाये जा रहे अभियान के क्रम में विकास खंड सेवापुरी में कार्यक्रम आयोजित हुआ. जिसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को एसबीआई लखनऊ मंडल द्वारा सामग्री किट का वितरण किया गया. जिसमें बच्चों के खेलने का समान, स्मार्ट टेबलेट, बैठने को कुर्सियां, खाने को बर्तन इत्यादि सामानों का वितरण सुनिश्चत हुआ. राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकार के सामग्री वितरण से आंगनबाड़ी केंद्रों को और कुशल बनाया जाएगा, जिससे बच्चों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी.
राज्यपाल ने एसबीआई के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इससे बच्चों को मनोरंजन के अधिक अवसर मिलेंगे. जिससे उनके खेलने, सीखने तथा शारीरिक क्षमता का अधिक विकास हो सकेगा. बच्चों को खेलते हुए देखकर अलग ही आनंद की प्राप्ति होती है. राज्यपाल द्वारा नई शिक्षा नीति पर बात रखते हुए कहा कि अगर हमको विश्वविद्यालयों तक पहुंचना है तो आंगनबाड़ी केंद्रों की तरफ देखना ही होगा. 3 से 6 वर्ष की उम्र बच्चों के सीखने और उनके विकास की उम्र होती है. आंगनबाड़ी केंद्रों पर सुधार करके हम बच्चों को कुपोषण से दूर कर सकते हैं. तभी हम एक मजबूत भारत का निर्माण कर सकते हैं. उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों पर अच्छा खाना व पोषण युक्त आहार की बात कही.
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से 2023 को पूरा विश्व बाजरा वर्ष के रूप में मना रहा है, जिससे मोटे अनाजों के उपजाने का प्रचलन बढ़ा है. विश्व में मोटे अनाज की मांग बढ़ी है. इसका सीधा फायदा हमारे किसानों को होगा. मोटे अनाज के उपयोग से बच्चों में कुपोषण दूर करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि छात्रावासों में भी मोटे अनाज के उपयोग को बढ़ावा मिला है. प्रधानमंत्री के द्वारा मोटे अनाज को दिए गए नाम 'श्रीअन्न' की भी चर्चा उन्होंने कार्यक्रम में की.
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री पिछले 21 साल से बिना छुट्टी लिये देश की सेवा कर रहे हैं, उसी प्रकार आप सभी भी अपने कार्यों को अच्छे से करें तथा बच्चों को मेहनत से पढ़ाएं और सिखाएं. राज्यपाल महोदया द्वारा पोषण वाटिका की भी तारीफ की गयी. कार्यक्रम में एसबीआई के महाप्रबंधक शरद चांडक भी मौजूद रहे. न्यूट्री बार, सामग्री किट तथा टेबलेट वितरण कार्यक्रम के क्रम में राज्यपाल महोदया द्वारा वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा विकास खंड आराजीलाइन के हरसोस गांव के आंगनबाड़ी केंद्र तथा काशी विद्यापीठ के अलाउद्दीनपुर में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र जिनको कि नंद घर में बदला गया है.
राज्यपाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बात रखते हुए कहा कि वर्तमान में उच्च शिक्षा में हमारा प्रतिशत 23% है. जिसको बढ़ाकर 2030 तक हमें 50% करना है. इसलिए हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि आंगनबाड़ी केंद्र के बाद बच्चे का प्रवेश कक्षा 1 में सुनिश्चित हो सके. कक्षा 12 के बाद बच्चे का प्रवेश विश्वविद्यालय में हो सके, तभी हम इस आंकड़े को प्राप्त कर सकते हैं.
राज्यपाल ने आगे कहा कि वर्तमान में हमारे देश में 86% ही प्रसव अस्पतालों में होते. बाकी बचे 14% प्रसव भी अस्पतालों में सुनिश्चत हो सके. इस दिशा में भी कार्य किए जाने की जरूरत है ताकि कोई भी प्रसव घर पर न हो. उन्होंने कहा कि अभी केवल 24% बच्चे ही जन्म के एक घण्टे बाद मां का दूध पीते हैं, हमें इसे भी बढ़ाने की जरूरत है ताकि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सके. राज्यपाल द्वारा नंद घर में बच्चों के बीच फल का वितरण करते हुए उनसे कविताओं को सुना गया. उन्होंने ग्राम प्रधानों को भी आंगनबाड़ी पर बनने वाले व्यंजनों को खाने को कहा ताकि क्वालिटी को बनाये रखा जा सके.