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सरकार का मास्टर प्लान, रिटायर्ड IAS अफसर यूपी की उच्च शिक्षा व्यवस्था को बनाएंगे गुणवत्तापूर्ण

12 आईएएस अधिकारियों ने मिलकर एक संस्था बनाई है, जिसका नाम क्रिस्प रखा गया है. संस्था कंसल्टेंट के तौर पर शिक्षण संस्थानों की नि:शुल्क सहायता कर रही है.

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Published : Apr 9, 2023, 4:00 PM IST

सरकार के मास्टर प्लान पर ईटीवी भारत संवाददाता की खास रिपोर्ट

वाराणसी: उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था को उच्च गुणवत्ता पूर्वक बनाने में अब रिटायर आईएएस अफसर मुख्य भूमिका निभाएंगे. देशभर के 12 रिटायर आईएएस अधिकारी उत्तर प्रदेश की शिक्षा को बेहतर बनाने में अपना योगदान देंगे. इसके लिए बकायदा एक संस्था का निर्माण किया गया है. योगी सरकार ने इनके साथ एमओयू साइन किया है. सरकार के इस प्रयास से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता ठीक होगी और रिसर्च इकोसिस्टम मजबूत होगा.

ये रिटायर्ड आईएएस अधिकारी प्रदेश की शिक्षा को बेहतर और गुणवत्ता पूर्वक कैसे बनाया जा सके, इस पर मंथन करेंगे. यही नहीं इनकी संस्था सरकार और शैक्षणिक संस्थाओं की निःशुल्क सलाहकार भी होगी. सरकार द्वारा साइन किए गए एमओयू का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में न सिर्फ टीचर की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना है, बल्कि रिसर्च का इकोसिस्टम भी मजबूत करना है.

12 रिटायर्ड अधिकारियों ने बनाई संस्थाः मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के पूर्व सचिव भी इसमें शामिल हैं. इनके साथ ही महाराष्ट्र के भी पूर्व चीफ सचिव कुंठे जी शामिल हैं. इन सभी को मिलाकर कुल 12 आईएएस अधिकारी इस टीम में शामिल हैं. इन्होंने मिलकर एक संस्था बनाई है, जिसका नाम क्रिस्प रखा गया है. ये एक कंसल्टेंट के तौर पर शिक्षण संस्थानों की नि:शुल्क सहायता कर रहे हैं.

शिक्षकों के अंदर की जाएगी क्वालिटी बिल्डिंगः डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एमओयू साइन किया गया है. मैं भी इसमें सहभागिता कर रहा हूं. हमारे राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के फॉर्मर वाइस चांसलर प्रो. बलराज चौहान इस संस्था के नोडल को-ऑर्डिनेटर हैं. हम इसको लेकर आशा करते हैं कि इससे शिक्षकों के अंदर क्वालिटी बिल्डिंग होगी. रिसर्च इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए ये संस्था सहयोग देगी.

पांच विभाग एकसाथ मिलकर इस उद्देश्य पर काम करेंगेः उत्तर प्रदेश में अब बेसिक, सेकेंड्री, हाइयर, टेक्निकल और स्किल डेवलपमेंट विभाग एक साथ काम करेंगे. इसको लेकर डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विषय में बात कही है. इसकी जिम्मेदारी मुझे सौंपी गई है. राज्य के स्तर पर ये सभी पांचों विभागों के अधिकारी आपस में मिलकर काम करेंगे.

सीएम योगी ने इसको लेकर दिए हैं निर्देशः डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि प्रदेश के विकास में योगदान देने के लिए एजुकेशन एंड स्किल डेवलपमेंट को एक सेक्टर के तौर पर तैयार किया जाएगा. योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर निर्देश दिया है कि इसको लेकर एक स्टेट्स पेपर बनाएं और इसका एक रोड मैप तैयार करें. इसकी कोशिश की जा रही है. वाराणसी में भी मैंने इन विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की है और प्लान को आगे बढ़ाने की बात कही है.

ये भी पढ़ेंः योग गुरु रामदेव बोले, एलोपैथी दवाएं शरीर में घोल रहीं जहर, योग-आयुर्वेद से 99 फीसद तक हो रहा फायदा

सरकार के मास्टर प्लान पर ईटीवी भारत संवाददाता की खास रिपोर्ट

वाराणसी: उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था को उच्च गुणवत्ता पूर्वक बनाने में अब रिटायर आईएएस अफसर मुख्य भूमिका निभाएंगे. देशभर के 12 रिटायर आईएएस अधिकारी उत्तर प्रदेश की शिक्षा को बेहतर बनाने में अपना योगदान देंगे. इसके लिए बकायदा एक संस्था का निर्माण किया गया है. योगी सरकार ने इनके साथ एमओयू साइन किया है. सरकार के इस प्रयास से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता ठीक होगी और रिसर्च इकोसिस्टम मजबूत होगा.

ये रिटायर्ड आईएएस अधिकारी प्रदेश की शिक्षा को बेहतर और गुणवत्ता पूर्वक कैसे बनाया जा सके, इस पर मंथन करेंगे. यही नहीं इनकी संस्था सरकार और शैक्षणिक संस्थाओं की निःशुल्क सलाहकार भी होगी. सरकार द्वारा साइन किए गए एमओयू का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में न सिर्फ टीचर की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना है, बल्कि रिसर्च का इकोसिस्टम भी मजबूत करना है.

12 रिटायर्ड अधिकारियों ने बनाई संस्थाः मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के पूर्व सचिव भी इसमें शामिल हैं. इनके साथ ही महाराष्ट्र के भी पूर्व चीफ सचिव कुंठे जी शामिल हैं. इन सभी को मिलाकर कुल 12 आईएएस अधिकारी इस टीम में शामिल हैं. इन्होंने मिलकर एक संस्था बनाई है, जिसका नाम क्रिस्प रखा गया है. ये एक कंसल्टेंट के तौर पर शिक्षण संस्थानों की नि:शुल्क सहायता कर रहे हैं.

शिक्षकों के अंदर की जाएगी क्वालिटी बिल्डिंगः डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एमओयू साइन किया गया है. मैं भी इसमें सहभागिता कर रहा हूं. हमारे राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के फॉर्मर वाइस चांसलर प्रो. बलराज चौहान इस संस्था के नोडल को-ऑर्डिनेटर हैं. हम इसको लेकर आशा करते हैं कि इससे शिक्षकों के अंदर क्वालिटी बिल्डिंग होगी. रिसर्च इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए ये संस्था सहयोग देगी.

पांच विभाग एकसाथ मिलकर इस उद्देश्य पर काम करेंगेः उत्तर प्रदेश में अब बेसिक, सेकेंड्री, हाइयर, टेक्निकल और स्किल डेवलपमेंट विभाग एक साथ काम करेंगे. इसको लेकर डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विषय में बात कही है. इसकी जिम्मेदारी मुझे सौंपी गई है. राज्य के स्तर पर ये सभी पांचों विभागों के अधिकारी आपस में मिलकर काम करेंगे.

सीएम योगी ने इसको लेकर दिए हैं निर्देशः डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि प्रदेश के विकास में योगदान देने के लिए एजुकेशन एंड स्किल डेवलपमेंट को एक सेक्टर के तौर पर तैयार किया जाएगा. योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर निर्देश दिया है कि इसको लेकर एक स्टेट्स पेपर बनाएं और इसका एक रोड मैप तैयार करें. इसकी कोशिश की जा रही है. वाराणसी में भी मैंने इन विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की है और प्लान को आगे बढ़ाने की बात कही है.

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