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काशी के सरकारी अस्पताल हुए हाईटेक, पूर्वांचल को मिली संजीवनी... - health news

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब स्वास्थ्य सेवाएं हाईटेक हो चुकीं हैं. सरकारी अस्पतालों में अब मरीजों को सस्ता और हाईटेक इलाज मिलने लगा है. पेश है यह खास रिपोर्ट.

काशी के सरकारी अस्पताल हुए हाईटेक, पूर्वांचल को मिली संजीवनी.
काशी के सरकारी अस्पताल हुए हाईटेक, पूर्वांचल को मिली संजीवनी.
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Published : Apr 8, 2022, 4:47 PM IST

वाराणसीः पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में स्वास्थ्य सेवाएं पहले से काफी अच्छी हो चुकी हैं. कोरोना काल में काशी के हेल्थ सिस्टम ने एक ऐसी नजीर कायम की है जिसे देशभर में सराहा गया. काशी स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल कर चुका है.





इस बारे में वाराणसी के सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई सारे उपलब्धियां हासिल कर ली है.उन्होंने बताया कि सुविधाओं में यदि टीकाकरण की बात करें तो जनपद में 100 फ़ीसदी से ज्यादा लोगों को पहली डोज़ लग चुकी है. 80 फ़ीसदी से ज्यादा लोगों ने दूसरी डोज़ लगवाई हैं. वहीं 100 फ़ीसदी से अधिक लोगों को एहतियातन डोज़ लगा करके उन्हें प्रतिरक्षित कर दिया गया है. इसके अलावा शहर में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की कवायद हो या फिर सीएचसी, पीएचसी केंद्र व सरकारी अस्पतालों को बेहतर करने की बात सभी में इस शहर ने अपना एक नया मुकाम बनाया हैं.बनारस को मिलने वाली इन सुविधाओं की सच्चाई वाराणसी के आंकड़े बताते हैं कि कैसे काशी ने पिछले 7 सालों में चहुंमुखी विकास का एक बड़ा मुकाम हासिल किया है.

काशी के सरकारी अस्पताल हुए हाईटेक.

उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत जनपद में अब तक लगभग साढे तीन लाख आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं.इसके साथ ही लगभग 95 हज़ार 706 लाभार्थियों को योजना के तहत निःशुल्क इलाज मिल चुका है. वही 2025 तक देश को क्षय मुक्त करने के लिए जनपद प्रयासरत है. वर्तमान में सभी टीवी मरीजों को गोद लेकर के उनके स्वास्थ्य व पोषण का ध्यान रखते हुए उपचार किया जा रहा है.इसके साथ ही योजना के तहत इलाज के दौरान 500 रुपये टीबी मरीजों के सीधे खातों में पहुंचाया जाता है. वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान योजना, परिवार कल्याण कार्यक्रम, राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम व अन्य विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय के अंतिम वर्ग तक सुविधाओं को पहुंचाया जा रहा है.




आपको बता दें कि वाराणसी में दो कैंसर अस्पतालों की स्थापना की गई है, जहां पूर्वांचल ही नहीं बल्कि अन्य स्थानों से मरीज इलाज के लिए आते हैं और अपने दिल्ली मुंबई महाराष्ट्र का रुख नहीं करना पड़ता. मातृत्व एवं बाल स्वास्थ्य के लिए 100 बेड के दो व 50 बेड के एक एमसीएच विंग अस्पताल बनाये गये है. वहीं, 75 हज़ार 151 पहली बार गर्भवती महिलाओं को 30 करोड़ 33 लाख की सहायता राशि का भुगतान किया गया है. जिसका परिणाम है कि सरकारी अस्पतालों में 58 फ़ीसदी से ज्यादा प्रसव कराए गए हैं. वहीं, यदि अस्पताल में एंबुलेंस की सुविधा की बात कर लें तो जनपद में 102 एंबुलेंस सेवा 38 और 108 एंबुलेंस 28 हैं.

ये भी पढ़ेंः यूपी में 15 नए अस्पतालों के निर्माण की तैयारी, जानिए किन जिलों में बनेंगे...

वहीं, जनपद में एक बड़े और एक छोटे नए आयुष अस्पताल की स्थापना की गई है.18 आयुष हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर खोले गए हैं साथ ही तीन जगहों पर योगा सेंटर का भी संचालन किया जाने लगा हैं. जनपद में अब तक 59 लाख 61हजार 852 कोरोना की डोज लगाई जा चुकी है. 23 स्वास्थ्य इकाइयों पर ऑक्सीजन प्लांट की सुविधा,कोविड-19 के लिए 2554 बेड स्थापित किए गए हैं. इन तथ्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बीते 7 सालों में बनारस स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक हाईटेक शहर बनकर उभरा है.

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वाराणसीः पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में स्वास्थ्य सेवाएं पहले से काफी अच्छी हो चुकी हैं. कोरोना काल में काशी के हेल्थ सिस्टम ने एक ऐसी नजीर कायम की है जिसे देशभर में सराहा गया. काशी स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल कर चुका है.





इस बारे में वाराणसी के सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई सारे उपलब्धियां हासिल कर ली है.उन्होंने बताया कि सुविधाओं में यदि टीकाकरण की बात करें तो जनपद में 100 फ़ीसदी से ज्यादा लोगों को पहली डोज़ लग चुकी है. 80 फ़ीसदी से ज्यादा लोगों ने दूसरी डोज़ लगवाई हैं. वहीं 100 फ़ीसदी से अधिक लोगों को एहतियातन डोज़ लगा करके उन्हें प्रतिरक्षित कर दिया गया है. इसके अलावा शहर में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की कवायद हो या फिर सीएचसी, पीएचसी केंद्र व सरकारी अस्पतालों को बेहतर करने की बात सभी में इस शहर ने अपना एक नया मुकाम बनाया हैं.बनारस को मिलने वाली इन सुविधाओं की सच्चाई वाराणसी के आंकड़े बताते हैं कि कैसे काशी ने पिछले 7 सालों में चहुंमुखी विकास का एक बड़ा मुकाम हासिल किया है.

काशी के सरकारी अस्पताल हुए हाईटेक.

उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत जनपद में अब तक लगभग साढे तीन लाख आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं.इसके साथ ही लगभग 95 हज़ार 706 लाभार्थियों को योजना के तहत निःशुल्क इलाज मिल चुका है. वही 2025 तक देश को क्षय मुक्त करने के लिए जनपद प्रयासरत है. वर्तमान में सभी टीवी मरीजों को गोद लेकर के उनके स्वास्थ्य व पोषण का ध्यान रखते हुए उपचार किया जा रहा है.इसके साथ ही योजना के तहत इलाज के दौरान 500 रुपये टीबी मरीजों के सीधे खातों में पहुंचाया जाता है. वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान योजना, परिवार कल्याण कार्यक्रम, राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम व अन्य विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय के अंतिम वर्ग तक सुविधाओं को पहुंचाया जा रहा है.




आपको बता दें कि वाराणसी में दो कैंसर अस्पतालों की स्थापना की गई है, जहां पूर्वांचल ही नहीं बल्कि अन्य स्थानों से मरीज इलाज के लिए आते हैं और अपने दिल्ली मुंबई महाराष्ट्र का रुख नहीं करना पड़ता. मातृत्व एवं बाल स्वास्थ्य के लिए 100 बेड के दो व 50 बेड के एक एमसीएच विंग अस्पताल बनाये गये है. वहीं, 75 हज़ार 151 पहली बार गर्भवती महिलाओं को 30 करोड़ 33 लाख की सहायता राशि का भुगतान किया गया है. जिसका परिणाम है कि सरकारी अस्पतालों में 58 फ़ीसदी से ज्यादा प्रसव कराए गए हैं. वहीं, यदि अस्पताल में एंबुलेंस की सुविधा की बात कर लें तो जनपद में 102 एंबुलेंस सेवा 38 और 108 एंबुलेंस 28 हैं.

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वहीं, जनपद में एक बड़े और एक छोटे नए आयुष अस्पताल की स्थापना की गई है.18 आयुष हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर खोले गए हैं साथ ही तीन जगहों पर योगा सेंटर का भी संचालन किया जाने लगा हैं. जनपद में अब तक 59 लाख 61हजार 852 कोरोना की डोज लगाई जा चुकी है. 23 स्वास्थ्य इकाइयों पर ऑक्सीजन प्लांट की सुविधा,कोविड-19 के लिए 2554 बेड स्थापित किए गए हैं. इन तथ्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बीते 7 सालों में बनारस स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक हाईटेक शहर बनकर उभरा है.

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