वाराणसी: पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से गंगा (Ganga) उफान पर हैं. काशी (Kashi) में एक माह के अंदर दोबारा गंगा ने रौद्र रूप दिखाने शुरू कर दिए हैं. लगातार 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा बढ़ रही हैं. जलस्तर बढ़ने तटीय क्षेत्र पर रह रहे लोगों को एक बार फिर बाढ़ का खतरा सताने लगा है. घाट किनारे स्थित मंदिरों में गंगा का पानी प्रवेश कर रहा है और 84 घाटों का संपर्क मार्ग भी टूटता जा रहा है. संध्याकालीन गंगा आरती स्थल भी डूब गया है, जिसकी वजह से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. नावों के संचालन पर भी रोक लगा दी गई.
घाट किनारे अपनी रोजी रोटी कमाने वाले पंडा समाज को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन के आदेश के बाद उनकी चौकियों को दूसरे स्थान पर पहुंचाया जा रहा है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगा के आपसी मार्ग भी टूट चुके हैं. केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) के अनुसार गंगा का जल स्तर शनिवार की सुबह 8:00 बजे तक 65.96 मीटर दर्ज किया गया. अब जिला प्रशासन अलर्ट जारी करते हुए नाविकों को नाव संचालन न करने की हिदायत दी है. जल पुलिस के साथ एनडीआरएफ की टीम गंगा घाटों पर अलर्ट है. गंगा स्नान करने पहुंच रहे लोगों को सावधानी पूर्वक स्नान करने और गहरे पानी में जाने से मना किया गया है.
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नाव संचालक शंभू साहनी ने बताया पिछले 24 घंटे में 6 से 8 सीढ़ी पानी बढ़ चुका है. इसलिए नाव संचालन बंद कर दिया है. तेजी बहाव में नाव संचालन खतरे से खाली नहीं है. नाव संचालक के मुताबिक, सभी नाव संचालकों ने बैठक कर ये निर्णय लिया है. ऐसे में नाविकों के सामने रोजी रोटी का संकट गहराता जा रहा है.