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छठ महापर्व के लिए पूरी तरह तैयार हैं काशी के घाट

वाराणसी में लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर जिला प्रशासन भी पूरी तरह तैयार है. सभी 84 घाटों पर इस महापर्व छठ का आयोजन होता है. छठ पर्व को लेकर 2 दिन का यातायात डायवर्जन भी किया गया है.

छठ महापर्व के लिए पूरी तरह तैयार हैं काशी के घाट
छठ महापर्व के लिए पूरी तरह तैयार हैं काशी के घाट
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Published : Nov 20, 2020, 4:54 PM IST

वाराणसी: लोक आस्था का महापर्व छठ धर्म और अध्यात्म की नगरी में पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. जिले के सभी 84 घाटों पर इस महापर्व का आयोजन होता है. वैश्विक महामारी के दौर में भी लोगों की आस्था का यह महापर्व वैसे ही मनाया जा रहा है. वैश्विक महामारी के दौर में जिला प्रशासन भी पूरी तरह तैयार है, जिसे लेकर घाटों पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस फोर्स मौजूद रहेगी. छठ पर्व को लेकर 2 दिन का यातायात डायवर्जन भी किया गया है. उसके साथ ही घाटों पर जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाई गई है.

छठ महापर्व के लिए पूरी तरह तैयार हैं काशी के घाट.

नगर निगम ने कसी कमर
जिले में डाला छठ की तैयारियों के मद्देनजर घाटों पर पूरी व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है. जिसका जायजा लेने के लिए नगर आयुक्त स्वयं अस्सी घाट पहुंचे. उसके साथ ही तमाम अफसर विभिन्न घाटों पर नजर बनाए हुए हैं. सभी जोनल अधिकारियों को इसमें जिम्मेदारी देने के साथ ही अवर अभियंताओं को एक चयन की ड्यूटी लगाई गई.

घाटों को किया गया बैरिकेड
वाराणसी के विभिन्न घाटों को बैरिकेड किया गया. ताकि लोग बेवजह घाटों पर न घूमे. साथ ही गहरे पानी में न जाए. घाट के किनारे भी बैरिकेडिंग की गई है कि लोग किनारे रह कर ही स्नान करें. अस्सी घाट पर जहां भी मिट्टी की कटान थी. वहां पर बैरिकेडिंग करके लोगों को जाने से मना किया गया. उसके साथ ही जगह-जगह चेंजिंग रूम बनाए गए.

रूट डायवर्जन
महापर्व छठ के मद्देनजर 20 और 21 नवंबर को कई मार्गो पर यातायात डायवर्जन किया गया. इसमें 20 नवंबर को दोपहर 3 से रात 9 बजे तक और 21 नवंबर की भोर में 3 से सुबह 9 तक रामापुरा चौराहे से गोदौलिया चौराहे तक किसी भी प्रकार के वाहन को आने जाने नहीं दिया. घाट और कुंड के तरफ जाने वाले सभी मार्ग पर पुलिस मौजूद रहेगी. वाहनों को घाटों की तरफ नहीं जाने दिया जाएगा. श्रद्धालुओं के लिए रास्ता सुगम हो इसलिए ऐसा किया गया है.

सोशल डिस्टेंसिंग का रखें ध्यान
जिला प्रशासन लगातार अनाउंसमेंट के माध्यम से एवं अधिकारियों के माध्यम से लोगों तक यह बात पहुंचा रही है. कोविड-19 को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें. मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करें. ज्यादा संख्या में घाट पर उपस्थित न हो. संभव हो तो घरों पर ही आस्था के महापर्व को मनाए. घर के आसपास कुंड तालाब के पास भी पर्व मनाया.

वेदी को दिया जा रहा है अंतिम रूप
वाराणसी में कुछ लोग आज से ही छठ को प्रारंभ करते हैं. इसे लेकर घाटों पर वेदी बनाने के लिए लोग सुबह पहुंच जाते हैं. एक दिन पहले ही लोग वेदी बना देते हैं. अपने स्थान को घेर लेते हैं, लेकिन गुरुवार देर रात हुई बारिश से लोगों को फिर से अपनी वेदी बनानी पड़ रही है. वहीं कुछ लोग अपनी वेदी को अंतिम रूप दे रहे हैं. वहां पर रंगोली बनाकर आसपास अपना नाम लिखकर अपने स्थान को सुरक्षित कर रहे हैं.

दीप्ति कुमारी ने बताया हम लोग बिहार से हैं और हमारे यहां छठ महापर्व वहीं की रीति रिवाज से होता है. शुक्रवार शाम को अर्घ दिया जाएगा, जिसके लिए हम पूरी तरह तैयार हैं. घाट पर वेदी भी बना लिया गया है. घर पर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. घाट पर हमने देखा इस बार जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है. इससे काफी अच्छा होगा. शाम होते ही यहां पर भीड़ और बढ़ेगी इसीलिए अभी सही हम लोग अपनी बेदी के पास बैठे हैं.

वाराणसी: लोक आस्था का महापर्व छठ धर्म और अध्यात्म की नगरी में पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. जिले के सभी 84 घाटों पर इस महापर्व का आयोजन होता है. वैश्विक महामारी के दौर में भी लोगों की आस्था का यह महापर्व वैसे ही मनाया जा रहा है. वैश्विक महामारी के दौर में जिला प्रशासन भी पूरी तरह तैयार है, जिसे लेकर घाटों पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस फोर्स मौजूद रहेगी. छठ पर्व को लेकर 2 दिन का यातायात डायवर्जन भी किया गया है. उसके साथ ही घाटों पर जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाई गई है.

छठ महापर्व के लिए पूरी तरह तैयार हैं काशी के घाट.

नगर निगम ने कसी कमर
जिले में डाला छठ की तैयारियों के मद्देनजर घाटों पर पूरी व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है. जिसका जायजा लेने के लिए नगर आयुक्त स्वयं अस्सी घाट पहुंचे. उसके साथ ही तमाम अफसर विभिन्न घाटों पर नजर बनाए हुए हैं. सभी जोनल अधिकारियों को इसमें जिम्मेदारी देने के साथ ही अवर अभियंताओं को एक चयन की ड्यूटी लगाई गई.

घाटों को किया गया बैरिकेड
वाराणसी के विभिन्न घाटों को बैरिकेड किया गया. ताकि लोग बेवजह घाटों पर न घूमे. साथ ही गहरे पानी में न जाए. घाट के किनारे भी बैरिकेडिंग की गई है कि लोग किनारे रह कर ही स्नान करें. अस्सी घाट पर जहां भी मिट्टी की कटान थी. वहां पर बैरिकेडिंग करके लोगों को जाने से मना किया गया. उसके साथ ही जगह-जगह चेंजिंग रूम बनाए गए.

रूट डायवर्जन
महापर्व छठ के मद्देनजर 20 और 21 नवंबर को कई मार्गो पर यातायात डायवर्जन किया गया. इसमें 20 नवंबर को दोपहर 3 से रात 9 बजे तक और 21 नवंबर की भोर में 3 से सुबह 9 तक रामापुरा चौराहे से गोदौलिया चौराहे तक किसी भी प्रकार के वाहन को आने जाने नहीं दिया. घाट और कुंड के तरफ जाने वाले सभी मार्ग पर पुलिस मौजूद रहेगी. वाहनों को घाटों की तरफ नहीं जाने दिया जाएगा. श्रद्धालुओं के लिए रास्ता सुगम हो इसलिए ऐसा किया गया है.

सोशल डिस्टेंसिंग का रखें ध्यान
जिला प्रशासन लगातार अनाउंसमेंट के माध्यम से एवं अधिकारियों के माध्यम से लोगों तक यह बात पहुंचा रही है. कोविड-19 को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें. मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करें. ज्यादा संख्या में घाट पर उपस्थित न हो. संभव हो तो घरों पर ही आस्था के महापर्व को मनाए. घर के आसपास कुंड तालाब के पास भी पर्व मनाया.

वेदी को दिया जा रहा है अंतिम रूप
वाराणसी में कुछ लोग आज से ही छठ को प्रारंभ करते हैं. इसे लेकर घाटों पर वेदी बनाने के लिए लोग सुबह पहुंच जाते हैं. एक दिन पहले ही लोग वेदी बना देते हैं. अपने स्थान को घेर लेते हैं, लेकिन गुरुवार देर रात हुई बारिश से लोगों को फिर से अपनी वेदी बनानी पड़ रही है. वहीं कुछ लोग अपनी वेदी को अंतिम रूप दे रहे हैं. वहां पर रंगोली बनाकर आसपास अपना नाम लिखकर अपने स्थान को सुरक्षित कर रहे हैं.

दीप्ति कुमारी ने बताया हम लोग बिहार से हैं और हमारे यहां छठ महापर्व वहीं की रीति रिवाज से होता है. शुक्रवार शाम को अर्घ दिया जाएगा, जिसके लिए हम पूरी तरह तैयार हैं. घाट पर वेदी भी बना लिया गया है. घर पर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. घाट पर हमने देखा इस बार जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है. इससे काफी अच्छा होगा. शाम होते ही यहां पर भीड़ और बढ़ेगी इसीलिए अभी सही हम लोग अपनी बेदी के पास बैठे हैं.

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