ETV Bharat / state

वाराणसी के बीएचयू में हुई गर्भ संस्कार की शुरुआत - गर्भ संस्कार

यूपी के वाराणसी जिले स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय में गर्भ संस्कार की शुरुआत की गई है. फेसर प्रेमवती ने बताया कि इसकी परिकल्पना उन्होंने कई वर्ष पूर्व बीएचयू में की थी, जिसका व्यवहारिक और वैज्ञानिक स्वरूप अब जाकर सामने आया है.

etv bharat
बीएचयू.
author img

By

Published : Sep 30, 2020, 7:11 PM IST

वाराणसी: जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में गर्भ संस्कार की शुरुआत हो गई है. यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा है, जिसका निर्वहन वर्तमान आधुनिक काल में नहीं होता दिख रहा है. बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के आयुर्वेद विभाग में प्रसूति विभाग द्वारा विशेष चिकित्सा सेवाओं जैसे- गर्भ संस्कार, स्त्री बन्ध्यत्व रजोनिवृत्ति और स्त्री रोगों की विशिष्ट चिकित्सा शुरुआत की गई है.

प्रसूति विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं को महापुरुषों की पुस्तक पढ़ाकर, मंत्रोचार से जन्म लेने वाले बच्चों में संस्कार पैदा किए जाएंगे. इसके तहत महिलाओं को शास्त्रीय संगीत भी सुनाया जाएगा और साथ ही अत्याधुनिक तकनीक से गर्भ में पल रहे बच्चे की प्रतिक्रिया का अध्ययन किया जाएगा.

बीएचयू आईएमएस के डायरेक्टर प्रोफेसर आरके जैन ने सभी सेवाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज के परिवेश में स्त्री बन्ध्यत्व बहुत बड़ी चुनौती है, जिसकी सफल चिकित्सा आयुर्वेद के द्वारा की जा सकती है. प्रोफेसर प्रेमवती ने बताया कि इसकी परिकल्पना उन्होंने कई वर्ष पूर्व बीएचयू में की थी, जिसका व्यवहारिक और वैज्ञानिक स्वरूप सामने आया है. इस पद्धति से बिना किसी नुकसान के स्त्री रोगों से निजात मिलेगी.

वाराणसी: जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में गर्भ संस्कार की शुरुआत हो गई है. यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा है, जिसका निर्वहन वर्तमान आधुनिक काल में नहीं होता दिख रहा है. बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के आयुर्वेद विभाग में प्रसूति विभाग द्वारा विशेष चिकित्सा सेवाओं जैसे- गर्भ संस्कार, स्त्री बन्ध्यत्व रजोनिवृत्ति और स्त्री रोगों की विशिष्ट चिकित्सा शुरुआत की गई है.

प्रसूति विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं को महापुरुषों की पुस्तक पढ़ाकर, मंत्रोचार से जन्म लेने वाले बच्चों में संस्कार पैदा किए जाएंगे. इसके तहत महिलाओं को शास्त्रीय संगीत भी सुनाया जाएगा और साथ ही अत्याधुनिक तकनीक से गर्भ में पल रहे बच्चे की प्रतिक्रिया का अध्ययन किया जाएगा.

बीएचयू आईएमएस के डायरेक्टर प्रोफेसर आरके जैन ने सभी सेवाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज के परिवेश में स्त्री बन्ध्यत्व बहुत बड़ी चुनौती है, जिसकी सफल चिकित्सा आयुर्वेद के द्वारा की जा सकती है. प्रोफेसर प्रेमवती ने बताया कि इसकी परिकल्पना उन्होंने कई वर्ष पूर्व बीएचयू में की थी, जिसका व्यवहारिक और वैज्ञानिक स्वरूप सामने आया है. इस पद्धति से बिना किसी नुकसान के स्त्री रोगों से निजात मिलेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.