वाराणसीः गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश जारी किए हैं. वहीं शनिवार को पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. नीलकंठ तिवारी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने बताया कि गंगा का जलस्तर चेतावनी बिन्दु 70.26 मीटर से 70.36 मीटर पहुंच गया है. इस वजह से 200 परिवारों को अलग-अलग सरकारी भवनों में शिफ्ट किया गया है.
जिलाधिकारी ने बताया कि लगभग 200 परिवारों को अलग-अलग सरकारी भवनों में शिफ्ट किया गया है. उनको राशन किट आदि का वितरण किया जा रहा है. अच्छी बात यह है कि बारिश न होने की वजह से कोई आपतकालीन समस्या शहर में नहीं है. परन्तु बाढ़ की जो तैयारियां थी वो पहले ही शुरू कर दी गई थीं. बाढ़ चौकियां गांवों में भी स्थापित कर दी गईं है. हमारे नाविक और गोताखोर भी तैयार हैं. अगर नावों की आवश्यकता होगी तो नावें भी लगाई जाएंगी परन्तु आवागमन के लिए ऐसी कोई आवश्यकता नहीं पड़ी है.
वहीं उत्तर प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. नीलकंठ तिवारी ने शनिवार को एनडीआरएफ के बोट से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र कोनिया, सरैया, राजघाट सहित आसपास के क्षेत्र में लगभग 3 घंटे तक भ्रमण कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान उनके साथ एनडीआरएफ व जिला प्रशासन के अधिकारी प्रमुख रूप से मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के गली-गली में जाकर घरों के स्थिति का भी जायजा लिया, जिसमें पानी भरे हुए थे. उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित जिन क्षेत्रों के घरों में पानी भर गए हैं. उनमें रह रहे लोगों को तत्काल राहत कैंपों में पहुंचाया जाए.
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पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से काशी में गंगा का जल स्तर 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ रहा है, जिसे घाट किनारे रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जहां एक तरफ नाविकों की नाव संचालन पर रोक है तो वहीं काशी के पुरोहितों को भी काफी समस्या हो रहा है. गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण पर्यटक भी नहीं आ रहे हैं और जो पर्यटक आ रहे हैं. वह भी धार्मिक कार्यों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं.
गंगा नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जल स्तर में प्रति घण्टे 03 सेमी की वृद्धि हो रही है. गंगा नदी के तटवर्ती इलाकों तथा शहर क्षेत्र में वरूणा नदी के समीप स्थित मोहल्लों/वार्डो में कई स्थानों पर मकान पानी से घिर गए हैं. जनपद में कुल 62 बाढ़ चौकियां/शरणालय चिन्हित हैं, जिनमें बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है. 09 बाढ़ चौकियों पर बाढ़ से प्रभावित कुल 738 व्यक्ति आश्रय ले चुके हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार 03 मोटर बोट तथा 15 नावों की व्यवस्था की गई हैं. मोटर बोट एवं नाव की व्यवस्था के लिए राजेन्द्र कन्नौजिया, राजस्व निरीक्षक मोबाइल नंबर 9415620341 को प्रभारी बनाया गया है.
मिर्जापुर: गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंचने वाला है. गंगा के रौद्र रूप के चलते तटवर्ती इलाकों के कई गांव में पानी घुसने लगा है. सैकड़ों बीघे फसल जलमग्न हो गई है. घरों तक पानी पहुंचने से गांव वाले अपने सामानों को समेट कर ऊपरी इलाके में जाने को मजबूर हो रहे हैं. अभी गंगा में बाढ़ का पानी 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लगातार बढ़ रहा है. जिला प्रशासन ने गांव में रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया है. वहीं ग्रामीणों ने आरोप जिला प्रशासन लगाया है कि बाढ़ को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की है.
गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने से गंगा किनारे बसे दो तहसील चुनार और सदर के 493 गांव प्रभावित होते हैं. 2019 के रिकार्ड के अनुसार 77.980 मीटर पानी पहुंच गया था जबकि खतरे का निशान 77.724 मीटर है. अपर जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ क्षेत्र में 37 बाढ़ चौकियां एक्टिव कर दी गई हैं जो लगातार बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाने के साथ ही जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं.
जालौनः प्रदेश सरकार में जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जालौन जनपद का हवाई सर्वेक्षण करने पहुंचे. जहां उन्होंने हैलीकॉप्टर से पहले, माधौगढ़, रामपुरा, कालपी, महेवा कुठौंद क्षेत्र के गांव का जायजा लिया. इसके बाद जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ विकास भवन सभागार में बैठक कर बाढ़ से निपटने के लिए चल रही तैयारियों का जायजा लिया. साथ ही जनपद के अधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित कर इस विपदा से निपटने के लिए रूपरेखा तैयार की.
जनपद में एनडीआरएफ एसडीआरएफ और सेना के 166 जवान लगे हुए हैं. साथ ही जनपद में 30 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं. इसके अलावा 120 वोट भी लगाई गई हैं. इनके साथ 35 गोताखोर लगे हुए हैं. जनपद में अब तक 3600 ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है. साथ ही अन्य लोगों को जिला प्रशासन की तरफ से राहत सामग्री लगातार बांटी जा रही है. इसके अलावा 4000 से अधिक लोगों को लंच पैकेट भी बांटे गए हैं.