वाराणसी: गंगा दशहरा के पावन पर्व के मौके पर मंगलवार को काशी में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इस मौके पर काशी के प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का भव्य आयोजन किया गया. इसमें प्रख्यात लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने अपनी प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. इस दौरान देव दीपावली की तर्ज पर मां गंगा की महाआरती की गई.
![Ganga Dussehra in Varanasi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-var-5-ganga-arti-7200982_30052023224806_3005f_1685467086_241.jpg)
सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रारम्भ मां गंगा की अवतरण पर लोक गायिका मैथिली ठाकुर की प्रस्तुति से शुरू हुई. लोक गायिका और उनकी टीम ने हे गंगा मईया तोहे पियरी चढ़इवे, राम-राम रटते रटते, आज मिथला नगरिया निहाल सखी रे, शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा, इत्यादि मधुर गीतों की प्रस्तुत दी. सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन सुकेशी ऋषभ ने किया. वहीं, धन्यवाद ज्ञापन सुरजीत कुमार सिंह ने किया.
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गंगा दशहरे के मौके पर 11 अर्चकों ने भगवती मां गंगा का वैदिक रीति से पूजन कराया. रिद्धी-सिद्धी के रूप में 22 कन्याओं ने भव्य महाआरती की प्रस्तुति की. ये कन्या दुर्गाचरण गर्ल्स इण्टर कालेज की छात्रा थी. इस दौरान 11,001 दीप मालाओं से दशाश्वमेध घाट को भव्य रूप में सजाया गया. घाटों पर फैली दीपों की रोशनी देश-विदेश से आये हजारों सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र बनी रही.
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बता दें कि 4 दशकों से गंगा सेवा निधि गंगाजल निर्मलीकरण जन जागरूकता अभियान के तहत भव्य गंगा दशहरा महोत्सव का आयोजन कर रहा है. मां गंगा के धरती पर अवतरण दिवस के पावन पर्व की संध्या पर गंगा सेवा निधि बीते 6 सालो से हर दिन गंगा आरती के दौरान एक संकल्प दिलाता है. इस संकल्प के माध्यम से सभी श्रद्धालुओं को गंगा, घाट और सम्पूर्ण भारतवर्ष को स्वच्छ रखने की अपील की जाती है. गंगा सेवा निधि का कहना है कि उनकी संस्था निरंतर स्वच्छ काशी, स्वच्छ गंगा, स्वच्छ घाट और पर्यावरण संरक्षण को संकल्पित और समर्पित है.
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