वाराणसी: जून के महीने में वाराणसी में एक बार फिर से जी-20 देशों के प्रतिनिधिमंडल के एक महत्वपूर्ण बैठक (G-20 countries meeting in Varanasi) होने वाली है. 11 से 13 जून तक वाराणसी में जी-20 के मंत्री समूह की बैठक में 250 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल होने वाले हैं. इस पूरे आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रशासनिक अमला जी जान से जुट गया है.
पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाने के साथ ही पुरानी व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाते हुए चीजों को बेहतर करने की तैयारी की जा रही है. काशी आने वाले मेहमानों की भारत यात्रा को यादगार बनाने के लिए बाबतपुर एयरपोर्ट से नदेसर स्थित आयोजन स्थल तक और जिन रास्तों से होकर मेहमानों को गुजरना है. उन सभी रास्तों को विशेष तौर पर सजाने की तैयारी की जा रही है.
दरअसल पिछले महीने वाराणसी में जी 20 देशों की बैठक कृषि आधारित महत्वपूर्ण विषय पर हुई थी. तीन दिवसीय बैठक में जी-20 देशों के साथ भारत के कृषि आधारित रिश्ते को मजबूत करने पर जोर दिया गया था और अब जून के महीने में होने वाली बैठक में मंत्री समूह के 250 प्रतिनिधि शामिल होने वाले हैं. इसको देखते हुए नमो घाट पर सांस्कृतिक आयोजन करने के अलावा यहां आने वाले मेहमानों को गंगा आरती दिखाने और श्री काशी विश्वनाथ धाम की भव्यता को दिखाने की तैयारी की जा रही है. विदेशी मेहमान क्रूज पर सवार होकर काशी के घाटों की सुंदरता भव्यता को निहारएंगे और दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती का आनंद भी लेंगे.
इसके लिए वृहद रूप में तैयारियां की जा रही हैं. वाराणसी नगर निगम (Varanasi Municipal Corporation) इस पूरे आयोजन को सफल बनाने के लिए पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाने में जुटा हुआ है. इस बारे में अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार का कहना है कि चौक चौराहे से लेकर गलियों और जिन रास्तों से मेहमानों गुजरेंगे, उन रास्तों में पड़ने वाले मकानों को एक रंग में रखा जा रहा है. चौराहों पर हरियाली बढ़ाने के साथ ही शहर भर में हरियाली को मेंटेन करने का काम किया जा रहा है.
इसके अलावा यहां आने वाले मेहमानों को बदलते बनारस की भव्यता दिखाने की तैयारी भी की जा रही है. पिछले 9 सालों में काशी ने कैसे आधुनिकता का रंग लेने के साथ ही पुरातन चीजों को संभाल कर रखा है, इसे भी मेहमानों को दिखाया जाएगा. 13 जून तक चलने वाली इस बैठक में 3 दिनों के इस आयोजन को देखते हुए 10 जून से ही मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. 11, 12 और 13 जून को बैठक खत्म होने के बाद दोपहर से लेकर रात तक मेहमानों को शहर के अलग-अलग हिस्सों में घुमाने की तैयारी की जा रही है.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह बैठक विदेश मंत्री एस जयशंकर की अगुवाई में होने वाली है और सारे मंत्री भी उन्हीं के साथ काशी पहुंचने वाले हैं. जी-20 देशों के शहरों में काशी मॉडल को अमल कराया जाएगा. काशी की भव्यता को भी दिखाने की तैयारी की जा रही है. आने वाले मेहमानों को गंगा प्रदूषण मुक्त करने के लिए बनाए गए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट रिंग रोड और काशी विश्वनाथ धाम के जरिए बदले बनारस की तस्वीर दिखाने की कोशिश की जाएगी. जल परिवहन के इस स्वरूप से भी मेहमानों को अवगत कराने के प्लानिंग की जा रही है.
इसके अलावा आने वाले दिनों में रोपवे योजना को किस तरह से काशी में लागू करना है और कैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में इसे विकसित किया जाएगा. यह सारी चीजें भी मेहमानों को बताने की जिम्मेदारी विदेश मंत्री को सौंपी गई है, जो काशी के इस स्वरूप को बताते हुए बनारस के प्राचीन स्वरूप से आधुनिक रूप के बारे में भी मेहमानों को बताएंगे.
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