वाराणसीः देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने तीन दिवसीय दौरे पर वाराणसी में हैं. अपने दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को उन्होंने वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र में आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने शिक्षा के मूल मंत्र को भी साझा किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में शिक्षक को शिक्षा व्यवस्था के मूलभूत सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि सीखने सिखाने के वर्तमान दौर को और भी ज्यादा मजबूत किया जाए.
बता दें कि, बीएचयू के अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक केंद्र द्वारा शिक्षा जगत के समक्ष 'उच्च शिक्षा में उभरती चुनौतियां' विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है. इसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए हैं. इस दौरान कार्यक्रम में UCTE गवर्निंग बोर्ड के चेयरमैन प्रोफेसर जगमोहन सिंह राजपूत ने उन्हें बाबा विश्वनाथ व मां गंगा पर आधारित मोमेंट अनवर शॉल देकर के सम्मानित किया.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने BHU के शिक्षा संगोष्ठी में लिया भाग
अपने उद्बोधन में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि इस संगोष्ठी का मूल उद्देश्य वर्तमान और भविष्य में शिक्षा जगत के सामने उच्च शिक्षा में उभरती चुनौतियों को चिन्हित करना है और उसके समाधान के लिए सार्थक विचार-विमर्श कर एक निष्कर्ष पर पहुंचना है. वर्तमान समय में शिक्षक को शिक्षा के मूलभूत सुधारों पर केंद्रित होने की जरूरत है, क्योंकि शिक्षक का काम चिंतन व मनन करना है. उन्होंने कहा कि शिक्षक को निरंतर सीखते रहना चाहिए और कुछ भी सीखने के लिए हर व्यक्ति को अहंकार से दूर रहना चाहिए और यह दूरी शिक्षा के माध्यम से ही सार्थक हो सकती है.
समाज व शिक्षक को सम्मान देने की अपील
इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति ने लोगों से शिक्षकों को सम्मान देने की बात कही. इस बारे में UCTE के चेयरमैन प्रोफेसर जगमोहन सिंह राजपूत ने कहा कि आज अपने संबोधन में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हम सबसे न सिर्फ सीखने को कहा, बल्कि उन्होंने शिक्षकों को समाज में सम्मान देने पर भी जोर दिया.
उन्होंने बताया कि सभी स्तरों पर शिक्षकों को एक मजबूत कड़ी जिम्मेदार सदस्य व सम्मानित व्यक्ति के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए, क्योंकि वह लोग वास्तव में हमारी अगली पीढ़ी को आकार देने का काम करते हैं. एक शिक्षक न सिर्फ एक बालक को शिक्षित करने में अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाता है बल्कि वह एक बेहतर समाज का निर्णायक भी होता है. उसका विश्वकर्मा होता है. इसलिए शिक्षक को एक मजबूत सम्मान देने की जरूरत है.
नन्हें नौनिहालों संग किया था संवाद
गौरतलब हो कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसके पहले गुरुवार को काशी विद्यापीठ के ललित विभाग व भारत माता मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में अपनी सहभागिता दर्ज कराई थी. इस दौरान उन्होंने जहां ललित कला विभाग में लगे कला मेले का अवलोकन किया था, तो वहीं भारत माता मंदिर के प्रांगण में नन्हे नौनिहालों के साथ संवाद कर उनकी हौसला अफजाई भी की थी.
मिर्जापुर में पूर्व राष्ट्रपति ने बच्चों के साथ किया संवाद
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुरभि शोध संस्थान राधाकृष्ण वनवासी छात्रावास में रह रहे बच्चों के साथ पूर्व संवाद किया. विभिन्न राज्यों के बच्चों को देखकर संस्थान को मिनी इंडिया कहा. इसके साथ ही बच्चों से कहा कि पढ़ने-लिखने से ही सब कुछ हासिल किया जा सकता है.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक दिवसीय दौरे पर मिर्जापुर पहुंचे. चुनार नगर के रामबाग स्थित सुरभि शोध संस्थान में शुक्रवार को पहुंचने पर विभिन्न राज्यों के अध्ययनरत पूर्वोत्तर भारत मणिपुर, सिक्किम, नागालैंड, आसाम, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड के साथ नेपाल के बच्चों ने पूर्व राष्ट्रपति का सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से स्वागत किया.
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