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वाराणसी: पूर्व विधायक राजित प्रसाद यादव पंचतत्व में हुए विलीन

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Published : Nov 10, 2020, 3:44 PM IST

समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक राजित प्रसाद यादव पंचतत्व में विलीन हो गए. सोमवार को उनके बड़े बेटे भारत भूषण यादव ने चंद्रावती घाट पर उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी.

पूर्व विधायक राजित प्रसाद यादव
पूर्व विधायक राजित प्रसाद यादव

वाराणसीः चौबेपुर क्षेत्र में राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले सैदपुर के पूर्व विधायक राजित प्रसाद यादव सोमवार को चंद्रावती घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गये. चंद्रावती घाट पर हजारों लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी. राजित प्रसाद यादव 1985 और 1989 में दो बार सैदपुर विधानसभा के विधायक चुने गये थे.

सम्मान ही उनकी कमाई
मालूम हो कि स्व. राजित प्रसाद यादव कमर दर्द से काफी दिनों से पीड़ित चल रहे थे. उनका इलाज मकबूल आलम रोड स्थित शुभम हॉस्पिटल में चल रहा था, जहां उन्होंने सोमवार दोपहर अंतिम सांस ली. 1985 और 1989 में दो बार विधायक रहने के बावजूद भी आज तक उनके पास न अपना घर है, न कोई गाड़ी, और न ही कोई बैंक बैलेंस. सादगी और लोगों के दिलों में उनके प्रति सम्मान ही उनकी कमाई रही. साफ छवि, स्पष्टवादिता और मिलनसार छवि के कारण वे लोगों में काफी लोकप्रिय थे.

चंद्रावती घाट पर दी गई मुखाग्नि
उनके देहावसान से राजनीति के एक युग का अंत हो गया. सोमवार को उनका पार्थिक शरीर सारनाथ से 12 बजे उठाकर मुनारी होते हुए चौबेपुर आया. चंद्रावती श्मशान घाट पर प्रस्थान किया. पूर्व विधायक के चाहने वालों ने जगह-जगह काफिला रोक कर पुष्पांजलि अर्पित की. चन्द्रावती घाट पर हजारों लोगों ने उन्हें अपनी नम आंखों से विदाई दी.

महत्वपूर्ण लोगों की रही उपस्थिति
इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्व सांसद राम किशुन यादव, पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह, पूर्व विधायक सुरेंद्र पटेल, ब्लॉक प्रमुख सुभाष यादव, अजगरा विधायक कैलाश सोनकर, समाजसेवी ज्ञानेन्द्र यादव ज्ञानु, सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण यादव, एमएलसी विजय यादव सहित आदि लोग उपस्थित रहे.

वाराणसीः चौबेपुर क्षेत्र में राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले सैदपुर के पूर्व विधायक राजित प्रसाद यादव सोमवार को चंद्रावती घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गये. चंद्रावती घाट पर हजारों लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी. राजित प्रसाद यादव 1985 और 1989 में दो बार सैदपुर विधानसभा के विधायक चुने गये थे.

सम्मान ही उनकी कमाई
मालूम हो कि स्व. राजित प्रसाद यादव कमर दर्द से काफी दिनों से पीड़ित चल रहे थे. उनका इलाज मकबूल आलम रोड स्थित शुभम हॉस्पिटल में चल रहा था, जहां उन्होंने सोमवार दोपहर अंतिम सांस ली. 1985 और 1989 में दो बार विधायक रहने के बावजूद भी आज तक उनके पास न अपना घर है, न कोई गाड़ी, और न ही कोई बैंक बैलेंस. सादगी और लोगों के दिलों में उनके प्रति सम्मान ही उनकी कमाई रही. साफ छवि, स्पष्टवादिता और मिलनसार छवि के कारण वे लोगों में काफी लोकप्रिय थे.

चंद्रावती घाट पर दी गई मुखाग्नि
उनके देहावसान से राजनीति के एक युग का अंत हो गया. सोमवार को उनका पार्थिक शरीर सारनाथ से 12 बजे उठाकर मुनारी होते हुए चौबेपुर आया. चंद्रावती श्मशान घाट पर प्रस्थान किया. पूर्व विधायक के चाहने वालों ने जगह-जगह काफिला रोक कर पुष्पांजलि अर्पित की. चन्द्रावती घाट पर हजारों लोगों ने उन्हें अपनी नम आंखों से विदाई दी.

महत्वपूर्ण लोगों की रही उपस्थिति
इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्व सांसद राम किशुन यादव, पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह, पूर्व विधायक सुरेंद्र पटेल, ब्लॉक प्रमुख सुभाष यादव, अजगरा विधायक कैलाश सोनकर, समाजसेवी ज्ञानेन्द्र यादव ज्ञानु, सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण यादव, एमएलसी विजय यादव सहित आदि लोग उपस्थित रहे.

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