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वाराणसी : डिटर्जेंट पाउडर मिलाकर तैयार हो रहा था दूध, छापेमारी में खुली पोल - वाराणसी खाद्य विभाग

वाराणसी में रोहनिया थाना क्षेत्र के जगतपुर में दूध की फैक्ट्री में प्रशासन और फूड डिपार्टमेंट ने छापेमारी की. छापेमारी के दौरान पैक हो चुका दस हजार लीटर और प्लांट में मौजूद लगभग 25 हजार लीटर मिलावटी दूध पाया गया, जो डिटर्जेंट पाउडर मिलाकर तैयार किया गया था.

मिलावटी दूध को नष्ट करते कर्मचारी.
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Published : May 21, 2019, 2:27 PM IST

वाराणसी : रोहनिया थाना क्षेत्र के जगतपुर में चल रही दूध की फैक्ट्री में प्रशासन और फूड डिपार्टमेंट ने छापेमारी की. छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में चल रहे मिलावटी दूध के कारोबार का पर्दाफाश हुआ. फैक्ट्री में डिटर्जेंट पाउडर मिलाकर दूध तैयार किया जा रहा था. प्रशासन ने दूध का सैंपल लेकर दस हजार मिलावटी दूध को नष्ट कर दिया. साथ ही क्रीम को जांच के लिए भेज दिया.

जानकारी देते फूड सेफ्टी ऑफिसर.

जानें कैसे तैयार हो रहा था मिलावटी दूध

  • मामला रोहनिया थाना क्षेत्र के जगतपुर इंटर कॉलेज के ठीक सामने स्थित काशी दूध फैक्ट्री का है.
  • काशी दूध फैक्ट्री से पैकेट बंद दूध का कारोबार किया जाता था.
  • दूध के प्लांट में 19 मई को प्रोडक्ट की सैंपलिंग के बाद इसको जांच के लिए भेजा गया था.
  • जांच रिपोर्ट में दूध में डिटर्जेंट पाउडर पाए जाने की बात कही गई है.
  • जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन और फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने काशी दूध फैक्ट्री में छापेमारी की.
  • छापेमारी के दौरान पैक हो चुका दस हजार लीटर और प्लांट में मौजूद लगभग 25 हजार लीटर मिलावटी दूध पाया गया.
  • प्रशासन ने दस हजार लीटर दूध को नष्ट कर दिया है, जबकि 25 हजार लीटर दूध अभी नष्ट किया जाना बाकी है.
  • कंपनी में क्रीम भी मौजूद था, जिसे सैंपलिंग के बाद जांच के लिए भेजा गया है.

19 मई को एक मिलावटी दूध के टैंकर की फैक्ट्री में आने की सूचना पर हमारी टीम ने दूध की सैंपलिंग ली थी, जिसकी जांच रिपोर्ट सोमवार को आई. जांच रिपोर्ट आने के बाद सोमवार शाम को छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान जो दूध बरामद हुआ है, उसमें डिटर्जेंट पाउडर और कई अन्य चीजों की मात्रा पाई गई, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है.

-संजीव सिंह, चीफ फूड सेफ्टी ऑफिसर

वाराणसी : रोहनिया थाना क्षेत्र के जगतपुर में चल रही दूध की फैक्ट्री में प्रशासन और फूड डिपार्टमेंट ने छापेमारी की. छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में चल रहे मिलावटी दूध के कारोबार का पर्दाफाश हुआ. फैक्ट्री में डिटर्जेंट पाउडर मिलाकर दूध तैयार किया जा रहा था. प्रशासन ने दूध का सैंपल लेकर दस हजार मिलावटी दूध को नष्ट कर दिया. साथ ही क्रीम को जांच के लिए भेज दिया.

जानकारी देते फूड सेफ्टी ऑफिसर.

जानें कैसे तैयार हो रहा था मिलावटी दूध

  • मामला रोहनिया थाना क्षेत्र के जगतपुर इंटर कॉलेज के ठीक सामने स्थित काशी दूध फैक्ट्री का है.
  • काशी दूध फैक्ट्री से पैकेट बंद दूध का कारोबार किया जाता था.
  • दूध के प्लांट में 19 मई को प्रोडक्ट की सैंपलिंग के बाद इसको जांच के लिए भेजा गया था.
  • जांच रिपोर्ट में दूध में डिटर्जेंट पाउडर पाए जाने की बात कही गई है.
  • जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन और फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने काशी दूध फैक्ट्री में छापेमारी की.
  • छापेमारी के दौरान पैक हो चुका दस हजार लीटर और प्लांट में मौजूद लगभग 25 हजार लीटर मिलावटी दूध पाया गया.
  • प्रशासन ने दस हजार लीटर दूध को नष्ट कर दिया है, जबकि 25 हजार लीटर दूध अभी नष्ट किया जाना बाकी है.
  • कंपनी में क्रीम भी मौजूद था, जिसे सैंपलिंग के बाद जांच के लिए भेजा गया है.

19 मई को एक मिलावटी दूध के टैंकर की फैक्ट्री में आने की सूचना पर हमारी टीम ने दूध की सैंपलिंग ली थी, जिसकी जांच रिपोर्ट सोमवार को आई. जांच रिपोर्ट आने के बाद सोमवार शाम को छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान जो दूध बरामद हुआ है, उसमें डिटर्जेंट पाउडर और कई अन्य चीजों की मात्रा पाई गई, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है.

-संजीव सिंह, चीफ फूड सेफ्टी ऑफिसर

Intro:वाराणसी: कहते हैं कि दूध स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है लेकिन अगर यही दूध मिलावटी हो तो निश्चित तौर पर आपको अनेक बीमारियां खेल सकते हैं और ऐसे ही एक दूध के काले कारोबार का खुलासा प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हुआ है यहां रोहनिया थाना क्षेत्र के जगतपुर इलाके में चल रही एक पैकेट बंद दूध की फैक्ट्री में प्रशासन और फूड डिपार्टमेंट की तरफ से की गई छापेमारी के बाद बड़ा गोरखधंधा सामने आया है. यहां पर चल रहे दूध के प्लांट में 19 मई को की गई प्रोडक्ट की स्पेलिंग के बाद इसकी जांच रिपोर्ट फेल होने पर प्रशासन ने यहां जबरदस्त तरीके से छापेमारी की है जिसमें 10000 लीटर तैयार दूध को नालियों में बहाया गया है और भी और क्रीम किस कंपनी के बाद इसकी रिपोर्ट के भी आने का इंतजार किया जा रहा है फिलहाल जो दूध नालियों में पाया गया है और जिसके सैंपल फेल हुए हैं उनमें प्रथम दृष्टया डिटर्जेंट पाउडर होने की पुष्टि हो गई है जिसके बाद अब सवाल यह उठने लगा है कि लोगों को स्वस्थ रखने वाला दूध कितना सेफ है.


Body:वीओ-01 रोहनिया के जगतपुर इंटर कॉलेज के ठीक सामने अंदर चलने वाली काशी दूध के नाम से पैकेट बंद दूध फैक्ट्री में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने छापेमारी की थी इस छापेमारी के दौरान पैक हो चुका 10000 लीटर और प्लांट में मौजूद लगभग 25000 लीटर दूध पूरी तरह से स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक पाया गया है 10000 लीटर दूध को नष्ट किया जा चुका है. जबकि 25000 लीटर को अभी नष्ट किया जाना बाकी है इस बारे में चीफ़ फूड सेफ्टी ऑफिसर संजीव सिंह का कहना है कि 19 मई को एक मिलावटी दूध के टैंकर कि यहां आने की सूचना पर हमारी टीम ने मौजूद दूध की सैंपलिंग की थी जिसकी जांच रिपोर्ट कल आई और शाम में छापेमारी शुरू हुई छापेमारी के दौरान यहां पर जो दूध बरामद हुआ है वह पूरी तरह से स्वास्थ के लिए नुकसानदायक है या जांच में डिटर्जेंट पाउडर और कई अन्य चीजें पाई गई है जो इंसानी जीवन के लिए काफी नुकसानदायक है इनको पीने से किडनी फेल होने की पूरी संभावना है वही हो सकता है.


Conclusion:वीओ-02 कुल मिलाकर या दूध स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक है इस वजह से इसे नष्ट करवाया जा रहा है इतना ही नहीं यहां पर बड़ी मात्रा में इसी दूध से तैयार देसी घी और क्रीम भी पकड़ा गया है जिस का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है माना जा रहा है कि इस दु से तैयार होने की वजह से यह भी काफी नुकसानदायक है इंतजार है तो इसके रिपोर्ट के आने का इलाज अपने नन्हे मुन्ने बच्चों के साथ परिवार के अन्य सदस्यों को जिस तरह से स्वास्थ्यवर्धक दूध देकर हम उनकी सेहत बनाने के बारे में सोचते हैं वह ऐसी हालत में बनारस में चल रहा है उसका यह काला कारोबार निश्चित तौर पर लोगों का दूध पर से ही विश्वास उठाने के लिए काफी है.

बाईट- संजीव सिंह, चीफ फ़ूड सेफ्टी ऑफिसर

गोपाल मिश्र

9839809074

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