ETV Bharat / state

काशी पर चढ़ा होली का रंग, सुनिए बनारस का फगुआ

काशी में रंगभरी एकादशी से होली पर्व की शुरुआत हो जाती है. बाबा भोलेनाथ के स्वरूप संग होली खेलकर भक्त खुद को धन्य मानते हैं. यहीं पर 'खेले मसाने में होली, दिगंबर खेले मसाने में होली' कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है. अब कलाकार गंगा घाटों पर महफिल सजाकर फगुआ रंग में रंग गए हैं. तो देखिए काशी की अद्भुत और अलौकिक होली में गीत संगीत की शानदार प्रस्तुति...

वाराणसी में होली की हुडदंग.
वाराणसी में होली की हुडदंग.
author img

By

Published : Mar 28, 2021, 1:04 PM IST

Updated : Mar 28, 2021, 2:21 PM IST

वाराणसी: होली में अगर ब्रज और काशी की बात न हो तो फिर ये त्योहार अधूरा सा लगता है. वैसे तो देश भर में होली अधिकतम तीन दिन तक तक मनाई जाती है. वहीं ब्रज क्षेत्र में इस त्योहार के रंग महीने भर तक उड़ते हैं. ब्रज श्री कृष्ण और राधा की लीला नगरी है, इसलिए यहां के स्थानों से लेकर पर्वों तक के भाव उन्हीं से जुड़े हुए हैं, होली भी इसी क्रम में शामिल हैं. ऐसा ही कुछ बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में भी देखने को मिलता है. काशी में रंगभरी एकादशी से होली की शुरुआत हो जाती है. बाबा भोलेनाथ के स्वरूप संग होली खेलकर भक्त खुद को धन्य मानते हैं.

देखें वीडियो.

होली की मस्ती में डूबे काशी में गीत-संगीत, संस्कृति और सभ्यता का समागम देखने को मिलता है. यहां की अद्भुद संस्कृति खुद-ब-खुद हर त्योहार में शामिल हो जाती है. ऐसा ही कुछ नजारा होली के मौके पर काशी के गंगा घाट पर दिखा, जहां गीत-संगीत की महफिल के साथ ईटीवी भारत आपके सामने लेकर आ रहा है, तो देखिए काशी की अद्भुत और अलौकिक होली का आनंद गीत संगीत की इस शानदार प्रस्तुति के साथ.

गंगा घाटों पर महफिल सजाकर फगुआ रंग.
गंगा घाटों पर महफिल सजाकर फगुआ रंग.

इसे भी पढ़ें-मणिकर्णिकाघाट पर चिता भस्म की होली, देखिए...जलती चिताओं के बीच जिंदगी का जश्न

भक्ति संग राजनीति पर कटाक्ष
होली का त्योहार एक तरफ जहां फागुन के गीतों के लिए जाना जाता है तो वही हंसी ठिठोली संग मस्ती भरे गीत भी होली पर चार चांद लगाते हैं. काशी की होली अपने आप में अद्भुत है, क्योंकि यहां भोलेनाथ चिता की भस्म संग होली खेलते हैं. यहां का प्रसिद्ध गीत 'खेले मसाने में होली, दिगंबर खेले मसाने में होली' से इस पूरे आयोजन की शुरुआत हुई. कलाकारों ने एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए. एक तरफ जहां भक्ति भाव के साथ परंपरागत गीतों से होली के त्योहार को अलग अंदाज में मनाने की कोशिश की गई तो, वहीं बंगाल के चुनाव से लेकर बढ़ रही महंगाई पर भी गीतों से कटाक्ष किया गया. सीएम योगी आदित्यनाथ, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अखिलेश और राहुल गांधी हर कोई हंसी ठिठोली के इस माहौल में संगीतकारों और कलाकारों के निशाने पर आया. हर किसी पर अपने अंदाज में कटाक्ष करके आखरी में सब ने कहा बुरा न मानो होली है.

इसे भी पढ़ें-विदेशियों के बिना होगी काशी की होली, पर्यटन पर पड़ेगा असर

अभी जारी रहेगी यह मस्ती
अब काशी में होली तक इस तरह के गीत संगीत की महफिल घाटों पर सजेती रहेगी. हंसी ठिठोली संग भांग ठंडाई का भी मजा देखने को मिलेगा. ईटीवी भारत आपको होली के अलग-अलग रंगों से ऐसे ही रूबरू कराता रहेगा. जुड़े रहिए ईटीवी भारत के साथ और लीजिए काशी की अद्भुत होली का अलग-अलग रूप में अपने अंदाज में मजा.

वाराणसी: होली में अगर ब्रज और काशी की बात न हो तो फिर ये त्योहार अधूरा सा लगता है. वैसे तो देश भर में होली अधिकतम तीन दिन तक तक मनाई जाती है. वहीं ब्रज क्षेत्र में इस त्योहार के रंग महीने भर तक उड़ते हैं. ब्रज श्री कृष्ण और राधा की लीला नगरी है, इसलिए यहां के स्थानों से लेकर पर्वों तक के भाव उन्हीं से जुड़े हुए हैं, होली भी इसी क्रम में शामिल हैं. ऐसा ही कुछ बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में भी देखने को मिलता है. काशी में रंगभरी एकादशी से होली की शुरुआत हो जाती है. बाबा भोलेनाथ के स्वरूप संग होली खेलकर भक्त खुद को धन्य मानते हैं.

देखें वीडियो.

होली की मस्ती में डूबे काशी में गीत-संगीत, संस्कृति और सभ्यता का समागम देखने को मिलता है. यहां की अद्भुद संस्कृति खुद-ब-खुद हर त्योहार में शामिल हो जाती है. ऐसा ही कुछ नजारा होली के मौके पर काशी के गंगा घाट पर दिखा, जहां गीत-संगीत की महफिल के साथ ईटीवी भारत आपके सामने लेकर आ रहा है, तो देखिए काशी की अद्भुत और अलौकिक होली का आनंद गीत संगीत की इस शानदार प्रस्तुति के साथ.

गंगा घाटों पर महफिल सजाकर फगुआ रंग.
गंगा घाटों पर महफिल सजाकर फगुआ रंग.

इसे भी पढ़ें-मणिकर्णिकाघाट पर चिता भस्म की होली, देखिए...जलती चिताओं के बीच जिंदगी का जश्न

भक्ति संग राजनीति पर कटाक्ष
होली का त्योहार एक तरफ जहां फागुन के गीतों के लिए जाना जाता है तो वही हंसी ठिठोली संग मस्ती भरे गीत भी होली पर चार चांद लगाते हैं. काशी की होली अपने आप में अद्भुत है, क्योंकि यहां भोलेनाथ चिता की भस्म संग होली खेलते हैं. यहां का प्रसिद्ध गीत 'खेले मसाने में होली, दिगंबर खेले मसाने में होली' से इस पूरे आयोजन की शुरुआत हुई. कलाकारों ने एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए. एक तरफ जहां भक्ति भाव के साथ परंपरागत गीतों से होली के त्योहार को अलग अंदाज में मनाने की कोशिश की गई तो, वहीं बंगाल के चुनाव से लेकर बढ़ रही महंगाई पर भी गीतों से कटाक्ष किया गया. सीएम योगी आदित्यनाथ, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अखिलेश और राहुल गांधी हर कोई हंसी ठिठोली के इस माहौल में संगीतकारों और कलाकारों के निशाने पर आया. हर किसी पर अपने अंदाज में कटाक्ष करके आखरी में सब ने कहा बुरा न मानो होली है.

इसे भी पढ़ें-विदेशियों के बिना होगी काशी की होली, पर्यटन पर पड़ेगा असर

अभी जारी रहेगी यह मस्ती
अब काशी में होली तक इस तरह के गीत संगीत की महफिल घाटों पर सजेती रहेगी. हंसी ठिठोली संग भांग ठंडाई का भी मजा देखने को मिलेगा. ईटीवी भारत आपको होली के अलग-अलग रंगों से ऐसे ही रूबरू कराता रहेगा. जुड़े रहिए ईटीवी भारत के साथ और लीजिए काशी की अद्भुत होली का अलग-अलग रूप में अपने अंदाज में मजा.

Last Updated : Mar 28, 2021, 2:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.